कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है। लोगों के सामने हर दिन एक नया संकट सामने (Yellow Fungus Causes) आ रहा है। ब्लैक और व्हाइट फंगस के बीच अब एक और नए फंगस ने देश में एंट्री ली है। जी हां, उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले में यलो फंगस (Yellow Fungus First Case) का नया मामला सामने आया है। यह फंगस ब्लैक और व्हाइट फंगस (What is Yellow Fungus) से कितना ज्यादा खतरनाक है। इसके बारे में अभी कहना मुश्किल है। हीलिंग केयर ईएनटी क्लीनिक के ENT स्पेशलिस्ट डॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि अगर समय पर इलाज न किया गया तो यलो फंगस, ब्लैक और व्हाइट से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टर के मुताबिक यह काफी नया केस है। इसके काफी कम मामले सामने आए हैं। फिलहाल गाजियाबाद का एक मरीज यलो फंगस से संक्रमित बताया जा रहा है, यह पहले कोरोना से संक्रमित हो चुका है। इसके अलावा यह डायबिटीज से भी पीड़ित है। चलिए जानते हैं विस्तार से (Yellow Fungus Symptoms) इस बारे में-
यलो फंगस के लक्षण (Symptoms of Yellow Fungus)
डॉक्टर के मुताबिक यलो फंगस, ब्लैक फंगस से भी घातक बीमारी है, क्योंकि यह मरीज को आंतरिक रूप से प्रभावित करता है। इससे पीड़ित मरीजों में निम्न लक्षण दिख सकते हैं।
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- सुस्ती महसूस होना।
- काफी ज्यादा थकावट
- भूख न लगना। (खाने की इच्छा खत्म होना)
- वजन तेजी से कम होना।
- वायरस फैलने पर घाव होना
- घाव से मवाद निकलना।
- कुपोषण और अंग विफलता होना।
- आंखें धंसी होना।
पीले फंगस का कारण (Causes of Yellow Fungus)
- साफ-सफाई में कमी की वजह से यलो फंगस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- पुराना या फिर बासी खाना खाने वालों को यलो फंगस होने का खतरा ज्यादा रहा है।
- इसके अलावा जिनको घरों में वेंटिलेटर नहीं होता है और जहां नमी ज्यादा होती है वहां यलो फंगस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
- इम्यूनिटी का काफी ज्यादा कमजोर होना।
- मौसम में बदलाव की वजह से नमी का बढ़ना।
शरीर में कैसे ग्रो करता है यलो फंगस?
डॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि यलो फंगस हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है। जैसे- लिवर, किडनी, लंग्स इत्यादि को प्रभावित कर सकता है। फंगस अगर पूरी बॉडी में फैल जाए, तो ऑर्गन्स फेल होने की संभावना बढ़ सकती है। यलो फंगस चोट के हीलिंग की पावर को कम कर देता है। आंखे अंदर की ओर धंस जाती हैं। शरीर के विभिन्न अंगों में पस की थैली बनाना शुरू कर देता है। इसकी वजह से मरीज कुपोषण का शिकार हो सकता है।
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यलो फंगस का इलाज (Treatment of Yellow Fungus)
डॉक्टर अंकुर गुप्ता बताते हैं कि यलो फंगस के लक्षण (Symptoms of Yellow Fungus) दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह दें। ताकि बीमारी गंभीर होने से पहले इसका इलाज किया जा सके। यलो फंगस होने पर मरीज को एंटीफंगल की इंजेक्शन दी जाती है, ताकि शरीर में फंगस को फैलने से रोका जा सके।
इसके अलावा सर्जरी के द्वारा भी यलो फंगस का इलाज किया जाता है। सर्जरी ऐसे मामलों में की जाती है, जहां पर शरीर के किसी अंगों में पस की थैली बन जाए।
यलो फंगस का बचाव (Prevention of Yellow Fungus)
- घर में मौजूद नमी के कारण भी यलो फंगस फैलने का खतरा हो सकता है। इसलिए घर में नमी न होने दें। जहां नमी ज्यादा होती है, वहां बैक्टीरिया और फंगस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
- 30% से 40% सही आर्द्रता मानी जाती है, इसलिए अपने घर में बहुत अधिक नमी न होने दें।
- इम्यूनिटी को विकसित करने की कोशिश करें।
- वेंटिलर को अच्छा करें।
- टॉयलेट की साफ-सफाई का ध्यान रखें।