किसी भी व्यक्ति के लिए एक हेल्दी जीवन जीने के लिए जरूरी है कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह फिट रहे। लेकिन, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति अपनी सेहत का सही ध्यान नहीं रख पाता है। ऐसे में किडनी से जुड़ी समस्याएं भी काफी आम हो गई है, जिसमें कई लोग किडनी फेल होने की समस्या का सामना कर रहे हैं। अमित कुमार शर्मा भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं खुद को दोबारा जीना सिखाया है। दरअसल अमित कम उम्र में ही अमित ने किडनी फेल होने की समस्या का सामना किया और नई किडनी पाने की उनकी आस खुद उनकी बड़ी बहन ने पूरी की, जिसने अपनी किडनी डोनेट करके अपने भाई की जान बचाई। आइए जानते हैं क्या है अमित कुमार शर्मा की किडनी फेलियर से लेकर ट्रांसप्लांट तक की जर्नी के बारे में-
हाई ब्लड प्रेशर के कारण हुई किडनी फेल
अमित शर्मा बताते हैं कि साल 2012 का अप्रैल, उनके जीवन के सबसे बुरे पलों में से एक था। इस समय उन्हें अपनी किडनी खराब होने के बारे में पता चला। ब्लड शुगर लेवल हाई होने के कारण उनकी किडनी पर दबाव पड़ा, जिससे वो फेल हो गई। इसके बाद वे 2 साल तक डायलिसिस पर रहे। लेकिन, इसके बाद ऐंठन, उल्टी और थकान जैसी समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ गई, जिसके कारण वे डिप्रेशन में चले गए। इसके बाद उनकी स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई कि वे दिन में सिर्फ 1 लीटर पानी मुश्किल से पी पाते थे, जिससे उनकी हालत और ज्यादा खराब होने लगी। इसके कारण अमित के पात किडनी ट्रांसप्लांट कराने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा।
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बहन ने डोनेट की किडनी
किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला लेने के बाद अमित के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक हेल्दी किडनी ढूंढने की थी। अमित बताते हैं कि उनकी बड़ी बहन ने उन्हें अपनी किडनी डोनेट की। अमित कुमार शर्मा की बहन के अनुसार, "स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में ब्लड रिलेशन सबसे ज्यादा अहम होते हैं। इसलिए, जब मैंने अपने भाई को किडनी फेलियर की समस्या और डायलिसिस से जूझते हुए देखा तो मुझे बहुत तकलीफ हुई। इसके कारण मैंने अपने भाई को किडनी डोनेट करने का फैसला लिया। लेकिन, मेरे इस फैसले में मेरे पति ने मुझे चौंका दिया, क्योंकि उन्होंने मेरे इस फैसले में मेरा साथ दिया।"
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किडनी ट्रांसप्लांट के बाद रिकवर होने में लगा 1 साल
अमित बताते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उन्हें प्यास, नींद और आराम का एहसास होने लगा था। इसके बाद मैं अपने भविष्य को एक बेहतर स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन और परिवार के साथ एक बेहतर नौकरी जैसे लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं।" वहीं, किडनी डोनेट करने के बाद से भारती शर्मा बिना किसी समस्या के 2 महीने के अंदर ठीक हो गई। अपनी किडनी दान करने के 1 साल के अंदर वे प्रेग्नेंट हो गई और एक हेल्दी बेटी को जन्म दिया है। बता दें कि अमित टीम इंडिया की ओर से WTG 2025 का हिस्सा हैं, जिसे ऑर्गन इंडिया (ORGAN India) द्वारा किया जाता है।
निष्कर्ष
आज के समय में अमित कुमार शर्मा एक हेल्दी लाइफ जी रहे हैं और उनकी लाइफ बिल्कुल बदल गई है। हालांकि उनके परिवार वालों को चिंता थी कि अमित के हालात के कारण उनकी शादी नहीं हो पाएगी, लेकिन अमित को की शादी हो गई और आज वे एक खुशहाल परिवार के साथ अपना जीवन गुजार रहे हैं। उनकी बहन, जिन्होंने अपनी किडनी डोनेट की थी, वो भी एक भी किडनी दान करने के बाद एक बच्चे की मां बन चुकी है और वो भी एक हेल्दी लाइफ जी रही हैं।