Are Onion and Garlic Non Vegetarian Foods in Hindi: जब भी घर में पूजा-पाठ होता है या किसी का व्रत होता है, तो प्याज और लहसुन न खाने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति धार्मिक कार्य या धार्मिक यात्रा पर निकल रहा है, तो उस स्थिति में भी प्याज और लहसुन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या प्याज और लहसुन भी चिकन और मटन की तरह नॉन-वेजिटेरिटन फूड्स हैं? क्योंकि पूजा-पाठ या धार्मिक कार्यों के दौरान सिर्फ नॉन-वेजिटेरिटन फूड्स और शराब को ही लेने से मना किया जाता है। प्याज और लहसुन को सात्विक आहार में भी शामिल नहीं किया जाता है। सात्विक भोजन में प्याज और लहसुन का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है। आइए, रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि क्या प्याज और लहसुन नॉन-वेजिटेरियन फूड्स हैं? या प्याज और लहसुन को सात्विक भोजन में शामिल क्यों नहीं किया जाता है?
क्या प्याज और लहसुन नॉन वेजिटेरियन फूड्स हैं?
डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, “प्याज और लहसुन प्लांट बेस्ड फूड्स हैं। इसलिए प्याज और लहसुन नॉन-वेजिटेरियन फूड्स बिलकुल नहीं है। लेकिन, प्याज और लहसुन को तामसिक माना जाता है।”
प्याज और लहसुन को सात्विक भोजन में शामिल क्यों नहीं किया जाता है?
क्या है इसका आयुर्वेदिक दृष्टिकोण?
डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, “आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर वात, पित्त और कफ से बना होता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए शरीर में इन तीनों का संतुलन में रहना बहुत जरूरी होता है। आपको बता दें कि हर खाद्य पदार्थ की अपनी अलग विशेषताएं होती हैं, जो शरीर के त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ पर असर डालती हैं। प्याज और लहसुन की विशेषताएं और गुण भी अलग हैं। प्याज और लहसुन खाने से शरीर में पित्त दोष बढ़ सकता है। इससे शरीर में पित्त का असंतुलन हो सकता है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है। खासकर, लहसुन की तासीर बेहद गर्म होती है। इससे शरीर में गर्मी पैदा हो सकती है, जिसकी वजह से जलन और त्वचा संबंधी रोग होने का जोखिम बढ़ सकता है।”
डॉ. श्रेय आगे बताते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार, प्याज और लहसुन की तासीर तामसिक और उत्तेजक होती है। ये गुण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। इससे शरीर में गर्मी बढ़ सकती है।
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क्या है इसका धार्मिक दृष्टिकोण?
डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, “सृष्टि सत्व गुण और रज-तम दोष से बनी है। आपको बता दें कि प्याज और लहसुन खाने से शरीर में रज और तम दोष बढ़ता है। इससे व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। इसलिए इंद्रियों पर नियंत्रण रखने के लिए प्याज और लहसुन न खाने की सलाह दी जाती है। वहीं, जब शरीर में सत्व गुण बढ़ता है, तो इससे आध्यात्मिक तौर पर तरक्की होती है। जो लोग धार्मिक कार्य करते हैं या सिद्धी के लिए प्रयास करते हैं, उन्हें प्याज और लहसुन न खाने की सलाह दी जाती है।”