मानसून यानी बारिश का मौसम, जहां प्रकृति हरियाली से भर जाती है, वहीं यह मौसम कई बीमारियों को भी साथ लेकर आता है। इस मौसम में सबसे ज्यादा खतरा होता है वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन्स का, जिनमें एक आम समस्या है यूरिन इंफेक्शन। खासतौर पर महिलाओं और बच्चों में यह इंफेक्शन, मानसून के दौरान तेजी से बढ़ता है। लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की वरिष्ठ गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि गीले कपड़े पहनने, पर्याप्त पानी न पीने, गंदे वॉशरूम का इस्तेमाल करने और गुप्तांगों की सफाई पर ध्यान न देने से यह समस्या और गंभीर हो सकती है। ज्यादातर लोग इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन समय पर इलाज न मिले, तो यह इंफेक्शन ब्लैडर से होते हुए किडनी तक पहुंच सकता है। बारिश में अक्सर लोग खुले सीवेज, कीचड़ और गंदे पानी के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया त्वचा या यूरिनरी ट्रैक्ट के रास्ते शरीर में घुस सकते हैं। अगर समय रहते बचाव न किया जाए, तो यह इंफेक्शन गंभीर रूप ले सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर बारिश में यूरिन इंफेक्शन क्यों बढ़ता है और इसे रोकने के लिए किन सावधानियों की जरूरत है।
1. गंदे पानी और नमी से होती है बैक्टीरियल ग्रोथ-Contaminated Water and Moisture Encourage Bacterial Growth
बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव और गंदे पानी का संपर्क आम हो जाता है। ऐसे पानी में मौजूद ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में घुसकर इंफेक्शन फैला सकते हैं, खासकर तब जब शरीर लंबे समय तक गीला रहता है।
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2. गीले कपड़े और टाइट अंडरवियर से इरिटेशन- Wet Clothes and Tight Underwear Increase Irritation
मानसून में गीले कपड़े देर तक पहनने और सिंथेटिक, टाइट अंडरवियर का इस्तेमाल करने से गुप्तांगों में रगड़ लगती है, जिससे वहां की त्वचा में जलन और इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
3. कम पानी पीना- Low Water Intake
बारिश में अक्सर लोग ठंड लगने के डर से पानी कम पीते हैं। इससे यूरिन गाढ़ा हो जाता है और बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं। भरपूर पानी पीना, इंफेक्शन को यूरिन के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है।
4. सार्वजनिक या गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल- Use of Public or Unhygienic Toilets
ट्रैवल के दौरान या बाहर निकलते समय बारिश में साफ टॉयलेट मिलना मुश्किल हो जाता है। गंदे टॉयलेट सीट से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया जा सकते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
5. महिलाओं में होता है ज्यादा खतरा- Women are More Prone to UTI
महिलाओं की यूरिनरी ट्रैक्ट पुरुषों की तुलना में छोटी होती है, जिससे बैक्टीरिया को ब्लैडर तक पहुंचने में कम समय लगता है और यूटीआई का खतरा ज्यादा रहता है। साथ ही, पीरियड्स के दौरान सफाई का ध्यान न रखना भी एक बड़ा कारण बनता है।
6. निजी अंगों की साफ-सफाई में लापरवाही- Poor Intimate Hygiene Practices
बारिश के दिनों में नियमित सफाई न करना, गीले या गंदे अंडरगारमेंट पहनने और बार-बार कपड़े न बदलने से भी बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जो यूटीआई का कारण बन सकते हैं।
यूरिन इंफेक्शन से बचने के जरूरी टिप्स- Essential Tips to Prevent Urine Infection
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर लें ताकि बैक्टीरिया बाहर निकलें।
- सूती और ढीले कपड़े पहनें, शरीर को ड्राई और रखें।
- गीले कपड़े न पहनें, भीगने पर तुरंत कपड़े बदलें।
- इंटीमेट हाइजीन का ध्यान रखें। मेडिकेटेड वाइप्स या हल्के एंटीसेप्टिक से सफाई करें।
- टॉयलेट सीट सैनिटाइजर को साथ रखें। बाहर जाते समय अपनी सीट को साफ करें या डिस्पोजेबल सीट कवर का इस्तेमाल करें।
- बाथरूम यूज करने के बाद साफ पानी से धोएं। हर बार टॉयलेट के बाद खुद को साफ रखें।
- पेट साफ रखें। कब्ज होने से भी यूटीआई का खतरा बढ़ता है।
मानसून में यूरिन इंफेक्शन की संभावना कई कारणों से बढ़ जाती हैं- जैसे गंदगी, नमी, गलत कपड़े और हाइजीन की कमी। लेकिन थोड़ी सी जागरूकता, साफ-सफाई और खानपान में सुधार से इस समस्या से बचा जा सकता है।
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FAQ
क्या यूरिन इंफेक्शन से किडनी खराब हो सकती है?
अगर यूरिन इंफेक्शन (UTI) का समय पर इलाज न हो, तो यह बैक्टीरिया ब्लैडर से किडनी तक पहुंच सकते हैं। इससे किडनी में सूजन या स्थायी नुकसान हो सकता है। गंभीर मामलों में किडनी फेलियर का खतरा भी होता है।यूटीआई के 3 लक्षण क्या हैं?
पेशाब के दौरान जलन या दर्द होना, बार-बार पेशाब आने की जरूरत महसूस होना और पेशाब में दुर्गंध या धुंधलापन, कभी-कभी हल्का खून भी आ सकता है।बार-बार यूटीआई इंफेक्शन क्यों होता है?
बार-बार यूटीआई होने के कारणों में कमजोर इम्यूनिटी, गुप्तांगों की सही सफाई न करना, कम पानी पीना, टाइट कपड़े पहनना या डायबिटीज जैसी बीमारियां शामिल हैं। महिलाओं में यह इंफेक्शन ज्यादा कॉमन है।