चीन से निकला गुलदाउदी का पौधा आज दुनिया भर में अपनी खुशबू और औषधीय गुणों के चलते प्रथम स्थान पर है। गुलदाउदी के फूल आयुर्वेद में कई तरह के रोगों का नाश करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। हापुड़ के चरक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में शल्य विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. भारत भूषण का कहना है कि गुलदाउदी एक फूल वाला पौधा है। इसका वानस्पतिक नाम Chrysanthemum इंडिकम है। गुलदाउदी को आमतौर पर मम (mum) भी कहा जाता है। इस फूल का प्रयोग दवा के रूप में किया जाता है। गुलदाउदी का प्रयोग, छाती में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर, सिरदर्द आदि में किया जाता है। चीन में इसे चाय के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। प्रोफेसर भारत भूषण से जानते हैं कि गुलदाउदी का प्रयोग किन बीमारियों में किया जाता है और कैसे किया जाता है।
गुलदाउदी की पहचान और विभिन्न नाम
गुलदाउदी एक सजावटी पौधा है। दुनियाभर में इसकी लगभग 30 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसकी जड़ें शाखादार, रेशेदार होती हैं। तना कोमल होता है। पत्तियों की कोर कटी होती है। गुलदाउदी के फूल गुलाबी, नारंगी, सफेद आदि अनेक रंगों में पाए जाते हैं। गुलदाउदी का वानस्पतिक नाम Chrysanthemum indicum Linn. है। इसमें क्राईसेन्थिमम का मतलब है सोने का फूल और इंडिकम का अर्थ है भारत का। गुलदाउदी के विभिन्न नाम निम्न प्रकार हैं-
- हिंदी - सेवती, गुलदाउदी
- अंग्रेजी - इंडियन क्राइसेन्थिमम
- संस्कृत - शतपत्री, सेवन्ती
गुलदाउदी के फायदे और प्रयोग
गुलदाउदी के फूल, पत्तों और जड़ों का प्रयोग आयुर्वेद में की तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है। प्रोफेसर भारत भूषण के मुताबिक निम्न बीमारियों में गुलदाउदी का प्रयोग किया जा सकता है-
1. छाती में दर्द
छाती में दर्द होने पर गुलदाउदी के फूलों का प्रयोग किया जाता है। इसके फूलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर चाय में भी प्रयोग लाया जा सकता है। छाती में दर्द किसी भी कारण से हो सकता है। अगर यह सर्दी, खांसी से होने वाला दर्द है तो आप गुलदाउदी के फूलों का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन अगर कोई गंभीर बीमारी है तो चिकित्सक की सलाह से ही गुलदाउदी के फूलों का प्रयोग करें। हर मर्ज में इसकी डोसेज अलग होती है।
2. गैस की समस्या को करे दूर
गुलदाउदी के फूल में ऐसे गुण होते हैं जिनके कारण यह गैस के कारण होने वाले पेट दर्द को भी ठीक कर देता है। गैस की परेशानी होने पर गुलदाउदी के फूलों का काढ़ा बनाकर पीएं, इस परेशानी में आराम मिलता है। गैस का दर्द बहुत दुखदायी होता है। कई बार दवाएं खाने से भी लाभ नहीं मिलता, ऐसे में आयुर्वेदिक दवाएं लाभकारी साबित होती हैं। इस काढ़े को 20 मि.ली की मात्रा में सुबह-शाम पी सकते हैं।
3. दिल को रखे स्वस्थ
Chrysanthemum के फूलों का सेवन करने से दिल का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। यह फूल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी सहायक होते हैं। प्रोफेसर भारत भूषण के मुताबिक, क्राईसेन्थिमम के फूल ब्लड फ्लो को हृदय तक बढ़ाते हैं। इससे हृदय घात, हार्ट अटैक, ब्लड क्लॉटिंग जैसी परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके लिए आप गुलदाउदी के फूलों का काढ़ा या रस का सेवन कर सकते हैं। इस तरह आप अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक का परामर्श ले सकते हैं। गुलदाउदी में कार्डिक टॉनिक का गुण पाया जाता है। इस वजह से यह हृदय के लिए लाभकारी है।
