रूमेटिक हार्ट डिजीज क्‍या है, कॉडियोलॉजिस्‍ट से जानें इसके लक्षण, जोखिम और इलाज

30 से 35 की उम्र में हार्ट वाल्व खराब होने के पीछे छिपा है ये कारण। अगर समय रहते इलाज हो जाए तो बच सकती है आसानी से जान। 
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रूमेटिक हार्ट डिजीज क्‍या है, कॉडियोलॉजिस्‍ट से जानें इसके लक्षण, जोखिम और इलाज

रूमेटिक हार्ट डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रूमेटिक फीवर के कारण हार्ट के वाल्व स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। खराब गला या लाल बुखार जैसे स्ट्रेप्टोकॉकस संक्रमण का अगर इलाज न किया जाए या फिर इलाज अधूर छोड़ दिया जाए तो कुछ दिनों के भीतर ही हार्ट वॉल्व को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली में प्रतिक्रिया शरीर में इंफ्लेमेटरी स्थिति का कारण बनती है, जिसके परिणामस्वरूप वाल्व खराब हो सकता है और लोगों को हार्ट अटैक आ सकता है। रूमेटिक फीवर एक इंफ्लेमेटरी रोग है, जो शरीर के कई कनेक्टिव टिश्यू को प्रभावित करते हैं, विशेषकर ह्रदय, जोड़ों, स्किन और मस्तिष्क को। इस कारण हमारे हार्ट के वाल्व संक्रमित हो जाते हैं और समय के साथ-साथ खराब होते चले जाते हैं। संक्रमित होने के बाद करीब 10 वर्षों तक वाल्व पूरे तरीके से खराब हो जाते हैं और परिणामस्वरूप हार्ट फ्लेयोर हो जाता है। 

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दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर डायरेक्टर, डॉ. विवेक कुमार ने ओन्ली माई हेल्थ (Only My Health) को बताया कि रूमेटिक फीवर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन आमतौर पर ये 5 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों में होता है। इस बीमारी को पूर्ण रूप लेने में कम से कम 10 साल का वक्त लगता है। ये सामान्य तौर पर अफ्रीका, मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और गरीब देशों में होता है। वहीं भारत के बिहार, उड़ीसा, झारखंड और पड़ोसी देश नेपाल में इस रोग से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं। उन्होंने बताया कि अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर न किया जाए तो 30 से 35 साल तक की उम्र होते-होते किसी भी व्यक्ति की जान जा सकती है।

रूमेटिक हार्ट डिजीज से जोखिम किसको (Rheumatic Heart Risk Factor)

अगर खराब गला या लाल बुखार जैसे स्ट्रेप्टोकॉकस संक्रमण का इलाज न किया जाए तो रूमेटिक हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। वे बच्चे, जिनका गला बार-बार खराब होता है उनमें रूमेटिक फीवर और रूमेटिक हार्ट डिजीज का खतरा बहुत ज्यादा होता है।

रूमेटिक हार्ट डिजीज के लक्षण (Rheumatic Heart Disease Symptoms)

गले में संक्रमण या रूमेटिक फीवर का इतिहास रूमेटिक हार्ट रोगों के निदान के लिए बहुत जरूरी है। रूमेटिक फीवर के लक्षण अलग-अलग होते हैं और आमतौर पर गला खराब होने के 1 से 6 सप्ताह बाद शुरू होते हैं। कुछ मामलों में संक्रमण को पहचानना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

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रूमेटिक फीवर के आम लक्षण (Rheumatic Fever Symptoms)

  • बुखार।
  • घुटनों और टखनों में सूजन, लालपन और बेहद ज्यादा दर्द। 
  • त्वचा में गांठ बन जाना। 
  • छाती, पीठ और पेट पर रैशेज। 
  • सांस लेने में दिक्कत और सीने में जकड़न।
  • हाथ, पैर या मांसपेशियों में हलचल।
  • कमजोरी।

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रूमेटिक हार्ट डिजीज के लक्षण वाल्व के क्षतिग्रस्त होने पर निर्भर करते हैं जैसे 

