आयुर्वेद में कई वनस्पतियों का प्रयोग औषधीय रूप में किया जाता है। कुकरौंधा एक ऐसा ही वनस्पतिय पौधा है। दिखने में छोटा होता है पर आयुर्वेदिक गुण बहुत बड़े होते हैं। कुकरौंधा का वानस्पतिक नाम ब्लूमिया लासेरा ( BLUMEA LACERA) है। इस पौधे में से कपूर जैसी गंध आती है। कुकरौंधा में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में कुकरौंधा को बवासीर की असरकारक दवा माना है। कुकरौंधा (Kukundar Benefits) बुखार, बवासीर, घाव भरने आदि परेशानियों में काम आता है। इसके फूल पीले होते हैं जो रूई के रेशों के समान होते हैं और हवा चलने पर उड़ जाते हैं। यह पौधा बारिश के मौसम में उगता है। इस मौसम में त्वचा से जुड़ी जो परेशानियां होती हैं, उनमें भी कुकरौंधा (Kukraundha Benefits) लाभकारी है। यह नेपाल आदि में पाया जाता है। आज के इस लेख में हापुड़ के चरक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में शल्य विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. भारत भूषण से जानेंगे कि कुकरौंधा के औषधीय गुण क्या हैं और इसे प्रयोग में कैसे लाना है।
कुकरौंधा के विभिन्न नाम
प्रत्येक प्रांत में हर वनस्पति को अलग नामों से जाना जाता है। इसी तरह कुकरौंधा है। कई लोग कुकरौंधा और करौंदा में कन्फ्युज हो जाते हैं। पर ध्यान रहे कि कुकरौंदा एक पौधा है, जबकि करौंदा एक छोटे कद का पेड़ होता है। जिस पर गुलबी रंग का फल आता है। करौंदे का स्वाद खट्टा होता है। कुकरौंधा के पत्ते हरे होते हैं और फूल पीले होते हैं। यह आकार में छोटा सा पौधा होता है। इसके विभिन्न नाम इस प्रकार हैं-
हिंदी - कुकरौंधा, कुकरोदा, जंगली मूली
अंग्रेजी- ब्लूमिया
संस्कृत - कुकुंदर, सूक्ष्मपत्र, ताम्रचूड
कुकरौंधा की मेडिसिनल प्रॉप्रटीज
डॉ. भारत भूषण का कहना है कि आयुर्वेद में कुकरौंधा के पत्ते और तना दवाम के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। भावप्रकाश ग्रंथ में इसके बारे में बताया गया है। यह पौधा Asteraceae फैमिली का है। इसके गुण निम्न हैं-
रस (स्वाद) - तिक्ता (कड़वा), कक्षाय
गुण - लघु (पचने में हल्का), रक्षा (रूखा), तीक्षणा (कड़वा)
विपाक - कटु
वीर्य (शक्ति) - उष्ण (गर्म)
कर्म - कफपित्त शामक
कुकरौंधा के औषधीय गुण
1. बवासीर की समस्या करे दूर
बवासीर की परेशानी होने पर कुकरौंधा का पौधा बहुत लाभकारी है। इस परेशानी में व्यक्ति को उठने-बैठने से लेकर चलने-फिरने तक में परेशानी होती है। बवासीर के रोगी को मल त्याग करने में समस्या होती है। ऐसे में कई बार उसे एनल फिशर की समस्या भी हो जाती है।
डॉ. भारत भूषण का कहना है कि कुकरौंधा के पत्ते बवासीर के रोगी के लिए बहुत लाभदायक हैं। यह बवासीर की दवा के रूप में काम करते हैं। बवासीर की परेशानी में कुकरौंधा के पौधे की पत्तियों को उबालकर 1 चौथाई बचने पर ठंडा करके पीएं। इसे सुबह-शाम लें। 30-40 एमएल लें। अगर छोटा बच्चा है तो उसे 10-15 एमएल दें।
2. पेट के रोगों में लाभकारी
छोटे बच्चों को अक्सर पेट में कीड़े हो जाते हैं। इन कीड़ों को खत्म करने में कुकरौंधा लाभकारी है। इसके लिए आपको कुकरौंधा का काढ़ा यानी क्वाथ प्रयोग में लाना है। उसे सुबह- शाम 30-40 एमएल लें। पत्तों को क्रश करके पानी में डालें जब पानी की क्वांटिटि 1 चौथाई रह जाए तब उसे पी लें। पर ध्यान रहे कि यह काढ़ा तुरंत बनाकर पीएं। बासी काढ़ा प्रयोग में न लाएं।
