कोरोनाकाल के बीच कई लोगों को फंगल से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। खासतौर पर ब्लैक फंगल, व्हाइट फंगल और येलो फंगस के केसेज देखने को मिल रहे हैं। फंगल इंफेक्शन एक तरह से स्किन से जुड़ी समस्या है। किसी भी व्यक्ति को फंगल इंफेक्शन तब होता है, जब कवक या फंगस शरीर के किसी क्षेत्र पर आक्रमण करता है और इस संक्रमण से हमारी इम्यूनिटी (Fungus Infection) लड़ने में सक्षण नहीं हो पाती है।
फंगस इंफेक्शन (Fungus Infection) से प्रभावित मरीजों के स्किन पर लाल धब्बे, दाग, खुजली और घाव जैसे लक्षण (Fungus Infection Symptoms) दिखाई देते हैं। फंगल इंफेक्शन की समस्या तब अधिक होती है, जब वातावरण में नमी की अधिकता हो। इसके अलावा फंगस हमारे चारों ओर मौजूद होता है। हीलिंग केयर सेंटर के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अंकुर गुप्ता के अनुसार, फंगस हवा, मिट्टी, पानी, पौधे जैसे कई स्थानों पर (Fungus Infection Causes) विकसित होते हैं। पर्यावरण में नमी बढ़ने से यह फंगस दिन-ब-दिन बढ़ने लगते हैं। फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए आप एलोपैथिक दवाइयों के साथ-साथ आयुर्वेदिक तरीका (How can I treat fungal skin infection naturally?) भी अपना सकते हैं। आयुर्वेदिक उपचार भी आपके लिए काफी प्रभावकारी हो सकता है।
फंगल इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Fungal Infection)
फंगल इंफेक्शन की समस्या होने पर मुख्य रूप से शरीर में खुजली और रैशेज होने लगता है। इसके अलावा आपके शरीर में कुछ अन्य लक्षण दिख सकते हैं। जो निम्न हैं-
- स्किन पप लाल रंग के पैचेस होना।
- इंफेक्शन से प्रभावित हिस्से पर सफेद चूर्ण की तरह पदार्थ निकलना।
- स्किन पर दरारे पड़ना।
- स्किन का लाल होना।
- स्किन के आसपास सफेद या काले दाग होना।
- स्किन पर रैशेज होना।
- स्किन का फटना। इत्यादि कई लक्षण दिख सकते हैं।
फंगल इंफेक्शन होने के कारण (Causes of Fungal Infection)
फंगल इंफेक्शन वातावरण में नमी की वजह से सबसे अधिक पनपते हैं। इसके अलावा इसके कई अन्या कारण हैं। जैसे-
- इम्यूनिटी का काफी ज्यादा कमजोर होना।
- वातावरण का ज्यादा गर्म, या नम होने की वजह से भी आपको फंगल इंफेक्शन हो सकते हैं।
- कैंसर, डायबिटीज जैसी कई अन्य बीमारियों की वजह से आपको फंगल इंफेक्शन हो सकते हैं।
- पहले से ही अगर आप किसी अन्य फंगल से संक्रमित हैं, तो आपको अन्य फंगल संक्रमण जल्दी ही चपेट में ले सकता है।
- शरीर मोटापा होना भी फंगल इंफेक्शन का कारण होता है।
- जांघ पर चर्बी ज्यादा होना, साइकिल साइकिल या फिर जॉगिंग करने से जांघ पर रगड़ पहने के कारण नमी बनती है, इसकी वजह से भी आपको फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
- गर्मी के कारण अधिक पसीना आने से भी आपको फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है।
- सैनेटकी पैड की वजह से भी आसपास का क्षेत्र फंगल से संक्रमित हो सकता है।
- डियोड्रेंट, पाउडर या फिर डिटर्जेंट से किसी तरह की एलर्जी होने के कारण भी फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
फंगल इंफेक्शन से बचाव के आयुर्वेदिक उपाय (Ayurveda Treatment for Fungus Infection)
गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि आयुर्वेद में फंगल इंफेक्शन (Fungul Infection Prevention) से बचाव के लिए कई तरह के लेप मौजूद हैं। आप इन लेप को घर पर तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा मार्केट में भी आयुर्वेदिक लेप हैं, जिसे लगाने से फंगल इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है। आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि 5 चीजों को मिश्रित करके घर पर आप एक बेहतरीन लेप तैयार कर सकते हैं, जिससे कुछ ही दिनों में फंगल इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है। हालांकि, इस लेप को तैयार करने में थोड़ा अधिक समय लगता है, लेकिन यह लेप काफी असरकारी ( best Ayurvedic treatment for fungal infection?) है। चलिए जानते हैं लेप बनाने की विधि-