  • सांस लेने में दिक्कत, खासकर जब आप लेटे हुए हों।
  • सीने में दर्द। 
  • सूजन।

रूमेटिक हार्ट डिजीज का निदान (Rheumatic Heart Disease Diagnose)

रूमेटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को या तो गले में संक्रमण होगा या उन्हें हाल ही में ऐसा हुआ होगा। संक्रमण की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। इसके अलावा रूमेटिक हार्ट डिजीज की पहचान के लिए ये टेस्ट किए जा सकते हैं।

  • इकोकार्डियोग्राम (इको)
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)
  • चेस्ट एक्स-रे
  • कार्डियक एमआरआई
  • ब्लड टेस्ट

कैसे होता है रूमेटिक हार्ट डिजीज का उपचार (Rheumatic Heart Disease Treatment )

इस रोग का उपचार इस बात पर निर्भर करता है आपके हृदय वाल्व को कितना नुकसान हुआ है। गंभीर मामलों में इलाज के दौरान क्षतिग्रस्त वाल्व को बदलने या उसे ठीक करने के लिए सर्जरी शामिल हो सकती है। रूमेटिक फीवर को रोकने का सबसे अच्छा उपचार है एंटीबायोटिक्स, जिन्हें आमतौर पर गले के संक्रमण के उपचार में लिया जाता है। ये रूमेटिक फीवर को विकसित होने से रोक सकती हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं का उपयोग सूजन को कम करने और ह्रदय को होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए किया जा सकता है। हार्ट फेल्योर के प्रबंधन के लिए अन्य दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। जिन लोगों को रूमेटिक फीवर होता है, उनकी जिंदगियों को बचाने, संक्रमण को रोकने और आगे हृदय को अधिक क्षति न हो इसके लिए अक्सर रोजाना या महीने में एंटीबायोटिक उपचार दिया जाता है। सूजन को कम करने के लिए एस्पिरिन, स्टेरॉयड या गैर-स्टेरायडल दवाएं भी दी जा सकती हैं।

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वहीं इस रोग के इलाज के बारे में बताते हुए डॉ. विवेक ने कहा कि रूमेटिक हार्ट डिजीज का उपचार मात्र 100 रुपये महीने का ही है लेकिन सही समय पर उपचार नहीं मिल पाने के कारण हार्ट वाल्व खराब हो जाता है और बाद में इस बीमारी को रोकने का खर्च दो से ढाई लाख रुपये तक हो जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इस बीमारी से मरने वाली की संख्या में 30 फीसदी तक कमी आई है।

रूमेटिक हार्ट डिजीज में होने वाली जटिलताएं (Rheumatic Heart Disease complications)

हार्ट फेल्योरः हार्ट वाल्व के संकरे हो जाने या फिर लीक करने की स्थिति में हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है।

बैक्टीरियल एंडोकार्डिटिसः  ये संक्रमण ह्रदय की अंदरुनी रेखाओं में होता है और रूमेटिक फीवर होने पर हार्ट के वाल्व को नुकसान पहुंचाता है।

हार्ट डैमेज के कारण गर्भावस्था और प्रसव में दिक्कतः रूमेटिक हार्ट डिजीज से पीड़ित महिलाओं को गर्भवती होने से पहले डॉक्टर से अपनी स्थिति के बारे में जरूर बात करनी चाहिए।

हार्ट वाल्व का टूटनाः यह एक आपात स्थिति है, जिसका उपचार सर्जरी या फिर हार्ट वाल्व को बदलकर किया जा सकता है।

रूमेटिक हार्ट डिजीज को रोकना संभव? (Rheumatic Heart Disease Prevention)

रूमेटिक हार्ट डिजीज को रोका जा सकता है और इसके होने पर एंटीबायोटिक के जरिए इलाज कर या फिर गले में संक्रमण को रोक कर इस स्थिति से बचा जा सकता है। इसे रोकने के लिए जरूरी है कि डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक को समय पर लिया जाए और तब तक दवाईयों को न छोड़े तब तक कोर्स पूरा न हो जाए। फिर चाहे आप कुछ दिन बाद बेहतर ही क्यों न महसूस कर रहे हों।

(Medically Reviewed By Dr. Viveka Kumar, Senior Director, Cardiology, Max Saket)

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