एड़ी के दर्द से निजात पाने के लिए अगर आप योग कर रहे हैं तो, इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए डॉक्टर से जानें एड़ी के दर्द कारण और सही उपचार।
एड़ी का दर्द (Heel pain in hindi) बहुत से लोगों को परेशान करता है और इसका दर्द इतना गंभीर होता है कि इसे नजरअंदाज करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर लोगों में एड़ी के दर्द का एक पैटर्न होता है, यानी कि ये एड़ी में कहां हो रहा है, कब होता है और कैसे बढ़ता है। जैसे कुछ लोग सुबह सुबह एड़ी में दर्द की शिकायत करते हैं। ये एड़ी का दर्द प्लांटर फेशिआइटिस (Plantar Fasciitis) के कारण भी हो सकता है। इसी तरह एड़ी में दर्द के कई कारण होते हैं, जिन्हें हम उनके प्रकारों के आधार पर बांट सकते हैं। तो, इन्हीं कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉ. कौशल कांत मिश्रा (Dr. Kaushal Kant Mishra), एसोसिएट डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक्स, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला, नई दिल्ली से बात की।
एड़ी का दर्द को लेकर डॉ. कौशल कांत मिश्रा (Dr. Kaushal Kant Mishra) सबसे पहले ये बताते हैं कि एड़ी का दर्द की शिकायत सबसे ज्यादा महिलाएं करती हैं क्योंकि उनमें ये परेशानी ज्यादा देखी जाती है। ये आमतौर पर उन महिलाओं को ज्यादा होती है जिनका वजन अधिक होता है या जो मोटापे की शिकार होती है और एक्टिव लाइफस्टाइल का पालन नहीं करतीं। ऐसा नहीं है कि एड़ी का दर्द पुरुषों में नहीं होता पर अगर दोनों की तुलना करें तो, पुरुषों की तुलना में ये महिलाओं में ज्यादा होता है।
एड़ी में दर्द का एक बड़ा कारण है इनएक्टिव लाइफस्टाइल जिसमें कि लोग ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं और शारीरिक काम काज कम करते हैं। जैसे कि ऑफिस में लंबे समय तक बैठे रहना और कंप्यूटर पर काम करना और एक्सरसाइज ना करना। इससे शरीर का तेजी से वजन बढ़ता जाता है और हड्डियों की ताकत घटने लगती है और एड़ी का दर्द बढ़ जाता है।
एड़ी में दर्द का ये एक बाहरी कारण है जिसमें कि गलत साइज या खराब सोल वाली चप्पल या जूता पहनने से आपकी की एड़ी में या एड़ी के पीछे दर्द हो सकता है। ये अक्सर तब होता है, जब आप नए जूता चप्पल खरीदते हैं और कुछ ही दिन इसे पहनने के बाद आप अपनी एड़ी में दर्द महसूस करने लगते हैं। आपको लगता है कि आपके स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के कारण एड़ी में दर्द हो रहा है पर असल में ये गलत चप्पल जूते पहनने के कारण होता है। इसलिए ऐसा होने पर तुरंत अपने चप्पल-जूतों को बदल लें।
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एड़ी की हड्डियों से जुड़ी विकृति होने पर भी लोगों को एड़ी में दर्द होता है। ऐसी विकृति में पैर की हड्डी और कोमल ऊतकों में असामान्यता हो सकती है। साथ ही इसमें आपकी एड़ी के बोन या टेंडन में कोई विकार आ सकता है। ऐसे में एड़ी के पिछले हिस्से के पास के टिशूज में जलन हो सकती है या हड्डी में गांठ हो सकती है। इसे मेडिकल भाषा में हैग्लंड की विकृति (Haglund’s deformity) कहते हैं और ये तब होती है जब आपकी एड़ी के पिछले हिस्से पर बार-बार दबाव पड़ता है। यह बहुत तंग या एड़ी में कड़े जूते पहनने के कारण हो सकता है। चूंकि यह अक्सर उन महिलाओं में विकसित होता है जो ऊंची एड़ी वाले जूते चप्पल पहनती हैं पर इसके पीछे कई और कारण भी होते हैं।
