कोरोनाकाल में खुद को फिट रखना बहुत ही जरूरी है। इस समय घर से बाहर जाकर एक्सरसाइज करना काफी मुश्किल है। ऐसी स्थिति में शरीर को फिट रखने के लिए योग का सहारा लेना आपके लिए बेहतर हो सकता है। योगांश योगा एंड फिटनेट की योगा इंस्ट्रक्टर नेहा शर्मा का कहना है कि कोरोनाकाल में घर से बाहर जाना खतरे को न्यौता देने के बराबर है। ऐसी स्थिति में शरीर को फिट रखना बहुत ही जरूरी है। खुद को फिट रखने के लिए कई लोग घर से बाहर जाकर एक्सरसाइज करते थे। लेकिन इस समय स्थिति काफी खराब है, इसलिए हम घर से बाहर नहीं जा सकते हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज बहुत ही जरूरी है। भले ही आप घर के अंदर हों, लेकिन एक्सरसाइज का साथ कभी न छोड़ें। घर में रहकर भी आप योग कर सकते हैं। कोरोनाकाल में दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करने से आप काफी हद तक फिट रह सकते हैं। योग करने से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी स्ट्रॉन्ग हो सकते हैं। जो इस समय बहुत ही जरूरी है। योग कई प्रकार के होते हैं। इसलिए हम में से कई लोग यह तय नहीं कर पाते हैं कि आखिर कौन सा योग करें? घर के अंदर रहकर कौन से कौन का चुनाव करें? अगर आपके साथ भी ऐसी स्थिति है, तो आप झेन योग का चुनाव कर सकते हैं। झेन योग के अंतर्गत सिर्फ एक आसन नहीं बल्कि कई योगासन आते हैं। जिसके नियमित अभ्यास से आप खुद को फिट रख सकते हैं।
झेन का अर्थ होता है, ध्यान लगाना। शायद आप में से कई लोगों ने यह नाम पहली बार सुना होगा। झेन योग (Zen yoga) में शामिन योगासनों का नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। चलिए जानते हैं झेन योग में शामिल योगासनों के बारे में और इन योगासन को करने से शरीर को होने वाले फायदे क्या है?
झेन योग में के योगासन (Zen Yoga Poses)
आपको बता दें कि इस योग में सिर्फ एक आसन नहीं, बल्कि कई योगासन शामिल हैं। जो निम्न हैं-
टॉप स्टोरीज़
बद्धकोणासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक मैट बिछा लें।
- इसके बाद अपने पैरों को फैलाते हुए बैठ जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें।
- सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों को पास ले जाएं। एड़ियों को जोड़ने के लिए आप हाथ की मदद ले सकते हैं।
- इसके बाद धीरे-धीरे अपनी एड़ियों को पेट के पास ले जाएं।
- इस दौरान घुटनों को फर्श से स्पर्श करने के लिए जांघ पर जोर लगाएं।
- इस अवस्था में कुछ सेकंड रहिए। इसके बाद अपनी अवस्था में लौट आइए।
- इसे आप एक दिन में 10 से 15 बार आसानी से कर सकते हैं।
- ध्यान रखें कि इस आसान को करते समय आपको सांस लेते और छोड़ते रहना चाहिए।

