उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर में कई बदलाव आते हैं। खासकर 35 की उम्र के बाद बदलाव तेजी से आते हैं, इस उम्र में जहां एक ओर करियर और परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, वहीं दूसरी ओर सेहत से जुड़ी परेशानियां भी दस्तक देने लगती हैं। आमतौर पर इस उम्र में मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है, जिससे वजन बढ़ने और थकान जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इसके साथ ही तनाव और मानसिक दबाव भी इस उम्र में स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं, जिससे नींद की कमी, ब्लड प्रेशर, और हार्ट संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। आयुर्वेद में ऐसे कई प्राकृतिक उपाय और आदतें बताई गई हैं जो 35 की उम्र के बाद भी सेहत को बनाए रखने में सहायक होती हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर रॉबिन शर्मा के अनुसार, यदि आप अपनी दिनचर्या में कुछ खास आयुर्वेदिक उपाय शामिल करते है, तो 35 की उम्र के बाद हेल्दी और फिट रहने में मदद मिलेगी।
1. आंवला, तिल और नारियल का सेवन
आंवला, तिल और नारियल हमारी त्वचा और बालों के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। इनका सेवन नियमित करने से न केवल बालों का झड़ना कम होता है बल्कि त्वचा पर भी निखार आता है। आंवला, तिल और नारियल को बराबर मात्रा में पाउडर बना लें। हर दिन 1-1 छोटा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में 2-3 बार करें।
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फायदे
आंवला विटामिन सी का बेहतरीन सोर्स है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। तिल और नारियल में फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करते हैं और त्वचा को प्राकृतिक नमी देते हैं।
2. सुबह खाली पेट लहसुन और अदरक का सेवन
लहसुन और अदरक आयुर्वेद में उत्तम औषधियों के रूप में माने जाते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने, शरीर को डिटॉक्स करने और रक्त संचार को बढ़ाने में सहायक हैं। आयुर्वेद में इसे सुबह खाली पेट लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। सुबह खाली पेट 2-3 लहसुन की कलिया, 1 चौथाई इंच का अदरक का टुकड़ा और थोड़ा शहद के साथ खाएं।
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फायदे
लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो संक्रमण से बचाते हैं। अदरक पाचन क्रिया में सुधार करता है और सूजन को कम करता है।
3. सोने से पहले पैरों के तलवों की मालिश
दिनभर की भागदौड़ के बाद हमारे शरीर को आराम और मानसिक शांति की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद में सोने से पहले पैरों के तलवों पर देसी घी की मसाज को एक लाभकारी प्रक्रिया माना गया है। इससे न केवल नींद की क्वालिटी में सुधार होता है बल्कि यह मस्तिष्क को शांति भी प्रदान करता है। सोने से पहले अपने पैरों को साफ करें और फिर पैरों के तलवों पर देसी घी से हल्के हाथों से मसाज करें। यह प्रक्रिया लगभग 5-10 मिनट तक करें।
फायदे
देसी घी में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो तनाव को कम करते हैं और मस्तिष्क को शांति प्रदान करते हैं। इससे नींद की क्वालिटी बढ़ती है और थकान दूर होती है। यह आदत हमारी नसों को भी मजबूत बनाती है।
35 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते हमारी लाइफस्टाइल में बदलाव आना सामान्य है, लेकिन सही आदतें अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकते हैं। आयुर्वेद में दी गई ये आदतें हमारी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल में आसानी से अपनाई जा सकती हैं और इनके रिजल्ट जल्द ही देखने को मिलता है।
निष्कर्ष
आज के तेज-तर्रार जीवन में स्वस्थ रहना एक चुनौती बन गया है, लेकिन आयुर्वेदिक उपायों का पालन करके हम अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं। 35 की उम्र से पहले इन आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और हेल्दी रहें।
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