भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आयुर्वेद में सिर्फ बीमारी को ठीक नहीं किया जाता है बल्कि बीमारी की जड़ का पता लगाकर इसका इलाज किया जाता है, जिससे लोगों को अनेक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। आयुर्वेद के इलाज में भले ही मरीज को तुरंत आराम न मिले लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान के साथ धीरे-धीरे समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है। आयुर्वेद में अनेक जड़ी-बूटियों और मसालों का वर्णन है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं। ऐसी ही एक औषधि है अपराजिता की जड़, जिसका इस्तेमाल कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) अपराजिता की जड़ के फायदे बता रहे हैं।
अपराजिता की जड़ के फायदे
डॉक्टर श्रेय ने बताया कि आयुर्वेद में अपराजिता की जड़ का उपयोग कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में बताया गया है। इसे भावना द्रव्य के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। खासकर, महिलाओं की समस्याओं में इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है। अपराजिता की जड़ की तासीर ठंडी होती है।
1. झाइयों को कम करने
अपराजिता की जड़ का इस्तेमाल झाइयों को कम करने में कारगर साबित हो सकता है। इसका इस्तेमाल दूध के साथ मिलाकर किया जा सकता है। अपराजिता की जड़ को दूध के साथ मिलाकर इसका लेप तैयार करें और फिर इसे झाइयों पर लगाएं। 20-30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर ताजे पानी से साफ करें। नियमित रूप के अपराजिता की जड़ का इस तरीके से इस्तेमाल करने से लाभ मिल सकता है।
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2. सफेद दाग की समस्या कम करने
अपराजिता की जड़ को पानी में घिस कर लगाने से सफेद दाग की समस्या कम हो सकती है। इसके लिए अपराजिता की जड़ को पानी के साथ घिसकर लेप तैयार करें और फिर इस लेप को सफेद दागों पर लगाएं। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से आपको फर्क नजर आ सकता है।
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3. मुंहासे और फुंसियों में
अपराजिता की जड़ के पाउडर में शहद और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाएं और फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। अपराजिता की जड़ का पेस्ट त्वचा पर लगाने से मुंहासे और फुंसियों की समस्या कम हो सकती है।
4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए
अपराजिता की जड़ का नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, यह शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है। अपराजिता की जड़ का सेवन पाचन तंत्र के लिए भी लाभदायक होता है, इसके सेवन से अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए अपराजिता की जड़ से काढ़ा तैयार करें और फिर इसका सेवन करें। काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले 1 कप पानी में 1 चम्मच अपराजिता की जड़ का पाउडर लें और इसे कुछ समय तक उबालें। जब पानी अच्छे से उबल जाए तो इसे छानकर दिन में एक बार पिएं।
अपराजिता की जड़ में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। हालांकि, किसी भी नई औषधि या उपचार को शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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