हींग हमारी रसोई में छिपी हुआ कई बीमारियों का रामबाण इलाज है, जिसे हमारी दादी और नानी इस्तेमाल किया करती थीं। हींग को आयुर्वेद में पाचन में सुधार करने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। हिंग को दिल, पेट और दांत से जुड़ी कई समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके अलावा ये यह कफ, वात और पित्त को बढ़ावा देता है। पित्त दोष को बैलेंस करना पेट के लिए बहुत जरूरी है और हींग, पित्त दोष को बैलेंस करता है और डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन आज हम हींग को खाने की बात नहीं करेंगे बल्कि, उसे लगाने की बात करेंगे। जी हां, पेट पर हींग लगाने के फायदे (pet per hing lagane ke fayde) कई हैं। इसका एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट की सूजन को दूर करता है और कई समस्याओं से बचाता है। आइए जानते हैं पेट पर हींग लगाने के तरीके और फायदे।
पेट पर हींग लगाने के 3 तरीके और फायदे-Benefits of applying hing on stomach
1. सरसों तेल में हींग मिला कर लगाएं
सरसों तेल में हींग मिला कर लगाने से ये आपके पेट के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, गैस और ब्लॉटिंग में ये नुस्खा बहुत कारगर तरीके से काम करता है। इसका एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सबसे पहले सूजन को दूर करता है और फिर पेट में एसिड के प्रोडक्शन को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर आपके पेट में बीच में दर्द हो रहा हो तो आपको हींग को सर्कुलर मोशन में घुमाते हुए लगाना है। लेकिन अगर आपका पेट फूला हुआ हो तो हींग गर्म करके और इसे सरसों तेल में मिला कर पूरे पेट पर लगाएं और ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें। इसे मालिश ऐसे करें कि गैस नीचे की ओर आए। इसके अलावा अगर आपको सीने में जलन हो रही हो या लगातार खट्टी डकारें आ रही हो तो आप हींग और तेल को सीने से मलते हुए पेट की ओर लगाएं। आपको कुछ देर ही मालिश करके आराम महसूस होगा। इस तरह आप गैस और ब्लॉटिंग की समस्या में हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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2. हींग गर्म करके देसी घी के साथ मिला कर लगाएं
हींग को गर्म करके देसी घी में मिला कर आप अपने पेट पर लगा सकते हैं। ये पेट में ऐंठन को कम करता है और छोटे बच्चों में गैस की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा ये नुस्खा मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार है।अनियमित पीरियड्स और मासिक धर्म में ऐंठन ज्यादातर महिलाओं के लिए एक बुरा सपना होता है और ऐसे में हिंग का एक प्राकृतिक ब्लड थिनर होने के कारण, पीरियड्स के दौरान रक्त के थक्कों को कम करता है, प्रवाह को सुचारू और आसान बनाता है। इस प्रकार ये निचले पेट और पीठ में ऐंठन को कम करता है। साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी ये नुस्खा बहुत फायदेमंद है। जब गर्भवती महिलाओं को गैस की समस्या होती है तो वे ये नुस्खा अपना सकते हैं। गर्भवती महिलाएं पेट की ऐंठन को कम करने के लिए नाभि पर इसे लगा सकते हैं। इसके लिए
- -एक चुटकी हींग लें।
- -अब देसी घी को गर्म करें और उसमें हींग मिलाएं।
- -अब इसे नाभि पर मालिश करें। ध्यान रहे कि ज्यादा मालिश ना करें। बस हल्का हल्का करें।
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3. हींग को गर्म पानी में मिला कर लगाएं
नाभि खिसकने पर हींग का लेप बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके लिए हींग को गर्म पानी में मिलाएं और इसका एक लेप तैयार करें। फिर इसे अपने नाभि पर लगाएं और हल्के हाथों से नाभि के आस-पास मालिश करें। इस तरह हींग नाभि पर लगाने से आपको दर्द से रात मिल जाएगी।
इन सबके अलावा कीड़े के काटने और डंक मारने पर आप हिंग को लहसुन के तेल में मिला कर प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं। ये से यह प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करता है और काटने और डंक के असर को रोकता है। साथ ही इसका एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण घाव को ठीक करने में भी मदद करता है।
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