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हाइपोथायरायडिज्म में अन‍िद्रा से परेशान हैं? स्‍लीप साइक‍िल सुधारने के ल‍िए करें ये 3 योग

हाइपोथायरायडिज्म में हार्मोनल असंतुलन से नींद की कमी हो सकती है, जिससे थकान और स्‍ट्रेस बढ़ता है और नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
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हाइपोथायरायडिज्म में अन‍िद्रा से परेशान हैं? स्‍लीप साइक‍िल सुधारने के ल‍िए करें ये 3 योग

हाइपोथायरायडिज्म एक आम एंडोक्राइन समस्या है, जिसमें थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती। इसका सीधा असर शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है। थायरॉयड हार्मोन की कमी से कई लोगों को अनिद्रा, बार-बार नींद खुलना और गहरी नींद न आने जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। खराब स्लीप साइकल से शरीर की थकान और स्‍ट्रेस बढ़ जाता है, जिससे दिनभर सुस्ती बनी रहती है। योग एक प्राकृतिक और असरदार तरीका है, जो न केवल शरीर को रिलैक्स करता है बल्कि थायरॉयड ग्रंथि को भी एक्‍ट‍िव करता है, जिससे हार्मोन संतुलन में सुधार होता है। नियमित रूप से कुछ खास योग आसन करने से स्लीप साइक‍िल को सुधारा जा सकता है, जिससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और शरीर ज्‍यादा एनर्जेट‍िक महसूस करता है। अगर आप भी हाइपोथायरायडिज्म के कारण नींद की समस्या से जूझ रहे हैं, तो नीचे दिए गए 3 योग आसनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ये योग थायरॉयड ग्लैंड को एक्‍ट‍िव करने, तनाव कम करने और शरीर को रिलैक्स करने में मदद करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक की योगा एक्सपर्ट डॉ प्र‍िया श्रीवास्तव से बात की।

1. हाइपोथायरायडिज्म में करें सर्वांगासन- Shoulder Stand Pose

Shoulder-Stand-Pose

सर्वांगासन को 'शोल्डर स्टैंड' भी कहा जाता है। इसमें शरीर को कंधों के सहारे ऊपर उठाकर सीधा रखा जाता है, जबकि ठुड्डी सीने से सटी रहती है। यह योग, संतुलन और स्थिरता पर केंद्रित होता है, जिसमें पैरों को ऊंचा उठाकर, ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर किया जाता है।

फायदे:

  • यह थायरॉयड ग्रंथि को एक्‍ट‍िव करता है और हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है।
  • सर्वांगासन, ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर शरीर को एनर्जेट‍िक महसूस कराता है।
  • शरीर की थकान को कम करके अच्छी नींद लाने में मदद करता है।

कैसे करें?:

  • पीठ के बल लेटकर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और हाथों से कमर को सहारा दें।
  • पैरों को सीधा रखें और सिर को स्थिर बनाए रखें।
  • इस मुद्रा में 15-30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं।

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2. हाइपोथायरायडिज्म में करें शवासन- Corpse Pose

Corpse-Pose

शवासन एक गहरी विश्राम मुद्रा है, जिसे 'कॉर्प्स पोज' भी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति पीठ के बल लेटकर शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ देता है और धीरे-धीरे गहरी सांसें लेता है। इस आसन का मुख्य उद्देश्य शरीर और मन को पूरी तरह शांत करना होता है। इसे ध्यान और मेडिटेशन के लिए भी इस्‍तेमाल किया जाता है।

फायदे:

  • यह शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स करता है और स्‍ट्रेस को दूर करता है।
  • अनिद्रा की समस्या को दूर कर यह स्लीप साइकि‍ल को सुधारता है।
  • शवासन, दिमाग को शांत करके अच्छी और गहरी नींद लाने में मदद करता है।

कैसे करें?:

  • पीठ के बल लेटकर हाथों और पैरों को आराम से फैला लें।
  • आंखें बंद करें और सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
  • इस मुद्रा में 5-10 मिनट तक रहें और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आएं।

3. हाइपोथायरायडिज्म में करें भ्रामरी प्राणायाम- Bhramari Pranayama

Bhramari-Pranayama

भ्रामरी प्राणायाम एक श्वास अभ्यास है, जिसमें नाक से गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे ध्वनि निकाली जाती है। यह अभ्यास मन को शांत करता है और मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। भ्रामरी शब्द 'भ्रमर' से लिया गया है, जिसका अर्थ मधुमक्खी होता है, क्योंकि इस प्राणायाम में मधुमक्खी के जैसी गूंजने वाली ध्वनि उत्पन्न होती है। इसे सुबह या रात को शांत वातावरण में किया जा सकता है।

फायदे:

  • भ्रामरी प्राणायाम दिमाग को शांत करता है और स्‍ट्रेस व चिंता को कम करता है।
  • अच्छी नींद लाने में मदद करता है और मन को पॉजि‍ट‍िव बनाए रखता है।
  • भ्रामरी प्राणायाम थायरॉयड फंक्शन को बेहतर बनाकर हार्मोनल बैलेंस सुधारता है।

कैसे करें?:

  • सुखासन या पद्मासन में बैठें और आंखें बंद करें।
  • गहरी सांस लें और फिर नाक से सांस छोड़ते हुए ‘हम्म’ की ध्वनि करें।
  • इसे 5-10 बार दोहराएं और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आएं।

हाइपोथायरायडिज्म के कारण अगर आपकी नींद प्रभावित हो रही है, तो इन 3 योग आसनों को अपनाकर आप अपने स्लीप साइक‍िल को सुधार सकते हैं।

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