खर्राटे लेना किसी को भी परेशान करता है। पर ये आपसे ज्यादा आपके बगल में सोने वाले इंसान को प्रभावित करता है। खर्राटे लेने आपकी नींद की कमी आती है और आप स्लीप एपनिया जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा अनियमित या बाधित श्वास लेने के कारण हांफना और घुटन हो सकती है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी पुरानी बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है। साथ ही अक्सर ये देखा गया है कि जो लोग सोते समय ज्यादा खर्राटे लेते हैं, वे ज्यादा गुस्सैल और चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों को ध्यान केंद्रित करने में भी दिक्कत होती है। साथ ही खर्राटे लेने वाले व्यक्तियों में हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर आप भी खर्राटा लेते हैं या आपका कोई अपना ज्यादा खर्राटा लेता है, तो योगा करें या इसे करने का सुझाव दें। तो, आइए हम आपको खर्राटा रोकने के लिए कुछ योगासन बताते हैं।
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खर्राटे के लिए 4 योगासन- Yoga poses to get rid of snoring
1. भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)
भ्रामरी प्राणायाम दिमाग की टेंशन रिलीज करने में मदद करता है। इसे करने पहते तो आपका माइंड डिटॉक्स करता है। पर इसका सबसे ज्यादा फायदा ये है कि ये ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार है। साथ ही ये ब्लड सर्कुलेशन को सही करने में भी मददगार है। इस तरह भ्रामरी प्राणायाम खर्राटे के कई कारणों जैसे कि स्ट्रेस, खराब ब्लड सर्कुलेशन और मोटापा आदि को कम करके खर्राटा रोकने में मदद करता है। इसे करने के लिए
- -एक शांत जगह पर बैठें और अपनी आँखें बंद कर लें।
- -अपनी तर्जनी को अपने कानों पर रखें।
- -सांस अंदर लें और सांस छोड़ते हुए अपनी उंगलियों से कार्टिलेज को दबाएं।
- -बार-बार सांस लें और छोड़ें और लगभग 6-7 बार इसी पैटर्न को जारी रखें।
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2. उज्ज्यी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama)
उज्ज्यी प्राणायाम कफ को साफ करता है और नाक को साफ करता है। इससे नेसल पैसेज साफ हो जाता है और खर्राटा रोकने में मदद मिल जाती है। साथ ही ये पेट को भी स्वस्थ रखता है और शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाता है। इसे करने के लिए
- -मुंह बंद करें और गले को कस लें।
- -एक छोटी सांस छोड़ें और फिर एक लंबी सांस लेना शुरू करें।
- -अब पूरी तरह से भरपूर सांस लें।
- -ध्यान रखें कि बैठते समय रीढ़, सिर और गर्दन को सीधा रखा जाता है।
- -फिर सांसो को रोकें और इसे फिर करें।
- -रोज इसे आधा घंटा करते रहें।
3. नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhan Pranayama)
नाड़ी शोधन प्राणायाम एक प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज है। ये तनाव कम करती है और कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन में सुधार लाती है। ये फेफड़ों के कार्य और श्वसन सहनशक्ति में सुधार लाती है और हृदय गति को बेहतर बनाती है। इसे करने के लिए
- -अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा और कंधों को आराम दे कर बैठें।
- -अपने बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें और हथेलियां आसमान की ओर खुली हों।
- -दाहिने हाथ की तर्जनी और मध्यमा को भौंहों के बीच में, अनामिका और छोटी उंगली को बाएं नथुने पर और अंगूठे को दाहिने नथुने पर रखें। अब अनामिका और छोटी उंगली का उपयोग बाईं नाक के छेद को खोलने या बंद करने के लिए करें। अंगूठे का प्रयोग दाहिने नाक की छेद को बंद करने और खोलने के लिए इस्तेमाल करें।
- -अपने अंगूठे को दाएं नथुने पर दबाएं और बाएं नथुने से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- - अब बाएं नथुने से सांस लें और फिर बाएं नथुने को अनामिका और छोटी उंगली से धीरे से दबाएं।
- -दाईं नाक के छेद से सांस अंदर लें और बाएं से सांस छोड़ें। अब आपने नाड़ी शोधन प्राणायाम का एक चक्र पूरा कर लें।
- -इसे बार-बार करें।
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4. धनुरासन (dhanurasana)
धनुरासन (dhanurasana) आपकी ब्रीदिंग को रेगुलेट करता है, जिससे आपको खर्राटे को रोकने में मदद मिलती है। साथ ही धनुरासन से चेस्ट पर दबाव पड़ता है और सांस लेने में मदद मिलती है। ये श्वास को विनियमित करने में मदद करता है और गहरी सांस लेने और छोड़ने की अनुमति देने के लिए छाती की मांसपेशियों को खोलता है।
- -इसे करने के लिए अपनी चटाई पर पेट के बल लेटें।
- -अपने सभी पैर की उंगलियों को फर्श में दबाएं और फिर अपने घुटनों को मोड़ें व पैर की उंगलियों को एक्टिव रखें।
- -अपनी टखनों के बाहरी किनारों को अपने हाथों से पकड़ें और अपने पैरों को मजबूती से मोड़ें।
- -फिर सांस ले और सांस छोड़ें। इस तरह इस योगासन को करते रहें।
इस तरह ये 4 योगासन शरीर में कई चीजों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे सुबह और शाम कभी भी कर सकते हैं। फिर एक ही योग को रोज नियमित तौर पर करें। इससे आपको फायदे मिलेंगे।
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