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इंटरमेटिंग फास्टिंग करने से पहले जान लें ये 5 बातें, नहीं तो बिगड़ जाएगी सेहत

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इंटरमेटिंग फास्टिंग करने से पहले जान लें ये 5 बातें, नहीं तो बिगड़ जाएगी सेहत


पिछले कुछ सालों में वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) का ट्रेंड काफी देखा गया है। कॉमेडियन भारती सिंह, एक्ट्रेस नेहा धूपिया और कई स्टार्स इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए 10 से 20 किलो तक वजन कम कर चुके हैं। स्टार्स को एक स्पेशल डाइट प्लान के जरिए वजन घटाना देख, आम लोग भी इसे फॉलो कर रहे हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने का एक सही तरीका है, लेकिन इसको शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। दिल्ली की एम्स की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका शेरावत का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के वक्त कुछ खास बातों का ध्यान न रखा जाए, तो यह शरीर पर प्रभाव डालता है और कई प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है एक निश्चित समय तक भोजन का सेवन करना और बाकी समय बिना खाने के सिर्फ पानी पीकर रहना। इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई मॉडल हैं। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...

16/8 मॉडल : 16 घंटे उपवास और 8 घंटे में खाना।

5:2 मॉडल: इसमें हफ्ते में 5 दिन सामान्य भोजन और 2 दिन कैलोरी की को कंट्रोल करके खाना होता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    1. इंटरमिटेंट फास्टिंग में सिर्फ व्रत करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सही आहार का चयन भी जरूरी है। इसके लिए खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, फल, सब्जियां, नट्स और हेल्दी फैट को शामिल करें। इस डाइट प्रोसेसिंग को फॉलो करते वक्त जंक फूड, चीनी से भरे खाद्य पदार्थ और अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें।

    2. इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान यदि आपको अत्यधिक कमजोरी, चक्कर या थकान महसूस हो, तो फास्टिंग रोक दें।जरूरत से ज्यादा भूख लगने पर संयम रखें, लेकिन खुद को भूखा रखना भी हानिकारक हो सकता है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए अपने शरीर के अनुसार इसे अपनाएं।
    3. इंटरमिटेंट फास्टिंग को प्रभावी और सेहतमंद बनाने के लिए सही रेगुलर रूटीन को जरूर फॉलो करें। रात को जल्दी सोएं और पर्याप्त नींद लें। फास्टिंग के समय हल्की एक्सरसाइज या योग करें, लेकिन भारी वर्कआउट से बचें।
    4. इस डाइट प्रोसेस को फॉलो करते समय धीरे-धीरे इसकी शुरुआत करें। आप सप्ताह में 2 बार कम कैलोरी वाला फूड खाएं और बाद में दूसरे मॉडल पर जाएं।

 

 

 

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  1. इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं। रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी कम पीने की वजह से डिडाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से पेट में दर्द और कब्ज की समस्या होती है।

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निष्कर्ष

इंटरमिटेंट फास्टिंग सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से अपनाना जरूरी है। अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड या अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसे शुरू न करें।

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