गले में कई तरह की परेशानियां होती हैं। उन्हीं में से एक है गले की एलर्जी। गले में एलर्जी की शिकायत तब होती है, जब हमारे आसपास मौजूद धूल कण हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। ये कण शरीर में प्रवेश करके इम्यून सिस्टम (Immune System) को कमजोर कर देते हैं। वहीं, जब दोबारा यह कण शरीर में प्रवेश करते हैं, तो संवेदनशील इम्यून सिस्टम प्रतिक्रिया करने लगती है। इस प्रतिक्रिया को एलर्जी (Throat Allergy) कहते हैं। एलर्जी का यह प्रभाव जब छगले पर असर डालती है, तो इसे गले की एलर्जी कहते हैं। मौसम में बदलाव, पराग कण (जैसे- फूल और पौधों के पराग), धूल-मिल्टी, धुआं, टूथपेस्ट और कॉस्मैटिक्स से किसी भी व्यक्ति को एलर्जी की शिकायत होती है।
सिरसा के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि गले में एलर्जी की शिकायत होने पर आयुर्वेद (Ayurvedic Medicine for Throat Allergy) में दवाइयां देने के साथ-साथ कुछ परहेज करने की भी सलाह दी जाती है। यह परहेज मरीज को तब तक करना होता है, जब तक गले की एलर्जी पूरी तरह से ठीक न हो जाए। गले में एलर्जी होने पर आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। जैसे-
- जरूरत से ज्यादा अगर आप पानी पीते हैं, तो उसे कम कर दें। सामान्य मात्रा में पानी (सीजन और अपने शरीर के अनुसार) पिएं।
- गले में एलर्जी के दौरान रात के समय पानी और दूध का सेवन बंद कर दें। हालांकि, आप दिन में पी दूध सकते हैं।
- खट्टे फलों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
- फिटकरी और नमक से गरारा करें।
गले की एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि गले में एलर्जी के लिए आप कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं यानि जड़ी-बूटियों का सहारा ले सकते हैँ। हालांकि, इन जड़ी-बूटियों का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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1. सोहांजना (Sohanjna)
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि गले की एलर्जी को दूर करने के लिए सोहांजना काफी मददगार हो सकता है। आज सोहांजना की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पी सकते हैँ। इसके लिए सोहांजना की पत्तियों को पीसकर रातभर पानी में छोड़ दें। सुबह इस पानी को 10 से 15 मिनट तक गर्म करके पी जाएं। कुछ दिनों तक सोहांजना का काढ़ा पीने से आपके गले की एलर्जी दूर हो सकती है।
2. शिग्रू का काढ़ा
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि गले में एलर्जी की प्रतिक्रिया अगर ज्यादा हो रही है, तो आप शिग्रू का इस्तेमाल कर सकते हैं। शिग्रू एक आयुर्वेदिक दाव है, जिससे गले में एलर्जी की प्रतिक्रिया कम हो सकती है।
3. मुलेठी का काढ़ा
अगर गले की एलर्जी की वजह से आपकी अवाज खराब हो रही है, तो आप मुलेठी का काढ़ा पी सकते हैं। इसके अलावा आप मुलेठी को चबा भी सकते हैं। इससे आपको काफी फायदा होगा। मुलेठी का काढ़ा तैयार करने के लिए 1 टुकड़ा मुलेठी का लें। अब इसे अच्छे से कूटकर रातभर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह इस पानी को अच्छे से उबाल लें और इसे पी जाएं। इससे गले की अवाज ठीक हो सकती है। साथ ही गले में बलगम की परेशानी भी दूर होगी।
4. दालचीनी
गले में एलर्जी होने पर दालचीनी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल कम मात्रा में करें। क्योंकि इसकी तासीर काफी गर्म होती है। इसका इस्तेमाल पतले रेशे में ही करें। लेकिन अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक दालचीनी का सेवन न करें। इससे आपको अन्य परेशानियां हो सकती हैं। एलर्जी की समस्या को दूर करने के लिए दालचीनी का सेवन आप शहद के साथ कर सकते हैं। वहीं, दालचीनी का काढ़ा पी पिया जा सकता है।
5. अदरक
आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, अगर आपको गले की एलर्जी होने पर अगर रेशा और छींके ज्यादा आ रही हैं, तो आप अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं। अदरक की चाय और अदरक का काढ़ा गले की एलर्जी और छींक को कंट्रोल करने में असरदार हो सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल भी अपने शरीर की तासीर के हिसाब से ही करें।
6. आंवला
गले में एलर्जी की शिकायत को दूर करने के लिए भी आप आंवला (Can Amla cure allergy?) का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है, जो एलर्जी की प्रतिक्रिया का कम करने में आपकी मदद कर सकता है। एलर्जी की शिकायत को दूर करने के लिए 1 चम्मच सूखे आंवले का पाउडल लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर इसे चाट लें। दिन में दो बार इसका सेवन करने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी। साथ ही इससे एलर्जी की प्रतिक्रिया भी दूर हो सकती है।
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7. तुलसी
गले में एलर्जी होने पर आयुर्वेद में तुलसी की पत्तियों का भी इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट जैसा गुण मौजूद होता है, जो गले की परेशानी से राहत दिलाने में आपकी मदद करता है। तुलसी की पत्तियों को आप चाय में या फिर काढ़े में डालकर यूज कर सकते हैं। वहीं, सुबह उठकर गर्म पानी के साथ 2 से 3 तुलसी की पत्तियां लें। इससे भी आपको काफी आराम महसूस होगा।
8. गिलोय
गले की एलर्जी को दूर करने के लिए आप गिलोय का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में गिलोय का खास महत्व होता है। इम्यून बढ़ाने से लेकर शरीर की कई अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में गिलोय आपकी मदद कर सकता है। आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, गिलोय में एंटीबायोटिक जैसा गुण मौजूद होता है, जो गले की एलर्जी को दूर कर सकता है। गले की एलर्जी होने पर गिलोय का इस्तेमाल काढ़े या फिर अर्क के रूप में कर सकते हैं। हालांकि, इसकी मात्रा जानने के लिए आपको आयुर्वेद एक्सपर्ट से सलाह लेने की जरूरत है। अपने हिसाब से इसका सेवन न करें।
आयुर्वेदाचार्य के बताए गए इन जड़ी-बूटियों की मदद से आप गले में एलर्जी या फिर एलर्जी की अन्य प्रतिक्रिया को दूर कर सकते हैं। हालांकि, किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वहीं, अगर आपकी परेशानी बढ़ रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। क्योंकि शरीर में इन जड़ी-बूटियों की अधिकता से आपकी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए आयुर्वेद एक्सपर्ट से राय लेकर ही इनका सेवन करें।