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लेप- 1
आवश्यक सामाग्री
- आंवला सार गंधक - 10 ग्राम
- राल 10 ग्राम
- सफेद कत्था - 10 ग्राम
- कच्चा सुहाग- 10 ग्राम
- गुग्गुल - 10 ग्राम
लेप बनाने की विधि
सबसे पहले आंवाल सार गंधक, राल, सफेद कत्था और कच्चा सुहाग को अच्छी तरह से पील लें। इसके बाद इसमें 10 ग्राम गुग्गुल को चूर्ण बनाकर डालें। इन सभी सामाग्री को अच्छी तरह से पीसें। इसके बाद इसमें नींबू डालें और करीब 3 से 5 घंटे तक अच्छे से मर्दन (घुमाएं) करें। 3 से 5 घंटे तक मर्दन करने से आपका लेप तैयार हो जाएगा। अब जरूरत पड़ने पर इस लेप में गौमूत्र या फिर नींबू का रस मिलाकर इंफेक्शन वाले स्थान पर लगाएं। इन लेप के अलावा कुछ अन्य विधि से भी आप संक्रमण से बचाव कर सकते हैं।
अन्य लेप बनाने की विधि
लेप 2
लहसुन से बनाएं लेप
लहसुन में कई तरह की समस्याओं को ठीक करने का गुण छिपा होता है। इसके इस्तेमाल से आप फंगल इंफेक्शन के खतरे से बच सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले 5 से 6 लहसुन की कलियां लें और इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में थोड़ा सा नीम पाउडर मिला लें। अब इस पेस्ट को फंगल इंफेक्शन वाले स्थान पर लगाें। ध्यान रखें कि इस पेस्ट को लगाने से आपको हल्की-फुल्की जलन हो सकती है। इसलिए ज्यादा घबराए नहीं।
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लेप 3
पीपल की पत्तियों से तैयार करें लेप
इसके अलावा पीपल की पत्तियों का इस्तेमाल करके भी आप फंगल इंफेक्शन के खतरे से बच सकते हैं। इसके लिए पीपल की कुछ पत्तियों को लें। इस पत्तियों को पानी में अच्छे से उबालें। इसके बाद इसे ठंडा होने दें। बाद में इन पत्तियों को पीसकर अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। बचे हुए पानी से आप नहा सकते हैं। इससे आपके घाव जल्दी ठीक हो जाएंगे।
लेप 4
जैतून की पत्तियां दूर करे फंगल इंफेक्शन
फंगल इंफेक्शन की समस्या से बचाव के लिए जैतून का तेल भी काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा जैतून की पत्तियां भी कई तरह की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी माना जाता है। फंगल इंफेक्शन को ठीक करने के लिए जैतून की 5 से 6 पत्तियां लें। इन पत्तियों को अच्छी तरह से पीस लें। अब इसे अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। आधे घंटे बाद इसे ठंडे पानी से धो लें। इस पेस्ट को लगाने से आपको कुछ ही दिनों में फर्क नजर आएगा।
फंगल इंफेक्शन से बचने के उपाय (Prevention Tips for Fungal Infection)
फंगस इंफेक्शन की समस्या से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता होती है। जैसे-
- मानसून में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए इस मौसम में अपना विशेष ध्यान रखें।
- स्किन को साफ और ड्राई रखने की कोशिश करें।
- हमेशा सूती कपड़े पहनें।
- बारिश के पानी से अपने बालों को गीला न करें।
- अधिक से अधिक पानी पिएं।
फंगल इंफेक्शन का लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप किसी तरह का लेप लगा रहे हैं या फिर लगा चुके हैं, तो उसकी जानकारी डॉक्टर को अवश्य दें। लेप लगाने से पहले अगर आप डॉक्टर से सलाह लेते हैं, तो यह आपके लिए अधिक बेहतर हो सकता है।
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