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गर्मियों में सनस्ट्रोक (लू) से बचने के लिए फॉलो करें ये 3 आयुर्वेदिक टिप्स, रहेंगे कूल और एनर्जेटिक

Tips To Prevent Sunstroke In Summer: गर्मियों में सनस्ट्रोक और हीट स्ट्रोक के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है, जानें इससे बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय।  
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गर्मियों में सनस्ट्रोक (लू) से बचने के लिए फॉलो करें ये 3 आयुर्वेदिक टिप्स, रहेंगे कूल और एनर्जेटिक

जून-जुलाई के मौसम में गर्मी बहुत बढ़ जाती है और गर्म हवाएं (लू) भी चलती है। लोग इन दिनों गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। गर्मियों के दौरान सनस्ट्रोक, जिसे हीट स्ट्रोक भी कहते हैं हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला सबसे आम कारक है। सनस्ट्रोक गर्मी की बीमारी का एक तीव्र रूप है, जो शरीर के तापमान में अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है। जिसके चलते लोगों को भ्रम, सिरदर्द, चक्कर आना, त्वचा का लाल पड़ जाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सिर्फ आपको शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही इससे आंतरिक अंगों को भी नुकसान पहुंच  सकता है। गर्मियों में के दौरान मतली, दौरा, भ्रम, भटकाव और कभी-कभी चेतना खो देना इसके कुछ आम लक्षण हैं।


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आयुर्वेदिक चिकित्सक (BAMS Ayurveda) डॉ. दीक्षा भावसार की मानें तो गर्मियों में सनस्ट्रोक और उससे होने वाली समस्याओं से बचने में आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है। साथ ही आपको गर्मियों में कूल और एनर्जेटिक महसूस करा सकता है। इस लेख में हम आपको गर्मियों में सनस्ट्रोक से बचने के लिए एक्सपर्ट की सुझाई 3 आयुर्वेदिक टिप्स (Ayurvedic Tips To Prevent Sunstroke In Summer In Hindi) बता रहे हैं।

Tips To Prevent sunstroke

गर्मियों में सनस्ट्रोक से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय ( Ayurvedic Tips To Prevent Sunstroke In Summer In Hindi)

1. दिन में सोना

डॉ. दीक्षा की मानें आयुर्वेद में गर्मियों को छोड़कर हर मौसम में दिन में सोने की मनाही है। ग्रीष्म ऋतु (गर्मी) के लिए ठंडे स्थानों (घर के अंदर) में दोपहर में झपकी लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि मौसम गर्म होता है और सूरज हमारी अधिकांश ऊर्जा को सोख लेता है। गर्मियों में दिन में झपकी लेने से ऊर्जा बहाल होती है और मानसिक और शारीरिक थकान से राहत मिलती है।  यह शरीर में कफ को भी बढ़ाता है जो गर्मियों में शुष्क और गर्म मौसम के कारण कम हो जाता है। झपकी लेने का सबसे अच्छा समय है भोजन के 1 घंटे बाद लेकिन भोजन के ठीक बाद कभी न सोएं। सोने के लिए दिशा बायीं ओर करवट लेकर सोना है। जो आपके पाचन को बेहतर बनाती है।

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2. चांद के नीचे सोना

अन्य मौसमों के विपरीत, आयुर्वेद गर्मियों के दौरान रात में बाहर (चांद के नीचे) समय बिताने का सुझाव देता है। गर्मियों के दौरान रात में बाहर समय बिताना विशेषकर चांद के नीचे या चांद की ओर मुंह करके सोना। दिन के दौरान होने वाली थकावट से राहत देता है। चांद की चांदनी दिमाग और शरीर को ठंडा करती है और आपको अच्छी नींद लेने में मदद करती है। इसलिए रात में अगर सुविधाजनक हो तो ठंडा रहने के लिए एसी और कूलर में सोने की बजाए प्राकृतिक चांदनी में सोएं।

 

 

 

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3. प्राकृतिक रूप से ठंडा पानी और ड्रिंक पीएं

आयुर्वेद गर्मियों के दौरान मिट्टी के बर्तन में संग्रहित पानी के से न की सलाह देता है। मिट्टी के बर्तन में पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है। गर्मी के दिनों में कमल, गुलाब, वेटिवर, पुदीना, धनिया का पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि गर्मी को मात दी जा सके, सनस्ट्रोक को रोका जा सके और प्राकृतिक रूप से ठंडा रहे। आयुर्वेद भी प्राकृतिक कोल्ड ड्रिंक्स या शरबत जैसे बिल्व (बेल), सौंफ, पुदीना, नारियल पानी, गन्ने का रस, सत्तू, गुलकंद पीने और ठंडा रहने के लिए अंगूर, तरबूज, अनार जैसे रसदार ठंडे फल खाने का सुझाव देता है।

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