कोरोना ने जिंदगी को एक जगह रोक दिया है। भारत के कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया। अब धीरे-धीरे शर्तों के साथ अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है। ज्यादातर प्रोफेशनल्स वर्क फ्रॉम होम पर हैं। ऐसे में वे मरीज जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, वे अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं। सिर्फ गंभीर बीमारियों के मरीज ही नहीं बल्कि ऐसे लोग भी जो किसी अन्य परेशानी से जूझ रहे हैं वे भी अस्पताल का मुंह नहीं देखना नहीं चाहते। ऐसे में लोग घरेलू उपाय ही अपना रहे हैं। आयुष मंत्रालय के उपायों को अपना रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच में जो हार्ट के मरीज हैं, वे ज्यादा चिंतित हैं। क्योंकि जैसाकि हम जानते हैं कि कोरोना का प्रभाव उन लोगों पर ज्यादा गंभीर तरीक से होता है जो किसी तरह की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में हार्ट के मरीजों की चिंता लाजिमी है। ऐसे मरीज जो किसी तरह की हार्ट की बीमारी से जूझ रहे हैं पर अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं वे घर पर अपना ख्याल कैसे रख सकते हैं, उसके बारे में राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा बता रहे हैं कुछ जरूरी टिप्स।
ऐसे मरीज जो हार्ट के पेशेंट हैं, पर संक्रमित नहीं हैं
डॉ. अवधेश शर्मा का कहना है कि ऐसे मरीज जो हार्ट के पेशेंट हैं, पर कोरोना से संक्रमित नहीं हैं। ऐसे मरीज ज्यादा रिस्क पर होते हैं। इनकी रोग से लड़ने की क्षमता सामान्य व्यक्ति के मुकाबले में कम होती है। ऐसे लोगों के लिए डॉक्टर कहते हैं कि ऐेसे लोग कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन करें। अच्छी डाइट लें। व्यायाम करें। अगर ऐसे लोग कोरोना से संक्रमित हुए तो इन्हें गंभीरता ज्यादा होगी।
ऐसे मरीजों की दिल की बीमारियों की जो दवाएं चल रही हैं, उनको वैसे ही खाएं जैसे डॉक्टर ने बताई हैं। ऐसे मरीज अस्पताल जाने से बचें। टेलीकंसल्टेशन से डॉक्टर की मदद लें। कोरोना की वजह से लोगों को तनाव हो रहा है, डॉक्टर का कहना है कि ऐसे लोग तनाव न लें। इससे इम्युनिटी पर असर पड़ेगा। और हार्ट डिजीज बढ़ेगी।
वो मरीज जो हार्ट के पेशेंट है और कोरोना संक्रमित होने पर होम आइसोलेशन में हैं
ऐसे मरीजों को लेकर डॉ. अवधेश शर्मा कहते हैं कि ऐसे मरीजों में कोविड की गंभीरता होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे मरीजों में अगर सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन लेवल कम होना, रेस्परेटरी बढ़ना, बुखार कम नहीं होना आदि दिक्कत होती हैं, तो ऐसे लोग बिना देर किए डॉक्टर से बात करके अस्पताल में भर्ती हो जाएं।
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ऐसे मरीज जो कोविड से रिकवरी के बाद अस्पताल से घर आ गए
ऐसे पेशेंट्स में कोरोना की वजह से थक्के जमने की कैपेसिटी कोरोना से ठीक होने के बाद एक महीने के बाद भी रहती है। डॉक्टर कहते हैं कि ऐसे मरीज कोविड नेगेटिव हो भी जाएं तब भी धमनियों में धक्के जमने की क्षमता रहती है। कोविड नेगेटिव होने के बाद भी हार्ट अटैक की संभावना बनी रहती है।