3. खांसी, जुकाम, सिरदर्द में लाभकारी
मौसम बदलते ही खांसी-जुकाम जैसी परेशानी होती हैं। कई बार कमजोर इम्युनिटी की वजह से भी ऐसी परेशानियां होती हैं। लेकिन कुकरौंधा का पत्तों का काढ़ा पीने से खांसी-जुकाम और सिर दर्द में लाभ मिलता है। यह काढ़ा तुरंत बनाकर पीएं। बासी काढ़ा न पीएं।
इसे भी पढ़ें : खुजली, घाव जैसी 9 बीमारियों से निजात दिलाए करंज, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके फायदे और नुकसान
4. सूजन करे दूर
चोट लगने या मोच आने पर सूजन हो जाती है उस सूजन को दूर करने में भी कुकरौंधा फायदेमंद है। कुकरौंधा में ऐसे गुण होते हैं जो इन्फ्लेमेशन को दूर करता है। इसे काढ़ा और पीसकर लगाने से भी लाभ मिलता है। जिस जगह पर सूजन है वहां कुकरौंधा के पत्तों को पीसकर लगाएं। सूजन जल्दी ही खत्म हो जाती है। साथ ही दर्द भी चला जाता है। डॉ. भारत भूषण का कहना है कि अगर किसी को कंजंक्टिवाइटिस हो गया है और सूजन हो गई है तो कुकरौंधा के पेस्ट को सूजन वाली जगह पर लगाएं। सूजन ठीक हो जाएगी। पर ध्यान रहे कि पेस्ट को आंखों के अंदर न लगाएं। आंख के ऊपर ही लगाएं।
5. चोट का घाव भरे
चोट लगने पर अगर घाव हो जाता है या कोई और पुराना इंफेक्शन है जो ठीक नहीं हो रहा है तो कुकरौंधा के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। घाव में पस पड़ जाने पर भी यह पेस्ट लाभकारी है। डॉ. भारत भूषण का कहना है कि आजकल घाव को साफ करने के लिए बीटाडीन का प्रयोग किया जाता है। लेकिन अगर तुलसी के पत्तों से बने डिकोशन का प्रयोग करके घाव को साफ किया जाए और कुकरौंधा के पत्तों को पीसकर घाव पर लगया जाए तो घाव जल्दी भर जाता है।
इसे भी पढ़ें : हाथ और पैरों की उंगलियों में सूजन से हैं परेशान तो, जानें इसका कारण और 4 घरेलू उपाय
6. मुंह के छालों में लाभदायक
मुंह में अगर छाले हो गए हैं तब भी कुकरौंधा लाभकारी है। डॉ. भारत भूषण का कहना है कि अगर किसी को मुंह में छाले हो गए हैं तो कुकरौंधा के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसे में मुंह में घुमाएं या कुछ देर में मुंह में रखें। कुछ देर बाद काढ़े को बाहर निकाल दें। इससे मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
7. बुखार में फायदेमंद
किसी भी कारण से अगर आपको बुखार आ गया है तो कुकरौंधा बहुत लाभकारी है। बुखार को दूर करने में भी इसका काढ़ा बनाकर पीएं। सुबह-शाम इस काढ़े का सेवन करें।
8. सफेद बालों को रोके
जिन लोगों के असमय सफेद बाल हो जाते हैं, उनके लिए भी ककरौंधा लाभकारी है। ऐसे लोगों को भी ककरौंधा के पत्तों का काढ़ा बनाकर उस काढ़े से बालों को धोना चाहिए। उससे सफेद बाल होने की समस्या दूर जाती है।
9. लिवर के लिए फायदेमंद
किसी पेशेंट के अगर लिवर का साइज बढ़ गया है तो उसमें भी कुकरौंधा फायदा करता है। कोई पेशेंट अगर शराब पीता है तो उनमें अक्सर फैटी लिवर की परेशानी हो जाती है। तो उसमें भी पत्तों का काढ़ा पीएं। कुकरौंधा के पत्तों का ब्रोकांटिस में भी मदद करता है। जिस पेशेंट सांस संबंधी परेशानियां हैं तो उसे भी काढ़ा पीना चाहिए। कुकरौंधा कई रूपों में प्रयोग में लाया जाता है। इसके उपयोग से बाल, पेट, लिवर आदि की परेशानियां दूर होती हैं। इसको सही मात्रा में उपयोग करने से जल्दी लाभ मिलता है।
Read More Articles on ayurveda in hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version