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4. बुखार
बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी परेशानियां सताने लगती हैं। साथ ही मानसून के मौसम में यह वायरल बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है। अगर आप भी ऐसी परेशानियों से गुजर रहे हैं तो सुबह शाम 20 मिली. गुलदाउदी के फूलों का काढ़ा पी सकते हैं। इससे आपको शरीर में गर्माहट महसूस होगी साथ ही वायरल बुखार के लक्षणों से भी निजात मिलेगी।
5. घाव भरने में सहायक
गुलदाउदी के फूलों में शीत गुण होता है जिस वजह से जले-कटे की जलन के साथ-साथ चोट के घाव को भरने में भी मददगार साबित होता है। गुलदाउदी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है। साथ ही जले कटे की जलन भी जल्दी जाती है। इसके फूल एंटी-सेप्टिक की तरह काम करते हैं।
6. सिरदर्द में लाभकारी
बढ़ते तनाव की वजह से कई बार सिरदर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं। इसके अलावा अनिद्रा भी सिर दर्द की बड़ी वजह है। सिर दर्द को भगाने के लिए कई तरह की दवाएं खाना नुकसानदायक भी साबित होता है, ऐसे में आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना ज्यादा लाभकारी है। प्रोफेसर भारत भूषण के मुताबिक गुलदाउदी में शीत गुण पाया जाता है। जिस वजह से यह सिर दर्द में आराम देता है। गुलदाउदी सिर दर्द को भगाने का अच्छा घरेलू नुस्खा है।
7. चक्कर आने पर गुलदाउदी का लाभ
गुलदाउदी का फूल चक्कर (Dizziness) आने की समस्या से भी निजात दिलाते हैं। इसकी चाय का सेवन लाभकारी है। ज्यादा जानकारी के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लें।
8. मुंह के छालों में लाभकारी
मुंह के छाले होने पर कुछ खाने पीने में तो दिक्कत होती ही है साथ ही मुंह में जलन भी होती है। इस परेशानी से बचने के लिए आप गुलदाउदी का सेवन कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले शीत गुण मुंह की जलन से राहत दिलाते हैं।
9. अनिद्रा की परेशानी
भागती-दौड़ती जिंदगी में अनिद्रा एक आम समस्या बन गई है। रात भर नींद नहीं आना, सुबह थकान महसूस करना। इन सब कारणों से प्रोडक्टिविटी पर भी प्रभाव पड़ता है। इस परेशानी से बचने के लिए आप गुलदाउदी की चाय बनाकर पी सकते हैं। इससे आपको नींद अच्छी आएगी और अनिद्रा की समस्या दूर जाएगी।
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गुलदाउदी का उपयोग
इसके फूलों को सुखाकर पाउडर फॉर्म में उपयोग में लाया जा सकता है। 1 gm से 3 gm तक डोज ही देना है। यह मात्रा अलग-अलग बीमारियों में अलग-अलग होती है।
सावधानी और साइड इफैक्ट
- प्रोफेसर भारत भूषण का कहना है कि अगर आप प्रेगनेंट हैं या स्तनपान कराती हैं तो गुलदाउदी का सेवन करने से बचें या न करें।
- गुलदाउदी के अधिक मात्रा में उपयोग करने से दस्त की परेशानी भी हो सकती है।
गुलदाउदी का पौधा कई औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके फूल, जड़ और पत्ते अधिक उपयोगी हैं। गुलदाउदी ने एक ऐतिहासिक लंबी यात्रा पूरी करके आज आयुर्वेद में बतौर औषधी के रूप में प्रयोग लाया जा रहा है। इसके सही मात्रा में सेवन से मुंह, हृदय आदि के रोग ठीक हो सकते हैं।
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