एक्सरसाइज न करने वाली महिलाएं बुढ़ापे में हो सकती हिप फ्रैक्चर (कूल्हों की हड्डी टूटने) का शिकार: रिसर्च

JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, नियमित शारीरिक गतिविधि यानि एक्‍सरसाइज करने से वृद्ध महिलाओं में फ्रैक्चर के खतरे को कम किया जा सकता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
एक्सरसाइज न करने वाली महिलाएं बुढ़ापे में हो सकती हिप फ्रैक्चर (कूल्हों की हड्डी टूटने) का शिकार: रिसर्च


महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों के फ्रैक्‍चर यानि ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में हड्डियों में कमजोरी व फ्रैक्‍चर की वजह से काफी असहनीय दर्द होता है। लेकिन इस समस्‍या में सुधार किया जा सकता है। जी हां एक जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि यानि एक्‍सरसाइज करने से वृद्ध महिलाओं में कूल्‍हों या अन्‍य प्रकार के फ्रैक्‍चर के खतरे को कम किया जा सकता है। 

पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में शारीरिक गतिविधि और फ्रैक्चर होने के मूल्यांकन से जुड़े अध्ययन को JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्‍ययन में यह बात साबित हुई है। इस अध्‍ययन में दोनों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए, शोधकर्ताओं ने महिला स्वास्थ्य पहल में 77,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया, जिन्‍हें 14 वर्षों से अधिक समय तक फॉलोअप किया गया। अध्‍ययन में फॉलो-अप के दौरान, 33 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कम से कम एक फ्रैक्चर का अनुभव किया।

इस अध्‍ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने सबसे अधिक नियमित रूप शारीरिक गतिविधि की और व्‍यायाम को अपने जीवन का अहम हिस्‍सा बनाया, उनमें हिप फ्रैक्चर का 18 प्रतिशत कम खतरा था और कुल फ्रैक्चर का जोखिम 6 प्रतिशत कम जोखिम था। ये वो महिलाएं थी, जो लगभग 35 मिनट या उससे अधिक दैनिक रूप से शारीरिक गतिविधियाँ करती थीं। 

इसे भी पढें: महिलाओं की हड्डियों को कमजोर बना सकती है 5 घंटे से कम नींद, बढ़ता है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा: शोध

बफ़ेलो स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ एंड हेल्थ प्रोफेशन, विश्वविद्यालय के डीन और अध्ययन के सह-लेखक जीन वक्टास्की-वेंडे ने कहा,  "ये निष्कर्ष इस बात का प्रमाण देते हैं कि वृद्ध महिलाओं में नियमित शारीरिक गतिविधि के कई सकारात्मक गुणों के बीच फ्रैक्चर के खतरे में कमी भी शामिल है,"। 

वक्टास्की-वेंडे ने कहा, "पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में हड्डियों का फ्रैक्चर होना बहुत आम है, और यह उनकी स्वतंत्रता, शारीरिक सीमाओं और बढ़ी हुई मृत्यु के नुकसान के साथ जुड़ा हुआ है।" वक्टास्की-वेंडे ने सुझाव दिया, "पैदल चलने सहित हल्‍‍की एक्‍सरसाइज से हड्डियों के फ्रैक्चर के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं, जो बदले में मृत्यु के जोखिम को कम कर सकती हैं।"

इसे भी पढें: रात में 2 घंटे की गहरी नींद (Deep Sleep) है आपके लिए बेहद जरूरी, इसी दौरान होती है मस्तिष्क की 'सफाई'

हालाँकि, वृद्ध महिलाओं को सावधानी से सब कुछ करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और भलाई दोनो के लिए जरूरी है। उन्हें आसान शाररिक गतिविधियां, जैसे कि बागवानी, घर के काम, घूमना, आदि सब करना चाहिए। इसके अलावा, बैठना कम, अधिक चलना उनके लिए फायदेमंद है।  ”माइकल लोमोंट, ( Associate professor of Epidemiology and environmental health at UB) ने कहा,  ये अभ्यास न केवल उन्हें सक्रिय रखेंगे, बल्कि फ्रैक्चर और विशेष रूप से हिप फ्रैक्चर के जोखिम को भी कम करेंगे। ये हल्के वर्कआउट विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों वाले लोगों के लिए अच्छे हैं। ये आपके शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं। 

Read More Article On Health News Ni Hindi 

Read Next

ई-सिगरेट पीना सिर्फ फेफड़ों नहीं, बल्कि हार्ट और रक्त वहिकाओं के लिए भी है खतरनाक: शोध

Disclaimer