कैसे रखें अपने दिल का ख्याल? डॉक्टर से जानें उम्र के अनुसार आपके लिए हार्ट केयर टिप्स

उम्र के हर पड़ाव में दिल का ख्याल रखने के लिए दिल से जुड़ी परेशानियों का सही ज्ञान और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी है।
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कैसे रखें अपने दिल का ख्याल? डॉक्टर से जानें उम्र के अनुसार आपके लिए हार्ट केयर टिप्स

भारत में हार्ट से संबंधित परेशानियां तेजी से बढ़ रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया में हर 3 में से 1 व्यक्ति की मौत हृदय रोग (Cardiovascular diseases (CVDs)) से होती है। राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा का कहना है कि अगर सही उम्र में दिल का ख्याल रखना शुरू कर दिया जाए तो हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर जैसी परेशानियों (Heart care tips) के रिस्क को कम किया जाता है। डॉक्टर ने बताया कि 20, 30 और 40 एक ऐसी उम्र होती है जो प्रोडक्टिव उम्र कहलाती है। इस उम्र में अपने दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। डॉक्टर शर्मा (Cardiologist, Dr. Awadhesh sharma, kanpur)  का कहना है कि कई तरह की हार्ट डिजीज होती हैं, इन सभी में जो सबसे आम है वो है हार्ट अटैक। यह कई कारणों से हो सकता है। डॉक्टर अवधेश शर्मा ने दिल का ख्याल रखने के लिए उम्र (take care of heart as per age) के अनुसार आपको क्या करना चाहिए, डाइट कैसी होनी चाहिए और कौन से टेस्ट कराने चाहिए, आदि बातों पर टिप्स दिए हैं। तो आइए डॉक्टर से जानते हैं। 

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दिल से जुड़ी बीमारियां

डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि हार्ट की कई तरह की बीमारियां होती हैं जिसमें सबसे कॉमन है हार्ट अटैक।  हार्ट अटैक जिसमें दिल के लिए तीन नसें ब्लड सप्लाई करती हैं। दो लेफ्ट साइड में होती हैं और एक राइट साइड में। जब बच्चा पैदा होता है तब उसकी धमनियां (Artery) होती हैं उनमें कोई थक्का नहीं जमा होता है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, वैसे उसके लाइफस्टाइल में बदलाव आता है। जेनेटिक प्रॉब्लम, खानपान आदि की वजह से कोलेट्रोल और ब्लड के थक्के नसों में जमा होने लगते हैं, जिसकी वजह से ब्लड सप्लाई बाधित होती है। जब यह नसें पूरी तरह बंद हो जाती हैं तब हार्ट अटैक होता है। लेकिन जब नसें 70 या 80 फीसद बंद होंगी तो मरीज को चलने फिरने पर सीने में दर्द होगा।

40 साल के लोगों में हार्ट की दिक्कतों के कारण

हार्ट अटैक

डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि 40 साल के उम्र के लोगों में हार्ट की हार्ट की प्रॉब्लम्स का प्रमुख कारण हार्ट अटैक है। कोलेट्रोल और ब्लड के थक्के नसों में जमा होने लगते हैं, जिसकी वजह से ब्लड सप्लाई बाधित होती है। जब यह नसें पूरी तरह बंद हो जाती हैं तब हार्ट अटैक होता है। 

धमनियों में रुकावट 

ज्यादातर हार्ट की दिक्कतें हार्ट की आर्टरीज में रुकावट की वजह से होती हैं। धमनियों रूकावट की वजह से दिल से संबंधित परेशानियां होती हैं।

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हार्ट फेल्योर

डॉ. अवधेश शर्मा का कहना है कि हार्ट को कम ब्लड सप्लाई होने, जेनेटिक फैक्टर, शुगर या ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने पर दिल का साइज बड़ा हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में दिल की पंपिंग कम हो जाती है। दिल साइज में बड़ा हो जाता है। इसे हार्ट फेल्योर कहते हैं। 

हार्ट फेल्योर के लक्षण

  • -जब मरीज चलेगा तो उसको ब्लड सप्लाई मिलेगी नहीं तो सांस फूलेगी। 
  • -शरीर में पूरी तरह से ब्लड सप्लाई न होने के कारण पैरों में सूजन आ जाएगी। 

इसे भी पढ़ें : हार्ट का साइज बढ़ने के क्या हैं कारण? जानें इसके लक्षण और बचाव के टिप्स

20 से 40 की उम्र में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण

डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि 20 से 40 की उम्र में हार्ट की दिक्कतें ज्यादा नहीं होती हैं। इस उम्र में कुछ दिक्कतें जो दिखती हैं वे निम्न कारणों से होती हैं। 

हार्ट वॉल्व खराब होना

डॉक्टर शर्मा ने बताया कि दिल के चार वॉल्व होते हैं।लेफ़्ट साइड में माइट्रल वाल्व और ऐरोटिक वाल्व तथा राइट साइड में ट्रायकस्पिड और पलमोनरी वाल्व होते हैं जिनके माध्यम से रक्त एक चैम्बर से दूसरे चेम्बर व फिर पूरे शरीर में जाता है। इन वॉल्व्स में रुमेटिक हार्ड डिजिज हो जाती है। यह बीमारी भारत में बहुत आम है। इसमें वॉल्व में सूजन या जाती है या वॉल्व में सिकुड़न हो जाती है। डॉक्टर कहते हैं कि पहले हार्ट अटैक जो 40 साल की उम्र के बाद देखा जाता था वो अब 20 से 40 साल की उम्र में भी मिलने लगा है। 

