योगासन करने से आपका शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहता है। साथ ही काम करने की क्षमता का विकास होता है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। इसके लिए आप गोमुखासन कर सकते है। इस आसन में जांघें और दोनों हाथ एक छोर पर पतले और दूसरे छोर पर चौड़े होते हैं, जिसके कारण वो गाय के मुख के समान दिखाई देते हैं। इस आसन को करने के लिए आपको गाय के समान मुद्रा में बैठना होता है। इस योगासन को करना बेहद सरल है। गोमुखासन महिलाओं के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। इसके अभ्यास से आपको वजन को कम करने के लिए और अपने शरीर को सुडौल बनाने के लिए यह आसन और बहुत ही फायदेमंद होता है। गोमुखासन हमारे कंधों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसे आप सुबह को कर सकते है। साथ ही इसके लिए पेट खाली होना बेहद जरूरी है। आइए इसके फायदे और उपयोग के बारे में विस्तार से जानते है।
गोमुखासन के फायदे (Gomukhasana Yoga Benefits)
1. इस योगासन के अभ्यास से बांहों की पेशियां और पीठ वाले हिस्से में मजबूती आती है। साथ ही रीढ़ की हड्डियां सीधी रहती है।
2. अस्थमा के मरीजों के लिए भी इस मुद्रा के कई फायदे है। इससे छाती वाले हिस्से में फैलाव आता है और इसके नियमित अभ्यास से श्वसन संबंधी समस्याएं दूर होती है।
3. गोमुखासन योग से कूल्हे के दर्द में काफी आराम मिलता है और कमर दर्द की समस्या भी ठीक हो सकती है।
4. बवासीर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्याओं में भी इसके अभ्यास से कंधे की जकड़न, गर्धन में दर्द और सिरदर्द की दिक्कते आ सकती है।
5. इससे लिवर और किडनी की समस्या में भी आराम मिलता है। डायबिटीज की बीमारी भी इससे कम हो सकती है।
6. गोमुखासन से शरीर लचीला बनाए रखने और सुडौल बनाने में मदद मिलती है।
7. यह पैर में ऐंठन को कम करता है और पैर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।
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गोमुखासन करने का तरीका (Steps of (Gomukhasana Yoga)
1. इस आसन को करने के लिए योग मैट पर सुखासन या क्रॉस पैर वाली मुद्रा में बैठ जाएं।
2. इसके बाद अपने बांए पैर को अपने शरीर की तरफ खींचने का प्रयास करें।
3. फिर अपने दायं पैर को बांए पैर की जांघों के ऊपर रखें और उसे भी खींचकर अपने शरीर के पास ले आयें।
4. अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी के पास से मोड़कर अपनी पीठ के पीछे जितना अधिक हो सके ले जाएं।
5. उसके बाद बाएं हाथ को भी कोहनी के पास से मोड़े और पेट के साइड से पीछे की ओर पीठ पर ले जाएं।
6. अब दोनों हाथों को खींचकर आपस में मिलाने की कोशिश करें और पीठ के पीछे हाथों को एक दूसरे से पकड़ लें।
7. अब इस मुद्रा में कुछ देर तक रहें और 10-12 बार सांस लें।
8. इसे आप दोनों हाथों की ओर से कर सकते है।
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सावधानियां
1. पीठ दर्द से पीड़ित होने पर इस आसन को करने से बचें।
2. अगर आपको कंधे, गर्दन, घुटने में दर्द हो, तो आप इस आसन को ना करें।
3. गर्भवती महिलाएं इस आसन का अभ्यास न करें। इससे आपको नुकसान हो सकता है।
4. अगर आपके बवासीर से खून आ रहा है तो आप इस आसन को ना करें।
5. अगर पीठ के पीछे हाथ को पकड़ने में परेशानी हो रही है तो जबरदस्ती ना करें।
6. रीढ़ की हड्डी में किसी भी प्रकार की समस्या या दर्द हो तो इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
7. पहली बार इसे ट्रेनर की देखरेख में ही करने का प्रयास करें।