Benefits Of Yoga For Heart Patients In Hindi: आर्टरीज में प्लाक जमने के कारण हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। मौजूदा समय में आपने देखा होगा कि हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि ज्यादातर लोगों की जीवनशैली में बुरी आदतें शामिल हो चुकी हैं और हेल्दी तथा पोषक तत्वों की डाइट के बजाय लोग प्रोसेस्ड फूड को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। ध्यान रखें कि हार्ट से जुड़ी परेशानी होने पर ब्लड फ्लो सही तरह से नहीं हो पाता है, जिससे पूरी बॉडी में ऑकसीजन सप्लाई की कमी हो जाती है। साथ ही, शरीर में पोषक तत्व भी नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में हार्ट के मरीजों के लिए जरूरी है कि वे अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। विशेषज्ञों की मानें, तो हार्ट के मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल में योग जरूर शामिल करना चाहिए। इससे उन्हें कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। आइए, जानते हैं दिल्ली विकास प्राधिकरण में योग प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत योगाचार्य अनिल मुद्गल (1993 से योग शिक्षण कार्य में संलग्न हैं )से इनके बारे में-
हार्ट के मरीजों के लिए योग के फायदे- Benefits Of Yoga For Heart Health In Hindi
तनाव के स्तर में कमी
जो लोग अक्सर तनाव में रहते हैं, उन्हें हार्ट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का रिस्क बना रहता है। ऐसे में हार्ट के मरीजों को चाहिए कि वे योग करें। योग करने से तनाव का स्तर कम होता है। असल में, योग करते हुए कई ऐसे योगासन होते हैं, जो बॉडी को रिलैक्स करते हैं। खासकर, ब्रीदिंग पर फोकस करने वाले योग की मदद से मन शांत होता है। यही नहीं, यह क्रॉनिक स्ट्रेस से निपटने में भी हार्ट के मरीजों की मदद करता है।
इसे भी पढ़ें: हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रोज करें ये 5 योगासन, मिलेंगे और भी फायदे
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करता है
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर भी संतुलित रहता है। ध्यान रखें कि हार्ट के मरीजों के लिए ब्लड प्रेशर की समस्या घातक हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट डिजीज से पीड़ित लेगों में हृदय गति में वृद्धि से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। क्योंकि हार्ट अधिक बार पंप करता है, जिससे आर्टरी वॉल्स के खिलाफ रक्त अधिक प्रेशर से धकेलता है। हार्ट के मरीजों के लिए यह कंडीशन सही नहीं है। योग की मदद से वे ब्लड प्रेशर को संतुलित कर सकते हैं।
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
यह बात आप जानते होंगे कि शरीर में ब्लड फ्लो जितना सही रहेगा, स्वास्थ्य उतना बेहतर होगा। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन की वजह से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमार होने का जोखिम भी कम होता है। हार्ट के मरीजों के लिए आवश्यक है कि ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करें। इसके लिए नियमित रूप से योग कर सकते हैं। इससे ऑक्सीजन सप्लाई में सुधार होता है।
इसे भी पढ़ें: दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदेमंद हैं ये योगासन, जानें फायदे
वेट मैनेजमेंट में मदद
हार्ट के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है कि वे अपने वेट मैनेजमेंट पर पूरा ध्यान दें। असल में, जब किसी का वजन बढ़ जाता है, तो इसकी वजह से हार्ट हेल्थ बिगड़ सकती है और कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। वहीं, अगर आप नियमित रूप से योग करते हैं, तो इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और वजन को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
हार्ट हेल्थ के लिए कौन-से एक्सरसाइज करें
वैसे तो हार्ट हेल्थ में सुधार करने के लिए आप कई तरह के योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि मेडिकल हेल्प का कोई विकल्प नहीं होता है। डॉक्टर आपको जो सलाह दें, उन्हें फॉलो करें। यहां हम आपको हार्ट हेल्थ में सुधार के लिए कुछ योग के बारे में बात रहे हैं-
- ताड़ासनः यह पोस्चर में सुधार करता है और स्टेबिलटी में सुधार करता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है और हार्ट हेल्थ बेहतर हाती है।
- वृक्षासनः हार्ट हेल्थ के लिए वृक्षासन कर सकते हैं। इससे लंग्स की कैपेसिटी में सुधार होता है और सीना तथा कंधों को फैलाव मिलता है।
- सेतुबंधासनः यह योग बैक कोर में सुधार करता है। साथ ही, यह ब्लड फ्लो में भी सुधार करता है।
All Image Credit: Freepik
FAQ
किस प्राणायाम से हृदय रोग दूर होता है?
उज्जायी, प्राणायाम हृदय रोगों को दूर करने में मदद करता है। इससे तनाव कम होता है, लंग्स की कैपेसिटी में सुधार होता है और हार्ट हेल्थ भी बेहतर होती है।क्या योग हार्ट ब्लॉकेज को साफ कर सकता है?
योग की मदद से हार्ट ब्लॉकेज को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह हार्ट ब्लॉकेज का स्थाई समाधान नहीं हो सकता है। योग की मदद से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है और ब्लड शुगर के स्तर को भी बैलेंस करने में मदद मिलती है।कौन-सी एक्सरसाइज हार्ट ब्लॉकेज को दूर करती है?
हार्ट ब्लॉकेज कम करने के लिए किस तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए, इस संबंध में डॉक्टर की राय लेना जरूरी है। हालांकि, इस संबंध में वॉकिंग, स्विमिंग, साइक्लिंग जैसी एक्सरासइज फायदेमंद हो सकती है।