20 साल से नीचे वाले लोगों में दिल की बीमारियों के कारण 

फैमिली हिस्ट्री होना

20 साल से नीचे हार्ट अटैक की संभावना बहुत कम होती है। डॉक्टर बताते हैं कि जिन घरों में 20 साल से भी कम उम्र में दिल की बीमारियां देखी जाती हैं, उनके घरों में स्ट्रॉन्ग हार्ट डिजिज की स्ट्रांग फैमिली हिस्ट्री होती है। डॉक्टर बने बताया कि फैमिल हिस्ट्री में अगर पुरुषों में 55 और महिलाओं में 45 साल से पहले हार्ट अटैक से अचानक मृत्यु हुई है, तो वह आगे की जनरेशन में भी जाती है। इसमें भी ब्लड रिलेशन देखा जाता है। रूमेटिक हार्ट डिजिज इंफेक्शन की वजह से होता है।

नशे की लत होना

डॉक्टर बताते हैं कि इस उम्र में उन्हीं लोगों को हार्ट की दिक्कतें होती हैं, जो नशे के आदी होते हैं। बहुत धूम्रपान करते हैं या नशे के इंजेक्शन या ड्रग्स लेते हैं। इस नशे की वजह से हार्ट गैर जरूरी तरीके एक्सट्रा स्टीम्युलेट हो जाता है। जिस वजह से हार्ट अटैक हो सकता है। 

इसे भी पढ़ें : हार्ट पर कैसे असर डालता है कोरोना वायरस? जानें हार्ट के मरीज कोरोना टाइम में कैसे रखें अपने दिल का ख्याल

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40 साल से ऊपर की उम्र में हार्ट अटैक के कारण

डॉक्टर अवधेश शर्मा बताते हैं कि 40 साल से ऊपर हार्ट की बीमारियां बहुत आम हैं। लाइफस्टाइल की वजह से हार्ट अटैक होता है। 

हार्ट अटैक के लक्षण

  • -दिल की नसों में रुकावट की वजह से सीने में बहुत तेज दर्द होना। सीने के बीचोंबीच दर्द होना। 
  • -यह दर्द बाएं हाथ से छोटी उंगली में और ऊपर की तरफ जबड़े की तरफ जा सकता है। नीचे की तरफ नाभि के ऊपर तक यह दर्द चला जाता है। 
  • -मरीज की सांस फूलेगी।
  • -पसीना बहुत ज्यादा आएगा। जिससे पूरे कपड़े भीग जाएंगे। 
  • -अनियंत्रित डायबिटिज वाले मरीजों में चेस्ट पेन बहुत आम नहीं होता इनमें घबराहट, बेचैनी, सांस फूलना, गैस की दिक्कत आदि लक्षण दिखाई देते हैं। 

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उपचार

  • प्राथमिक उपचार में डिस्प्रिन की गोली दें। मुंह में चबाने के लिए। तो वहीं, एक टेबलेट चूसने के लिए भी आती है। तो वहीं सारबीट्रेट की गोली जीभ के नीचे रखकर चूसने के लिए दें।
  • मरीज बेहोशी की अवस्था में हो तो सीना दबाएं (सी०पी०आर० करें)।
  • जितना जल्दी हो सके अस्पताल में भर्ती कर दें।  

हार्ट की बीमारियों से बचने के बचाव

20 साल से पहले 

  • ऐसे लोग जिनके घर में हार्ट अटैक से डेथ की हिस्ट्री है, वे साल में एक बार अपनी रूटीन चेकअप कराएं। जिसमें ईसीजी, ब्लड कॉलेस्ट्रोल, ईको कार्डियोग्राफी कराएँ। और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
  • सप्ताह में क़रीब 150 मिनट अथवा 30 मिनट प्रतिदिन कम से कम सप्ताह में 5 दिन व्यायाम अवश्य करें।
  • रंग वाली सब्जियां खाएं। मेवा खाएं। 
  • अगर उन्हें ब्लड शुगर की शिकायत है तो उसकी दवाएं जल्दी से जल्दी लेकर उसे कंट्रोल करें। 

20 से 40 साल वाले लोगों के लिए

  • फैमिली हिस्ट्री है तो अपना रूटीन चेकअप कराएं। 
  • अगर मोटे हैं तो अपने वजन को नियंत्रित करें। अगर किसी का बीएमआई 25 से ज्यादा आता है तो मोटापा नियंत्रित करें। या किसी का पेट बड़ा हुआ है तो उसे भी कम करें।
  • किसी भी तरह का तंबाकू नहीं खाना है। 
  • इस उम्र के लोग नौकरीपेशा होते हैं व आत्यधिक कार्य की वजह से उनमें तनाव भी बढ़ता है। 
  • एक्सरसाइज करने से हार्ट अटैक की बीमारियों से बचना चाहिए। 

40 साल से ऊपर वाले लोगों के लिए

  • -डॉक्टर बताते हैं कि अगर 40 साल से पहले अपना ख्याल रख रहे हैं तो 40 के बाद रिस्क फैक्टर कम हो जाते हैं, लेकिन अगर ऐसा वे नहीं करते हैं तो वे लोग हार्ट अटैक के ज्यादा प्रोन हो जाते हैं। 
  • -ऐसे लोग जो किसी भी तरह का नशा नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे प्रॉपर डाइट और एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो उन्हें भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना है। 
  • ऐसे पेशेंट हर साल अपनी जांचें कराएं। 

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश शर्मा का कहना है कि उम्र के अनुसार दिल का ख्याल रखना जरूरी है। अगर समय रहते दिली से जुड़ी परेशानियों का इलाज कर लिया जाता है तो आगे यह परेशानियां बढ़ती नहीं हैं। 

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