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क्या बच्चों को Gummy vitamins देना सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें

आजकल के खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल का बुरा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है और बच्चों में विटामिन्स की कमी हो रही है, ऐसे में कई पेरेंट्स बच्चों को Gummy vitamins देते हैं। यहां जानिए, क्या बच्चों को Gummy vitamins देना सुरक्षित है?
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क्या बच्चों को Gummy vitamins देना सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें

आजकल बच्चों के लिए मार्केट में उपलब्ध गमी विटामिन्स एक ट्रेंड बन चुके हैं। रंग-बिरंगे, च्यूइंग-कैंडी जैसे दिखने वाले ये सप्लीमेंट्स बच्चों को इतने पसंद आते हैं कि वे इन्हें दवा की बजाय टॉफी समझकर खुशी-खुशी खा लेते हैं। यही वजह है कि कई माता-पिता इन्हें पसंद करते हैं, क्योंकि इन्हें खिलाने में किसी तरह की जिद या परेशानी नहीं होती लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि दिखने में जितने आकर्षक ये गमी विटामिन्स हैं, क्या ये उतने ही सुरक्षित भी हैं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, हैदराबाद के यशोदा अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ एवं नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डी. श्रीकांत (Dr. D. Srikanth, Sr. Consultant Pediatrician & Neonatologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से बात की-


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क्या बच्चों को Gummy vitamins देना सुरक्षित है? - Are gummy vitamins safe for children

डॉ. डी. श्रीकांत बताते हैं कि गमी विटामिन उतने हानिरहित नहीं हैं जितने वे दिखते हैं। कई पेरेंट्स इन्हें कैंडी फॉर्म में देखकर बेफिक्र हो जाते हैं, जबकि इनमे शुगर, फ्लेवर और कभी-कभी प्रिजर्वेटिव्स भी मौजूद होते हैं। यदि बच्चे नियमित रूप से इनका सेवन करें तो यह उनकी स्वाभाविक विटामिन प्राप्त करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। डॉ. डी. श्रीकांत के अनुसार, गमी विटामिन सही मात्रा और डॉक्टर की सलाह के साथ सुरक्षित हैं, लेकिन कभी भी बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह से गमी विटामिन्स नहीं देने चाहिए।

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  • गमी विटामिन अक्सर मीठे होते हैं ताकि बच्चे आसानी से खा सकें। ज्यादा शुगर दांतों में सड़न, कैविटी और खाने की लालसा बढ़ा सकती है।
  • कई पेरेंट्स को पता चलता है कि बच्चा चोरी-छिपे 5-6 गमी खा चुका है। इससे विटामिन टॉक्सिसिटी का खतरा बढ़ जाता है।
  • विटामिन की ज्यादा मात्रा भी नुकसानदायक होती है।

डॉक्टर बताते हैं कि यदि बच्चा फल, सब्जियां और प्रोटीन नहीं खा रहा, तो गमी विटामिन उसकी डाइट की कमी नहीं भर सकते।

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बच्चों को गमी विटामिन कब देने चाहिए?

डॉ. श्रीकांत के अनुसार, गमी विटामिन तब उचित हैं जब बच्चा बहुत चूजी ईटर हो, खाने में पोषण की भारी कमी हो, डॉक्टर ने डिफिशिएंसी टेस्ट कराए हों और बच्चे को नियमित दवाइयां लेने में कठिनाई हो, लेकिन इन्हें कभी भी खाने का विकल्प नहीं बनाया जाना चाहिए।

सावधानियां

  • डॉक्टर की सलाह के बिना कभी शुरू न करें।
  • घर में गमी विटामिन को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • लेबल पढ़ें, शुगर, जिंक, आयरन, विटामिन D की मात्रा देखें।
  • दिन में केवल 1 गमी या जितना डॉक्टर बताए ही दें।
  • गमी खाने के बाद बच्चा दांत साफ करे, ताकि कैविटी न हो।

निष्कर्ष

गमी विटामिन बच्चों को पोषण की कमी पूरी करने में मदद करते हैं, लेकिन ये मिठाइयों की तरह आकर्षक होते हैं, इसलिए ओवरडोज का खतरा ज्यादा रहता है। नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डी. श्रीकांत स्पष्ट रूप से कहते हैं कि बच्चों की विटामिन जरूरतें सबसे पहले भोजन से पूरी होनी चाहिए। गमी विटामिन केवल सप्लीमेंट हैं, खानपान का विकल्प नहीं।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • क्या बच्चों को विटामिन सप्लीमेंट देना चाहिए?

    अगर बच्चे की डाइट संतुलित है, तो सामान्यतौर पर सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं होती। कमजोरी, भूख कम होना या पोषक तत्वों की कमी दिखे तो डॉक्टर जांच के बाद सलाह देते हैं।
  • क्या प्रोबायोटिक्स बच्चों के लिए सुरक्षित हैं?

    दही-छाछ जैसे नैचुरल प्रोबायोटिक्स आंतों की सेहत, पाचन और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले बच्चों में इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
  • फोन देखने से बच्चों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

    स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से ध्यान क्षमता घटती है, नींद खराब होती है, आंखें थकती हैं और बच्चे चिड़चिड़े भी हो सकते हैं। 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम बिलकुल नहीं होना चाहिए।

 

 

 

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  • Dec 01, 2025 18:38 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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