साइटिका का दर्द (Sciatica Pain) पैरों में नसों में दबाव पड़ने के कारण होने वाला दर्द है, जो कमर से संबंधित नसों में सूजन का कारण भी बन सकता है। साइटिका का दर्द होने पर चलने फिरने या पैरों को मोड़ने में समस्या हो सकती है। वहीं कंधे के आस-पास के नसों में खिंचाव होने के कारण कंधे में भी दर्द होने लगता है। शरीर के इन दोनों ही हिस्सों पर दर्द होने के कारण आपको काम करने में समस्या होना आम बात है। इंस्टाग्राम पर योगी बाबा नाम के पेज पर योग प्रशिक्षक ने एक वीडियो शेयर कर साइटिका और कंधे के दर्द से राहत पाने के लिए गोमुखासन करने की सलाह दी है। योगी बाबा के अनुसार, “गोमुखासन तीन शब्दों से मिलकर बना है, गो-मुख-आसन जहां "गो" का अर्थ गाय है, "मुख" का अर्थ चेहरे से है और "आसन" का अर्थ मुद्रा है। मुड़े हुए पैर गाय के मुंह की आकृति बनाते हैं जबकि कोहनियां गाय के कान की तरह दिखती हैं। इसलिए, इसे आमतौर पर गाय-मुख मुद्रा के रूप में जाना जाता है।”
गोमुखासन करने का तरीका क्या है? - How To Do Gomukhasana For Sciatica Pain in Hindi?
- अपने पैरों को जमीन पर फैलाकर बैठ जाएं औऱ दंडासन या स्टाफ पोज से शुरुआत करें।
- अब अपने पैरों को खोलें और फिर घुटनों को मोड़ लें।
- अपने बाएं पैर को अपने दाएं हिप्स के पास ले जाएं।
- अब अपने दाहिने पैर को अपने बाएं कूल्हे के पास ले जाएं।
- इस दौरान आपका दाहिना घुटना आपके बाएं घुटने के ऊपर होना चाहिए।
- इस प्रक्रिया के दौरान सांल लें और अपने दाहिने हाथ को छत की ओर सीधी स्थिति में रखें
- सांस छोड़ें और अपनी कोहनी को ऊपर की ओर मोड़ें और दाहिने हाथ को पीछे की ओर लाएं।
- अब अपने बाएं हाथ को पीछे की ओर मोड़ कर अपने पीठ के केंद्र को छूते हुए कोहनी को धीरे से जमीन की ओर झुकाएं।
- पीठ के पीछे से अपने हाथों को एक साथ पकड़ने की कोशिश करें और जितना संभव हो सकें उंगलियों को मिलाएं।
- अगर हाथों को पकड़ना मुश्किल हो तो स्ट्रैप या बेल्ट को आप प्रोप की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अपनी रीढ़ को सीधी स्थिति में रखें और अपने सिर को आगे की ओर झुकने से बचाए।
- साइटिका और कंधे के दर्द से राहत पाने के लिए इस आसन का अभ्यास रोजाना करें।
गोमुखासन करने के क्या फायदे हैं? - What is The Benefits of Gomukhasana in Hindi?
- गोमुखासन हिप्स को फैलाता है, जो साइटिका नर्व पर दबाव को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे साइटिका के दर्द को कम किया जा सकता है।
- यह आसन कंधों को खोलने में मदद करता है, जिससे जकड़न दूर होती है और कंधे के दर्द से आराम मिलता है।
- गोमुखासन आपकी छाती को खोलकर पोश्चर में सुधार करता है और कंधों के तनाव से राहत देता है।
- यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी को सही रखने में मदद करती है, जो रीढ़ की हड्डी में होने वाली असुविधा को कम कर सकती है।
- गोमुखासन के नियमित अभ्यास से हिप्स, कंधों और रीढ़ का लचीलापन बढ़ता है, जिससे शरीर के इन हिस्सों में होने वाली असुविधा को कम करने में मदद मिलती है।
- गोमुखासन शरीर के मांसपेशियों की ताकत को संतुलित करने में मदद करता है, किसी भी असंतुलन को दूर करता है जो दर्द का कारण बन सकता है।
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गोमुखासन का अभ्यास आपके साइटिका और कंधे के दर्द से राहत दिला सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे अगर आप इसे पहली बार कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें।
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