
हाल में हुए एक नये अध्ययन में शोधकर्ताओं का मानना है, महिलाओं का बहुत कम नींद लेना या नींद की कमी ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से जुड़ा है। जी हां बहुत कम नींद लेने से हड्डियों के घनत्व (बीएमडी) कम होने के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के एक उच्च जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है।
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसका पुरूषों की तुलना में महिलाओं में अधिक खतरा रहता है। हड्डियों से जुड़ा रोग ऑस्टियोपोरोसिस, जिसमें हड्डी कमजोर, फ्रेक्चर ओर हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें अधिकतर आपके जोड़ो में दर्द और बना रहता है। हालांकि महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के कई अन्य जोखिम कारक भी हैं। जैसे खून में एस्ट्रोजन की कमी होना आदि।
जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, नींद की कमी महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से जुड़ा है। अमेरिका में बफ़ेलो विश्वविद्यालय और अध्ययन के प्रमुख लेखक हीथर ओक्स-बालकोम ने कहा, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि नींद की कमी हड्डी स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, जो कि खराब नींद के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की सूची में शामिल है,"।
इस अध्ययन में 11,084 पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं को शामिल किया गया, जिसमें जिन महिलाओं ने प्रति रात 5 घंटे या उससे कम सोने की सूचना दी थी, उनकी तुलना उन महिलाओं की जिन्होंने प्रति रात 7 से घंटे 8 घंटे की नींद ली थी। जिसके बाद उनका आंकलन किया गया, जिसमें कम सोने वाली महिलाओं के चार साइटों पर बीएमडी कम देखा गया। जिसमें पूरे शरीर, कूल्हे, गर्दन और रीढ़ की हड्डी शामिल थी।
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रोजाना 5 घंटे या उससे कम सोने वाली महिलाओं में लो बोन मास और कूल्हे की हड्डियों की कमजोरी व ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा 22 प्रतिशत और 63 प्रतिशत अधिक होता है। इसी तरह के परिणाम रीढ़ के साथ देखे गए थे।
हीथर ओक्स-बालकोम ने कहा, "मुझे लगता है कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए रोजाना रात को 7 घंटे या उससे अधिक घंटे की नींद जरूरी है।
Source: IANS
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