
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोगों में गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ गया है। देर रात तक काम करना, मोबाइल या लैपटॉप पर ज्यादा समय बिताना, तनाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल और नींद पूरी न होने जैसी आदतों के कारणों स्ट्रोक आने के कई मामले सामने आने लगे हैं। पहले के समय में बुजुर्गों में स्ट्रोक की खबर सुनने में आती थी। लेकिन, वर्तमान में युवाओं और बच्चों में भी स्ट्रोक के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में लोगों के बीच स्ट्रोक को लेकर कम जानकारी होना और समय पर इसके लक्षणों की पहचान न कर पाना है। इसलिए, हर साल लोगों को स्ट्रोक को लेकर जागरूक करने के लिए वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के महत्व, इतिहास और इस साल की थीम के बारे में-
विश्व स्ट्रोक दिवस का इतिहास
विश्व स्ट्रोक दिवस की शुरुआत साल 2004 में कनाडा के वैंकूवर में हुई और 2006 में विश्व स्ट्रोक संगठन ने जन जागरूकता पर ध्यान देते हुए इस दिन को आधिकारिक तौर पर 29 अक्टूबर को मनाने की घोषणा की। WSO का गठन विश्व स्ट्रोक महासंघ और अंतर्राष्ट्रीय स्ट्रोक सोसायटी ने एक साथ मिलकर किया। साल 2010 में WSO ने स्ट्रोक को एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया, ताकि इस समस्या को और बेहतर तरीके से लोगों के सामने रखा जा सके। इसके साथ ही लोगों को इस समस्या को लेकर जागरूक करने के साथ इससे बचाव और इलाज के बारे में भी बताया जाए।
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे 2025 की थीम
वर्ल्ड स्ट्रोक डे 2025 की थीम "हर मिनट मायने रखता है” रखी गई है। इस थीम का मतलब है कि स्ट्रोक आने के बाद के समय का एक-एक मिनट बहुत कीमती होता है। स्ट्रोक आने के तुरंत बाद अगर मरीज को सही समय पर और जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाए और सही इलाज मिले तो उसकी जान बचाई जा सकती है और वह जल्दी ठीक हो सकता है। इस साल की यह थीम लोगों को यह संदेश देती है कि जितनी जल्दी स्ट्रोक की पहचान होगी, उतनी जल्दी ही इससे राहत मिल सकती है।
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वर्ल्ड स्ट्रोक डे का महत्व
यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्ट्रोक की रोकथाम, लक्षणों की पहचान और तुरंत सही इलाज पाने के बारे में लोगों को जागरूक करता है। जैसे-
- जागरूकता बढ़ाना: यह दिन लोगों को स्ट्रोक की गंभीरता बताना, जोखिम कारकों, और लक्षणों की पहचान करे के साथ रोकथाम के बारे में खुलकर बताना है।
- समय पर सही कदम उठाने को बढ़ावा देना: यह दिन इस बात पर जोर देता है कि स्ट्रोक के इलाज में हर मिनट कीमती होता है, और लोगों को स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करके समय पर मदद लेना जरूरी है।
- रोकथाम को बढ़ावा देना: यह दिन लोगों को लाइफस्टाइल में बदलाव करके स्ट्रोक के जोखिम को कम करने पर जोर देता है, जैसे- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की स्थिति को मैनेज करना और हेल्दी आदतों को अपनाना।
- स्ट्रोक से बचे लोगों का सपोर्ट: यह दिन स्ट्रोक आने के बाद ठीक हुए लोगों के अनुभवों को अन्य लोगों के साथ साझा करने, बेहतर जीवन जीने और उन्हें अपना सही ध्यान रखने पर जोर देता ह।
निष्कर्ष
विश्व स्ट्रोक डे 2025 की थीम स्ट्रोक आने के बाद का हर एक मिनट बहुत किमती होता है, जो व्यक्ति की जान बचाने के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए, अगर हम सभी स्ट्रोक को लेकर जागरूक रहेंगे और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे तो इस समस्या से बचाव संभव हो सकता है।
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Oct 29, 2025 07:22 IST
Published By : Katyayani Tiwari