Can Yoga Reduce TSH Level: थायरॉइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (Thyroid Stimulating Hormone) या टीएसएच (TSH) एक जरूरी हार्मोन है। इसका मुख्य काम है थायराइड ग्रंथि को कंट्रोल करना। टीएसएच लेवल से यह पता चलता है कि थायराइड ग्रंथि ठीक ढंग से काम कर रही है या नहीं। ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं, यानी कि शरीर की ऊर्जा को किस तरह से इस्तेमाल किया जाए, यह तय करते हैं। अगर टीएसएच लेवल ज्यादा होता है, तो यह हाइपोथायरायडिज्म का संकेत है। अगर टीएसएच लेवल कम होता है, तो यह हाइपरथायरायडिज्म का संकेत। अगर किसी व्यक्ति को थकान, वजन बढ़ना या कम होना, या ठंड लगने जैसे लक्षण हैं, तो डॉक्टर टीएसएच लेवल की जांच कर सकते हैं ताकि थायराइड की समस्या की पुष्टि हो सके। कई बार यह सवाल उठता है कि क्या थायराइड में योग करने से टीएसएच लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। इस सवाल का जवाब हम आगे विस्तार से जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक की योगा एक्सपर्ट डॉ प्रिया श्रीवास्तव से बात की।
क्या योग से थायराइड रोगियों में टीएसएच लेवल घटता है?- Can Yoga Reduce TSH Level
डॉ प्रिया श्रीवास्तव ने बताया कि योग की मदद से टीएसएच लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। थायराइड शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है। थायराइड में दो प्रमुख हार्मोन, थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) होते हैं। टीएसएच पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलता है और थायराइड ग्रंथि को टी4 और टी3 हार्मोन बनाने के लिए प्रेरित करता है। टीएसएच लेवल थायराइड की सक्रियता का संकेत होता है। अगर टीएसएच का स्तर ज्यादा होता है, तो इसका मतलब है कि थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम हो रहा है, और इसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं।
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टीएसएच लेवल को कंट्रोल करने के लिए कौन से योग करें?- Yoga To Control TSH Level in Thyroid
कुछ विशेष योगासन थायराइड को संतुलित करने में मदद करते हैं-
- सरवांगासन (Shoulder Stand) यह आसन थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करने में मदद करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
- हलासन (Plough Pose) भी थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करने में मदद करता है। यह गले के क्षेत्र पर दबाव डालता है, जिससे थायराइड हार्मोन का स्राव बढ़ सकता है।
- मत्स्यासन (Fish Pose) थायराइड के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इस आसन में गले का हिस्सा खिंचाव में आता है, जिससे थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
- उज्जयी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama) में गले का हिस्सा संकरा होता है, जिससे थायराइड ग्रंथि को स्टिम्युलेट किया जा सकता है। इससे टीएसएच लेवल को संतुलित करने में मदद मिलती है।
- सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) एक संपूर्ण व्यायाम है जो पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और थायराइड ग्रंथि को भी एक्टिव करता है।
- योग करने के साथ-साथ, सही आहार और नियमित व्यायाम टीएसएच लेवल को कंट्रोल करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। कुछ विशेष खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट, सूरजमुखी के बीज, और हरी सब्जियां थायराइड को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
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