ऐसे मरीज जो कोविड से रिकवरी के बाद घर आ गए हैं वे घर आकर भी हार्ट अटैक की दवाएं लेते रहें। कोविड नेगेटिव होने के बाद भी अगर सीने में दर्द होता है या सांस लेने में तकलीफ है, तो ईसीजी, डी-डाइमर और इको की जांच जरूर कराएं। कोविड के इलाज में स्टेरॉयड का प्रयोग बहुत होता है, इसकी वजह से बीपी और शुगर दोनों बढ़ जाते हैं, ऐसे में पेशेंट को इनका भी ध्यान रखना है। अगर यह बढ़ रहा है तो डॉक्टर से बात करें।
हार्ट केयर पर क्या कहता है डब्लूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया भर में कार्डियोवास्कुलर डिजीज मौत का बड़ा कारण है। दुनिया में हर 3 में से 1 इंसान की मौत हार्ट की बीमारी से होती है। डब्लूएचओ के मुताबिक यह परेशानियां उन लोगों को ज्यादा होती हैं जो तंबाकू का सेवन, अनहेल्दी खानपान, मधुमेह, हाइपरटेंशन, शराब का सेवन आदि को जल्दी होती हैं।
किसी नेक काम को करने में देरी नहीं करनी चाहिए। लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप भी हार्ट की बीमारियों की गंभीरता से बच सकते हैं। कोरोना के समय में भी डब्लूएचओ के ये टिप्स सभी के काम आ सकते हैं।
हेल्दी डाइट का सेवन करें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दिल की बीमारियों से हेल्दी डाइट को अपनाकर बचा जा सकता है। जिसमें हरी सब्जियां, फल, अनाज, मेवा आदि शामिल है। तो वहीं, डॉक्टर शर्मा का कहना है कि ऐसे मरीजों को नमक का सेवन कम करना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में ज्यादा नमक होता है उनके सेवन की जगह उनके विकल्पों का सेवन करें। सोडियम का अवशोषण कम करें। जंक फूड का सेवन न करें। ऐसे स्नैक्स जिनमें शुगर ज्यादा होता है उन्हें मीठे फलों के साथ रिप्लेस करें। मीठे पेय पदार्थों को मीठे जूस के साथ बदलें। इस तरह खानपान में हेल्दी डाइट को अपना सकते हैं। ऐसे आप खुद को दिल का मरीज बनाने से बचा सकते हैं।
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मोटापा घटाएँ
कहा जाता है कि जिन लोगों का मोटापा ज्यादा होता है, उनमें अन्य बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। ऐसे में डब्लूएचओ का मानना है कि हार्ट की बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि अगर आप ओवरवेट हैं तो इसे कम करें। जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर होता है वे मोटापे की कैटेगरी में आते हैं।
फिजिकल एक्टिविटिज करें
फिजिकल एक्टिविटिज करने से ब्लड सर्कुलेशन लेवल ठीक रहता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रहता है। कुछ न करने से बेहतर है कि कुछ फिजिकल एक्टिविटी कर लें। एक हफ्ते में 150 मिनट कुछ भी एक्सरसाइज करें। इससे आपकी हार्ट की बीमारियों का चांस कम हो जाता है। तो वहीं, तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन आदि दिल की बीमारियों के खतरे बढ़ा देते हैं। ऐसे में तंबाकू और शराब को अवोइड करें। तो वहीं, कोरोना काल में भी ऐसे मरीज जो हार्ट के मरीज हैं वे भी तंबाकू का सेवन शराब का सेवन करें।
हार्ट की बीमारियां गंभीर रूप से परेशान करती हैं। कोरोनाकाल में हार्ट के मरीजों को अपना ख्याल रखने की ज्यादा जरूरत है। क्योंकि कोरोना उनके लिए ज्यादा गंभीरता पैदा कर सकता है। ऐसे मरीज जो घर में हैं और हार्ट के मरीज हैं वे घर में रहकर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश शर्मा के बताए टिप्स से अपना ख्याल रख सकते हैं।
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