बद्धकोणासन के फायदे
गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान यह आसन नियमित रूप से करना चाहिए। यह उनकी प्रजनन प्रणाली को बेहतर करता है। इसके अलावा इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही मूत्राशय और किडनी की कार्य क्षमता में सुधार आता है। इसके अलावा अनियमित पीरियड्स की समस्या से गुजर रही महिलाओं के लिए भी यह आसन काफी फायदेमंद है।
इसे भी पढ़ें - Natarajasana: नटराजासन को करने से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने की विधि
धनुरासन
- धनुरासन भी झेन योग के अंतर्गत आने वाला योगासन है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछा लें।
- इसके बाद मैट पर पेट के बल लेट जाएं। इस दौरान अपने हाथों को पैरों के पास सीधे सटाकर रखें।
- अब अपने पैरों को धीरे-धीरे मोड़े और हाथों से पैर के टखनों को पकड़ने की कोशिश करें।
- इसके बाद लंबी सांस लेते हुए अपना सीना, सिर और जांघ को जमीन से ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। साथ ही अपने हाथों से पैरों को खींचने की कोशिश करें।
- धनुरासन मुद्रा में आने के लिए ऊपर की और देखें और अपना पूरा ध्यान अपने श्वसन क्रिया पर दें।
- 10 से 15 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रुकें। बाद में अपनी प्रारंभिक मुद्रा में वापस आ जाएं।
- इस योग का करीब 10 बार अभ्यास करें।
धनुरासन योग के लाभ
धनुरासन योग करने से पीठ और कमर की हड्डियां मजबूत होती हैँ। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ता है। इसके साथ ही इसका नियमित अभ्यास करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत गोती हैं। यह आपके कोर्टिसोल हार्मोन को कंट्रोल करने में आपकी मदद करता है।
आनंद बालासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे योग मैट बिठा लें।
- इसके बाद मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। ध्यान रखें कि इस दौरान आपको अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा रखना है।
- अब सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और पेट की ओर ले जाएं। इस दौरान आपकी जांघे आपके पेट पर होना चाहिए।
- जांघों को पेट पर रोकते हुए अपने पैरों का निचला हिस्सा ऊपर की ओर ले जाएं।
- ध्यान रहे कि इस स्थिति में आपके दोनों पैरों के पंजे ऊपर की ओर होने चाहिए।
- इसके बाद अपने दोनों पैरों के घुटनों को इतना फैलाएं कि आपके पैरों के घुटने आपके पेट के अगल-बगल आ जाएं।
- इस दौरान आपके सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया सामान्य होनी चाहिए।
- करीब 20 से 30 सेकंड इसी मुद्रा में रूकें और बाद में अपनी प्रारंभिक मुद्रा में वापस आ जाएं।
- नियमित रूप से आप इस आसन को तीन से 5 चक्र में कर सकते हैं।
आनंद बालासन के फायदे
आनंद बालासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से पेल्विक में होने वाले दर्द से राहत मिल सकता है। साथ इस इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से स्ट्रेस और एंजाइटी कम होती है। यह आपको मानसिक रूप से भी मजबूत करने में आपकी मदद करता है।
इसे भी पढ़ें - पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करे कुक्कुटासन, जानें इसके फायदे और विधि
उत्कटासन
- उत्कटासन योगासन झेन योग के अंतर्गत आने वाला एक महत्वपूर्ण आसन है।
- इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को हल्का सा सामने की ओर ले जाएं। इस दौरान अपने हाथों की हथेलियों को जमीन की ओर रखें।
- इस मुद्रा में दोनों हाथ एक सीध में तने हुए रहने चाहिए।
- इसके बाद अपने पैरों के घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और पेल्विक वाले हिस्से को नीचे की ओर ले जाएं।
- इस दौरान आपको इतना ही झुकना है, जितना कि आप कुर्सी पर बैठने के लिए झुकते हैं।
- कुर्सी पर बैठे हुए पोज में अपनी रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें।
- अब मन को शांत करते हुए गहरी सांस लें।
- इस अवस्था में करीब 40 सेकंड से 1 मिनट रहने की कोशिश करें और बाद में अपनी प्रारंभिक मुद्रा में वापस आ जाएं।

उत्कटासन योग के फायदे
उत्कटासन योग करने से शरीर के मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही इसका नियमित अभ्यास करने से आपका शारीरिक संतुलन बेहतर होता है।
इसे भी पढ़ें - Hand To Foot Pose: 'पादहस्तासन' करने से सेहत को होते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने की विधि
पूर्वोत्तानासन
- इस आसन को करने के लिए योग मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर ले जाएं और अपने दोनों हाथों को जमीन पर टिकाते हुए शरीर के भार को संतुलित करने का प्रयास करें।
- अब अपने दोनों हाथों पर दबाव डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें। इस दौरान आपके शरीर का पूरा भार दोनों हाथों और एड़ियों पर संतुलित होना चाहिए।
- अपने दोनों हाथों को एक सीध में रखें और जमीन से 90 डिग्री का कोण बना हो।
- इस मुद्रा में कुछ सेकंड के लिए रूकें और इसके बाद अपनी प्रारंभिक मुद्रा में वापस आ जाएं।
- बेहतर रिजल्ट के लिए इसे कम से कम 10 से 15 बार दोहराएं।

इस योग के फायदे
अस्थमा रोगियों के लिए पूर्वोत्तानासन काफी फायदेमंद है। इस आसन को करने से श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से कार्य करता है। साथ ही इससे शरीर का हार्मोन भी संतुलित रहता है।
इन 5 आसन के अलावा इसके अंतर्गत त्रिकोणासन योग आते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर है। अर्ध चंद्रासन भी झेन योग में शामिल है।
Read More Articles on Yoga in Hindi