बेहतर और स्वस्थ जीवन के लिए योग (Yoga) बहुत उपयोगी माना जाता है, पूरी दुनिया में लोग तेजी से योग को अपना रहे हैं। योग का नियमित अभ्यास मन, दिमाग और शरीर के संतुलन को साधने में बेहद महत्वपूर्ण होता नियमित अभ्यास से शरीर आउट मन दोनों निरोगी होता है। प्राचीन काल से ही योग की तमाम विधायें भारत में प्रचलित थीं लेकिन जैसे जैसे ही इसका विस्तार शुरू हुआ योग के तरीकों में नए-नए बदलाव भी देखने को मिले, इसी में से एक है यिन योग (Yin Yoga)। यिन योग अगर सही मायने में देखा जाए तो आराम, स्थिरता और शांति से किया जाने वाला योग है। यिन योग के माध्यम मन और शरीर संतुलन को साधने की कोशिश में खुद को योग की क्रियाओं (Yoga Posture) में लीन कर देना होता है।
शरीर में होने वाले विकारों और कई दूसरी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए योग का नियमित अभ्यास बेहद फायदेमंद होता है। शारीरिक संतुलन और मन-मस्तिष्क को शांत रखने के लिए यिन योग का अभ्यास लोग करते हैं। इसे धीमी गति वाला योग भी कहा जाता है जिसमें 3 से 5 मिनट तक किसी भी योग के पोज में रहना होता है। यिन योग के ज्यादातर पोज बैठकर या लेटकर किये जाते हैं। इस लेख में आइये विस्तार से जानते हैं यिन योग के बारे में।
यिन योग क्या है (What is Yin Yoga)
मुख्य रूप से यिन योग शरीर के निचले हिस्से और जांघ व मांसपेशियों पर केंद्रित व्यायाम होता है। यह एक धीमा और ध्यान को केंद्रित करके किया जाने वाला योग है। यिन योग की जड़ें चीन से जुड़ी हुई हैं जिसमें कई प्रकार के पारंपरिक चीनी चिकित्सा विधियों को भी शामिल किया गया है। इस योग में शुरुआत में लोग 50 से 70 सेकंड तक किसी योग आसन में खुद को रखते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह समय बढ़कर 4 से 5 मिनट तक भी हो सकता है। इस योग के माध्यम से मन और अपने शरीर की शारीरिक संवेदनाओं के संतुलन को बनाये रखने में भी मदद मिलती है। सामान्यतः योग के दूसरे तरीकों में हम एक निश्चित समय तक ही किसी पोज का अभ्यास करते हैं लेकिन इसमें खुद को किसी एक पोज के भीतर सरेंडर कर देना होता है।
कब हुई थी यिन योग की शुरुआत (When Was Yin Yoga Started)
यिन योग पद्धति प्राचीन चीनी चिकित्सा सिद्धांतों पर आधारित है, इसमें ताओवादी सिद्धांतों की भी झलक दिखाई देती है। प्राचीन चीनी चिकित्सा पद्धति के अनुसार ही यिन योग में हम किसी भी योग आसन के पोज को लंबे समय तक खींचते हैं और शरीर व मन को शांत रखने की कोशिश करते हैं। इस योग की शुरुआत चीन में एक मार्शल आर्ट के गुरु द्वारा की गयी थी। ऐसा माना जाता है कि यिन योग लगभग 1970 के दशक में मार्शल आर्ट एक्सपर्ट और योग शिक्षक पाउली ज़िनक ताओवादी योग (ताओ यिन) द्वारा की गई थी। इस योग पद्धति की जड़ें मूलरूप से चेन और भारत से जुडी हुई हैं। जैसे भारत में प्राचीन काल से हठयोग का प्रचलन है ठीक उसी प्रकार से चीन में ताओवादी योग (Taoist Yoga) का अभ्यास किया जाता है। ताओइस्ट योग पद्धति के जरिये ही यिन योग की शुरुआत हुई थी।
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कैसे करते हैं यिन योग का अभ्यास (How to Practice Yin Yoga Poses)
