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क्या आप भी साइटिका के दर्द को करते हैं इग्नोर? जान लें इसके 5 नुकसान

Sciatica Pain Neglect Karne Ke Side Effects: साइटिका के दर्द को इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए। इससे साइटिका नर्व डैमेज हो सकती है और आपकी नॉर्मल लाइफस्टाइल पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
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क्या आप भी साइटिका के दर्द को करते हैं इग्नोर? जान लें इसके 5 नुकसान

Effects Of Neglecting Sciatica Pain In Hindi: साइटिका का दर्द तब होता है, जब साइटिका नर्व पर दबाव पड़ता है या कंप्रेस हो जाती है। आपको बता दें कि साइटिका नर्व लोअर बैक से होते हुए दोनों पैरों तक जाती है। इसलिए, जब भी साइटिका का दर्द होता है, तो इसकी वजह से व्यक्ति के लिए चलना, फिरना, बैठकर अचानक उठने या पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके बावजूद, कई लोग साइटिका पेन को इग्नोर करते हैं। उन्हें लगता है कि यह दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा। जबकि, ऐसा नहीं होता है। अगर साइटिका पेन है, तो जरूरी है कि आप अपना इलाज करवाएं। क्योंकि अगर आप लंबे समय तक साइटिका पेन को इग्नोर करते हैं, तो इसकी वजह से कई तरह के नुकसान आपको उठाने पड़ सकते हैं। इस लेख में हम इन्हीं नुकसानों के बारे में जानेंगे। इस बारे में हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अभिषेक वैश से बात की।


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साइटिका पेन को इग्नोर करने के नुकसान- Sciatica Pain Ignore Karne Ke Nuksan In Hindi

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नर्व डैमेज हो सकती है

अगर आप लंबे समय तक साइटिका पेन को इग्नोर कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि साइटिका पेन को इग्नोर करने से आपकी नर्व डैमेज हो सकती है। असल में, साइटिका पेन में साइटिका नर्व को ही नुकसान पहुंचता है। अगर आपने समय रहते इसका इलाज न किया, तो साइटिका नर्व पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे वो डैमेज हो सकती है। आपको याद दिला दें कि डैमेज नर्व की वजह से सुन्नपन, झुनझुनाहट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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मसल्स में कमजोरी

अगर आपने लंबे समय तक साइटिका पेन को इग्नोर किया, जिसकी वजह से साइटिका नर्व डैमेज हो गई है। ऐसे में आपके पैर और पंजों के मसल्स पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। मसल्स कमजोर हो जाती हैं। इस स्थिति में आपके लिए चलना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कुछ मामलां में मरीज को ड्रॉप फुट भी हो जाता है। यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें मरीज अपने पंजों को उठाने तक में असमर्थ हो जाता है।

दर्द का बढ़ना

साइटिका पेन की अनेदखी करना समस्या का समाधान नहीं, बल्कि नई समस्या को बुलाना है। असल में, साइटिका पेन को इग्नोर करने की वजह से दर्द क्रॉनिक हो सकता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कई बार यह दर्द महीनों-सालों तक बना रह सकता है। याद रखें कि साइटिका पेन के साथ अपनी नॉर्मल लाइफस्टाइल जीना काफी मुश्किल होता है।

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ब्लैडर पर कंट्रोल न होना

साइटिका पेन का ट्रीटमेंट न किए जाने पर ब्लैडर और बाउील फंक्शन भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि, ऐसा बहुत गंभीर मामलों में देखने को मिलता है। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जो लोग साइटिका के दर्द से लंबे समय से पीड़ित हैं, उन्हें ब्लैडर कंट्रोल करने में दिक्कतें आने लगती हैं।

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मानसिक स्वास्थ्य पर असर

साइटिका पेन को इग्नोर करने की वजह से सबसे पहले यह दर्द क्रॉनिक हो जाता है। धीरे-धीरे यह दर्द आपकी लाइफ की क्वालिटी को प्रभावित करने लगता है, जिससे आपके लिए चलना-फिरना या उठना-बैठना भी चैलेंजिंग हो जाता है। यहां तक कि छोटे-छोटे कामों के लिए भी दूसरों पर आश्रित होना पड़ता है। इस तरह की स्थिति का मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर देखने को मिलता है। साइटिका पेन की वजह से व्यक्ति अच्छी नींद भी नहीं ले पाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति बार-बार मूड स्विंग से जूझ रहा होता है।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • साइटिका के दर्द में क्या नहीं करना चाहिए?

    साइटिका का दर्द हो, तो आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। साथ ही, डाइट का भी ध्यान रखना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो साइटिका का दर्द होने पर आपको ट्रांस फैट का सेवन नहीं करना चाहिए और शराब से भी दूर रहना चाहिए। इनकी वजह से साइटिका का पेन बढ़ सकता है और सूजन में भी बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है।
  • साइटिका का लास्ट स्टेज क्या है?

    साइटिका के लास्ट स्टेज में दर्द क्रॉनिक हो जाता है। यह दर्द पीठ के निचले हिस्से, नितंब, टांगों और पैरों तक पहुंच जाता है। यह दर्द इतना गंभीर हो जाता है कि मरीज की रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित होने लगती है।
  • साइटिका का दर्द कितना खतरनाक होता है?

    साइटिका का दर्द खतरना हो सकता है। अगर आप लंबे समय तक इसे इग्नेर करते हैं, तो दर्द के साथ-साथ आपको प्रभावित हिस्से में जलन, चुभन हो सकती है। यह स्थिति समय के साथ-साथ गंभीर होती चली जाती है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 14, 2025 17:33 IST

    Published By : Meera Tagore

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