Benefits Of Hing For Baby Gas In Hindi: नवजात शिशुओं की समस्या की बात करें, तो उन्हें अक्सर पेट दर्द, पेट में गैस और ब्लोटिंग बनने की शिकायतें होती हैं। ये बहुत ही सामान्य समस्याएं हैं। लेकिन, अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से शिशु की असहजता बढ़ जाती है और इसके दीर्घकालिक बुरे परिणाम भी नजर आ सकते हैं। बहरहाल, बच्चों की गैस की समस्या को दूर करने के लिए कई घरों में हींग का उपयोग किया जाता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें, तो 6 माह से कम उम्र के शिशु को हींग का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन, कई अन्य तरीकों से हींग शिशु के लिए फायदेमंद है। आइए, जानते हैं कि बच्चों की गैस की समस्रू को हींग कैसे दूर करता है और इसके अन्य फायदे क्या-क्या हैं। इस बारे में हमने दिल्ली स्थित जिविशा क्लिनिक में Pediatrician डॉ. अंकित गुप्ता से बात की।
हींग का इस्तेमाल कैसे करें- How To Use Hind For Baby Gas In hindi
1. पहला तरीका
- हींग को पीसकर एक पेस्ट तैयार कर लें
- तैयार पेस्ट से बच्चे के पेट के निचले हिस्से की हल्के हाथों से मालिश करें।
- मालिश खत्म होते हुए बच्चे की पीठ हल्के हाथों से थपथपाएं।
- डकार के रूप में उसके शरीर से गैस रिलीज हो जाएगी।
- गैस रिलीज होने के बाद पेट को हल्के गीले कपड़े या टिश्यूज वाइप से साफ कर लें।
2. दूसरा तरीका
- थोड़े से हींग को एक कपड़े में लपेटकर छोटी सी गठरी बना लें।
- अब एक तवा हल्का गुनगुना गर्म कर लें।
- हींग की पोटली को गैस पर रखकर हल्का गर्म करें।
- अब इसे गर्म पोटली से शिशु के पेट की सिंकाई करें।
- इसी प्रक्रिया को कई बार दोहराएं।
- कुछ देर करने के बाद बच्चे को डकार दिलाने की कोशिश करें।
- इससे बच्चे का गैस रिलीज करने में मदद मिलती है।
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बच्चों की गैस की समस्या दूर करने में हींग कैसे फायदेमंद है?
माना जाता है कि हींग में कार्मिनेटिव प्रॉपर्टी होती है। इसका मतलब है कि पेट या आंतों से गैस को बाहर निकालना। हींग से शिशु की मालिश करने से उसका पाचन तंत्र से गैस को बाहर निकालने में मदद मिलती है। साथ ही, पेट दर्द, पेट में ऐंठन जैसी कई अन्य बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। यही नहीं, डाइजेस्टिव सिस्टम में भी सुधार करने में मददगार साबित होता है।
बच्चों के लिए हींग के फायदे
पाचन क्षमता में सुधार
बच्चों के लिए हींग बहुत ही फायदेमंद होती है। इसकी मदद से बच्चे की पाचन क्षमता में सुधार किया जा सकता है। आपको बता दें कि नवजात शिशुओं के ऑर्गन जन्म के बाद भी विकसित होने की प्रक्रिया में होते हैं। इसलिए, उनकी पाचन क्षमता में भी कमजोर होती है। ऐसी स्थिति में अगर हींग से मालिश या हींग की पोटली से सिंकाई की जाए, तो शिशु की पाचन क्षमता में सुधार देखने को मिल सकता है।
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पेट के दर्द से राहत दिलाता है
आपको पता होगा कि नवजात शिशुओं को ज्यादातर पेट से संबंधित समस्या रहती है। जैसे, ओवर ईटिंग यानी अधिक मात्रा में दूध का सेवन करने से पेट दर्द हो सकता है, पेट न भरने से भी पेट में दर्द होता है और भोजन न पचने पर भी पेट से जुड़ी समस्या देखी जा सकती है। इस तरह की कंडीशन में कई बार शिशु को ब्लोटिंग होने लगती है और पेट दर्द बढ़ जाता है। इस तरह की परेशानी को दूर करने में हींग काफी फायदेमंद है।
पाचन में सुधार
पाचन तंत्र को पूरी तरह विकसित न होने के कारण पेट में दर्द और सूजन की समस्या भी कई बच्चों में देखी जा सकती है। वहीं, नियमित रूप से या जब भी जरूरी हो, तब हींग से बने पेस्ट से शिशु के निचले पेट की माशि करने से उसे काफी आराम आ सकता है। इससे शिशु को अपना भोजन पचाने में मदद मिलती है।
ध्यान रखें ये बातें
6 माह से कम उम्र में शिशु को हींग का सेवन करने नहीं देना चाहिए। इससे शिशु का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। ध्यान रखें कि अगर किसी शिशु को ब्लड डिसऑर्डर है, तो उसे हींग देने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, जब भी हींग का सेवन शुरू करें, पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना न भूलें।