यिन योग शांत और धीमी गति से किया जाने वाला योग है। इस योग में योगा मैट या फर्श पर निष्क्रिय होकर शरीर के निचले हिस्से जैसे कूल्हों, श्रोणि, आंतरिक जांघों, निचली रीढ़ पर जोर दिया जाता है। यिन योग का अभ्यास शांत और शीतल वातावरण वाले कमरे या हॉल में किया जा सकता है। योग का अभ्यास करते समय किसी भी मुद्रा में आमतौर पर दो से पांच मिनट (या उससे अधिक समय तक) रहना होता है। इस योग में सूर्य नमस्कार की तरह 13 प्रकार की मुद्राएं या आसन शामिल होते हैं। इस योग की हर मुद्रा में खुद को लगभग 2 से 3 मिनट या फिर 4 से 5 मिनट तक के लिए रखा जाता है। इसीलिए इसे खुद को योगा मैट या फर्श पर सरेंडर कर देने वाला योग भी कहते हैं। इस आसन में स्थिर होकर मन को पूरी तरह शांत करने का अभ्यास किया जाता है। किसी एक पॉइंट पर अपना ध्यान केंद्रित कर इसका अभ्यास होता है। यही कारण है कि इस योग को करने से मन और शरीर दोनों संतुलित रहते हैं। इस योग में सांस के संतुलन को भी बनाये रखने की आवश्यकता होती है। सांस को इस योग विधि का महत्वपूर्व हिस्सा माना गया है। योगाभ्यास के दौरान ध्यान केंद्रित करते हुए सांस के संतुलन को साधने की भी जरूरत होती है। यिन योग में सांस को अंदर खींचते हुए पेट और पसलियों को चौड़ा करना होता है और इसके बाद जब हम सांस बाहर छोड़ते हैं तो नाभि और रीढ़ के निचले हिस्से को अंदर की तरफ खींचते हैं।
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यिन योग के फायदे (Benefits of Yin Yoga)
यिन योग के नियमित अभ्यास से होने वाले स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार से हैं।
1.मन और शरीर को संतुलित और शांत रखने के लिए इस योग का नियमित अभ्यास बेहद फायदेमंद माना जाता है।
2. शरीर में खून के प्रवाह को संतुलित करता है।
3. चिंता, तनाव और अवसाद जैसी दिक्कतों को कम करने में इसका नियमित अभ्यास बेहद उपयोगी होता है।
4. शरीर को मजबूत और फ्लेक्सिबल बनाने में यह योग फायदेमंद माना जाता है।
5. शरीर के निचले और आंतरिक अंगों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
6. मन को साधने यानि कि स्थिर करने में इस योग का नियमित अभ्यास फायदा देता है।
7. यिन योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक एक्टिव बनाता है और इसके अभ्यास से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
8. शरीर की ऊर्जा और प्राण ऊर्जा (Life Force) को बढ़ाने का काम करता है।
यिन योग का अभ्यास करने के लिए किन चीजों की आवश्यकता होती है (Props to Practice Yin Yoga)
सही तरीके से सही मुद्रा में इस योग का अभ्यास करने के लिए कुछ चीजों की आवश्यकता होती है। यिन योग के अभ्यास में हम किसी भी योग मुद्रा में लंबे समय तक खुद को स्थिर करते हैं ऐसे में सहारा देने के लिए कुछ चीजों की जरूरत रहती है। अधिक आराम से इस योग का अभ्यास करने के लिए इन वस्तुओं का होना जरूरी होता है।
- - बेल्ट और पट्टी
- - योगा मैट
- - कुशन
- - ब्लाक
- - बोलर्स
- - कम्बल
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हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल में यिन योग को लेकर दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी। यिन योग का अभ्यास मन और शरीर को स्वस्थ, शांत और संतुलित बनाने के लिए किया जाता है। इसके अभ्यास के दौरान सावधानी का पालन करना चाहिए। शुरुआत में इसका अभ्यास किसी एक्सपर्ट की देखरेख में करना चाहिए। यदि आपको हड्डियों या शरीर के किसी अंग में कोई विशेष समस्या है तो इसके अभ्यास से पूर्व डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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