डॉ. कौशल कांत मिश्रा बताते हैं कि कई बार एड़ी की हड्डियों से जुड़ी विकृति बचपन से हो सकती है। या फिर ये जन्म से हो सकती है। ऐसे में सर्जरी की जाती है ताकि विकृति को ठीक करके एड़ी के दर्द को कम किया जा सके।
फुट बर्साइटिस काफी आम है और ये वयस्कों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है। दरअसल, बर्साइटिस तब होती है जब हमारे 'बर्सा' जो कि एक छोटी, द्रव से भरी थैली होती है जो, हमारे जोड़ों और हड्डियों को कुशन और चिकनाई देती है, वो चोटिल हो जाती है या इसमें सूजन आ जाती है। इसके कारण आपको अपनी एड़ी में तेज दर्द, सूजन और रेडनस महसूस हो सकती है। कभी-कभी दर्द असहनीय हो सकता है। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से खुद ही बात करनी चाहिए और इसका इलाज करवाना चाहिए।
इसके अलावा भी बर्साइटिस के कारण कई हो सकते हैं, जैसे कि डायबिटीज, यूरिक एसिड बढ़ने के कारण और थायराइड आदि। दरअसल, इस दौरान शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जिससे सूजन आ जाती है और ये एड़ी में दर्द का कारण बनता है।
एच्लीस टेंडिनिटिस में आपके एड़ी के पीछे दर्द होता है। ये एक सामान्य स्थिति है जो तब होती है जब आपके निचले पैर के पिछले हिस्से की एच्लीस टेंडन (Achilles tendon) में सूजन आ जाती है या इसमें चोट लग जाती है। दरअसल, एच्लीस टेंडन मांसपेशियों को आपकी एड़ी की हड्डी से जोड़ता है और इसका उपयोग तब किया जाता है जब आप चलते हैं, दौड़ते हैं, सीढ़ियों पर चढ़ते हैं, कूदते हैं और अपने पैर की उंगलियों पर खड़े होते हैं। एच्लीस टेंडिनिटिस का कई कारण हो सकते हैं जैसे कि
डॉ. कौशल बताते हैं कि इसमें इलाज के लिए हम दर्द निवारक दवाइयां देते हैं। खास कर अगर समस्या सिर्फ एक महीने से हो रही हो तो। साथ ही ये एक ऐसी समस्या है जिसमें कि हम हाई हील्स पहनने की सलाह देते हैं। इसमें ऊंची हील्स पहनने से लोगों को आराम मिलता है। अगर ये दर्द 6 महीने से ज्यादा का होता है तो हम इसमें स्टेरॉयड इंजेक्शन देते हैं। इसमें डॉक्टर द्वारा ही प्रभावित जगह पर बहुत ही सावधानी पूर्वक इंजेक्शन दी जाती है। ध्यान रहे कि ये इंजेक्शन सिर्फ डॉक्टर ही देते हैं।
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एड़ी के नीचे दर्द का सबसे बड़ा कारण होता है प्लांटर फेशिआइटिस (Plantar Fasciitis)। दरअसल, हमारी फूट में जो आर्च है, उस आर्च से जुड़ा एक टफ फेशिया (fascia) होती है, वो जहां हड्डी से जुड़ती है वहां कभी कभी सूजन आ जाती है और इसके कारण एड़ी में दर्द होता है। इसके कारणों में
ऐसे में अगर ये दर्द 6 हफ्ते से कम का हो तो दवाइयां दी जाती हैं और अगर ये 6 हफ्ते से ज्यादा का हो तो इंजेक्शन देने से ये ठीक हो जाती है।
डॉ. कौशल कांत मिश्रा की मानें तो, एड़ी में दर्द से बचाव का सबसे पहला उपाय ये है कि आप एक एक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो करें। साथ ही खास तौर पर
डॉ. कौशल कांत कहते हैं कि ध्यान रहे कि एड़ी के दर्द में योगा करने से कोई फायदा नहीं मिलता। क्योंकि इस दौरान आप ज्यादातर समय बैठे-बैठे योग करते हैं। इसलिए कोशिश करें कि रनिंग करें या फिर वॉक पर जाएं।
Main Image Credit: Sports-health
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