आंतों में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज: आंत में सूजन की समस्या दूर करने के 6 आयुर्वेदिक उपाय

आंतों में सूजन की परेशानी को कम करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे काफी लाभ हो सकता है।   
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आंतों में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज: आंत में सूजन की समस्या दूर करने के 6 आयुर्वेदिक उपाय


आंतो में सूजन की परेशानी को अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) कहा जाता है। पाचन तंत्र में लंबे समय तक अल्सर बनने की वजह से आंतों में सूजन की परेशानी हो सकती है। आंतों में सूजन होने पर मलाशय के भीतरी भाग को प्रभावित करता है। आंतों में सूजन के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। ताकि गंभीर परेशानियों से बचा जा सके। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि आंत में सूजन का सटीक इलाज नहीं है। हालांकि, इसकी परेशानियों को सही डाइट, योग और कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से कंट्रोल करने की कोशिश की जा सकती है। वहीं, कई डॉक्टर इस परेशानी से राहत पाने के लिए सर्जरी करने की सलाह देते हैं। आज हम इस लेख में आंतों में सूजन के लिए आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से इस बारे में-

आंतों में सूजन का आयुर्वेदिक इलाज ( Ayurvedic Treatment of intestinal inflammation in Hindi)

आंतों में सूजन की परेशानी को जड़ से खत्म करना मुश्किल है। हालांकि, इसमें होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए आप आयुर्वेदिक उपाचारों का सहारा ले सकते हैं। आइए जानते हैं उन उपचारों के बारे में-

1. बेल (Bael)

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि आंतों में सूजन को कम करने के लिए आप बेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। बेल के फलों और पत्तियों में अल्सर को ठीक करने का गुण छिपा होता है। साथ ही यह क्षतिग्रस्त ऊतकों मरम्मत करने में असरदार हो सकता है। बेल के इस्तेमाल से आप न सिर्फ पाचन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि यह अल्सरेटिव कोलाइटिस के कई विभिन्न दर्दनाक लक्षणों को कम करने में असरदार होता है। बेल सूजन को भी कम करने का गुण रखता है। यह बृहदान्त्र और मलाशय के श्लेष्म झिल्ली को शांत करने में आपकी मदद कर सकता है।

2. वचा (Vacha)

आयुर्वेद में वचा का इस्तेमाल कई परेशानियों को कम करने के लिए किया जाता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो  विभिन्न प्रकार की सूजन और आंत में होने वाली परेशानियों को कम करने की क्षमता रखता है। आयुर्वेद में वचा का इस्तेमाल विशेष रूप से अल्सरेटिव कोलाइटिस की परेशानियों को कम करने के लिए किया जाता है। यह आंतों में सूजन को कम करने का प्रभावी गुण रखताहै। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है, जो फ्री-रेडिकल्स से मुक्त करने में आपकी मदद करता है। यह शरीर को विषाक्त पदार्थों से बचाता है। साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर करने में आपकी मदद करता है। 

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3. मुलेठी (Mulethi)

मुलेठी के जड़ों में आइसोफ्लेवोनॉइड एल्कलॉइड (Isoflavonoid Alkaloids) भरपूर रूप से होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुणों को प्रदर्शित करती है। आंतों में सूजन होने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पाचन तंत्र में सेप्सिस या संक्रमण की समस्याओं को कम करने का गुण रखता है। मुलेठी के इस्तेमाल से पेट में एसिड को कम किया जाता है। साथ ही यह आंतों के म्यूकोसा में अल्सरेशन को रोकता है।

4. गिलोय (Giloy)

टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया की दिल के आकार की पत्तियों में तीव्र पाचन और विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं जो वात और पित्त दोषों को बहुत शांत करते हैं। यह न केवल आंतों के क्षेत्र के अल्सरेशन को रोकता है बल्कि पाचन तंत्र के साथ एक सुरक्षात्मक आवरण भी बनाता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों में सुधार के साथ-साथ गिलोय दस्त और पेचिश से भी बचाता है।

5. वायविडंग (Vaividang)

आंतों में सूजन को कम करने के लिए वायविडंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक आयुर्वेदिक हर्ब्स है। इसके सेवन से सूजन और अल्सर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। इसमें एंटी-कार्सिनोजेनिक (anti-carcinogenic) गुण पाया जाता है, जो कोलन और रेक्टम कैंसर को रोकने में मददगार होता है। साथ ही यह एक ऐसी जड़ी बूटी जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। इसके सेवन से फ्री-रेडिकल्स के मुक्त कणों को कम किया जा सकता है। 

6. ग्रीन टी (Green Tea)

ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसके सेवन से आंतों में सूजन की परेशानियों को काफी हद तक कम कर सकते है।  कई प्रकार के देसी इलाज में फायदा होता है। ग्रीन टी को किसी गिलास में पानी लेकर तैयार करें और इसे पी जाएं, इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती है। 

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7. पंचकर्मा डिटॉक्स (Panchakarma Detox) 

पंचकर्मा डिटॉक्स (Panchakarma Detox), आंतों में सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है। इसे आप अपने डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से शरीर में मौजूद गंदगी को साफ किया जाता है। साथ ही यह आपके आंतों के सूजन को कम कर सकता है। पंचकर्मा डिटॉक्स में तीन तरह के तत्वों का मिश्रण होता है, जो आंतों के सूजन को कम कर सकता है।

वस्ति एनेमा (Vasti Enema), जो बड़ी आंत के माध्यम से शरीर से अपशिष्ट को खत्म करने के लिए वात ऊर्जा का उपयोग करता है और कोलन को सामान्य मल त्याग के लिए फिर से सेट करता है।

हर्बल शुद्धिकरण-  यह विषाक्त पदार्थों और सूजन स्राव को खत्म करके सामान्य मल त्याग को बहाल करने में मदद करता है और पित्त, छोटी आंत और यकृत को साफ करता है।

सिरोधरा-  जो मानसिक और भावनात्मक समर्थन के लिए सहायता प्रदान करता है।

आंतों में सूजन को कम करने के लिए आप इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको काफी असरकारी फायदा हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करने से पहले एक बार एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें। ताकि गंभीर परेशानियों से बचा जा सके। वहीं, आंतों में सूजन होने पर अपने डाइट का ध्यान रखें। नियमित रूप से योगासन करें। साथ ही पेट की मालिश करेँ। इससे आपको काफी फायदा हो सकता है।

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