Ayurvedic Treatment Of Pimple In Anus: कुछ लोगों को मलद्वार में फुंसी हो जाती है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है। इस समस्या में व्यक्ति को उठने-बैठने में परेशानी होती है। साथ ही, कई लोगों को चलने में भी दिक्कत का अहसास होता है। मलद्वार में फुंसी होने पर कई व्यक्ति इसे बवासीर समझ लेते हैं। इस समस्या का खुद से इलाज करने से पहले आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। मलद्वार में फुंसी गंदगी, पसीना और अन्य बैक्टीरिया की वजह से हो सकती है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। मेडिकल साइंस में मलद्वार में बने बड़े फोड़े को पेरिएनल (perianal) या रेक्टल फोड़ा (rectal abscess) भी कहा जाता है, यह तब होता है जब मलद्वार में मवाद युक्त फुंसी की आकार बड़ा हो जाता है। एलोपेथी में चीरे से फोड़े को हटाया जाता है। इस समस्या में आप डॉक्टर के पास जाने से घबराएं या झिझक महसूस न करें। डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार आपको सही इलाज शुरू करते है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के नेचुरोपैथी डॉक्टर एस को पाठक से जानते हैं कि मलद्वार में फुंसी के क्या कारण होते हैं। साथ ही, इस समस्या को दूर कैसे किया (treatment of rectal pimple) जाता है।
मलद्वार में फुंसी होने के क्या कारण हो सकते हैं?
- आयुर्वेदिक दृष्टि से जिन लोगों को वात और पित्त की समस्या होती है, उनको मलद्वार में फुंसी हो सकती है।
- ज्यादा तला भुना, मसालेदार और जंक फूड का सेवन करने से शरीर में फुंसी हो सकती है।
- बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण (Bacterial and Fungal Infection) होने पर मलद्वार में फुंसी की समस्या हो सकती है (causes of rectal pimple)।
- कब्ज व मल त्याग में कठिनाई से मलद्वार पर दबाव पड़ता है, जिससे फोड़ा या फुंसी हो जाती है। बुजुर्गों में भी कब्ज की समस्या देखने को मिलती है।
- मलद्वार में सफाई न करना भी फुंसी की वजह बन सकता है।
मलद्वार की फुंसी को दूर करने के आयुर्वेदिक इलाज - Maldwar me funsi hona
त्रिफला चूर्ण
आयुर्वेदाचार्य इस समस्या में व्यक्ति को पेट साफ करने के लिए त्रिफला चूर्ण देते हैं। रात के समय त्रिफला चूर्ण खाने से पेट का मल आसानी से बाहर आता है और कब्ज की समस्या से आराम मिलता है। ऐसे में कब्ज की वजह से होने वाली फुंसी में आराम मिलता है।
नीम और हल्दी
मलद्वार में फुंसी होने पर व्यक्ति को प्रभावित स्थान पर नीम की पत्तियां का पेस्ट लगाने के लिए दिया जाता है। नीम के पेस्ट में चुटकी भर हल्दी को भी मिला सकते हैं। नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं, जबकि हल्दी में करक्यूमिन होता है जो इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है।
अभयरिष्ट
मलद्वार से जुड़ी अधिकतर समस्याएं पेट से जुड़ी समस्याओं की वजह से होती है। ऐसे में पाचन क्रिया को दुरस्त करने और मल त्याग की प्रक्रिया को नियमित करने के लिए अभयरिष्ट दी जाती है। यह औषधी कई जड़ी बूटियों से मिलकर बनाई जाती है।
योग और प्राणायाम
मलद्वार के क्षेत्र में रक्त संचार को बढ़ाने के लिए पवनमुक्तासान कर सकते हैं। पवनमुक्तासन से आंते मजबूत होती है, जिससे पेट और गुदा मार्ग से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। साथ ही योग और प्राणायाम से शरीर के हार्मोन बैलेंस होते हैं और विषैले पदार्थ दूर होते हैं।
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Ayurvedic Treatment Of Pimple In Anus: इसके अलावा, नियमित रूप से साफ-सफाई और मलद्वार को साफ करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, एक ही स्थान पर घंटों न बैठने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आप जीवनशैली में बदलाव कर शरीर की अन्य समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं। मलद्वार से जुड़ी किसी भी समस्या में खुद से दवा लेने से बचें और सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करें।