बैली फैट बढ़ने से अक्सर लोग परेशान रहते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि फैट हमेशा पेट के आस-पास ही क्यों बढ़ता है (causes of belly fat)? दरअसल, हमारे शरीर में दो प्रकार के फैट होते हैं, पहला त्वचा के नीचे की फैट जिसे सब्सटेंसियस फैट (subcutaneous fat) कहते हैं और दूसरा होता है विसरल फैट (visceral fat)। बैली फैट सब्सटेंसियस फैट है जो कि हमारे स्किन के अंदर बढ़ता है। ये फैट सबसे जल्दी और सबसे ज्यादा बढ़ता है। इस फैट के बढ़ने के पीछे लाइफस्टाइल, शारीरिक गतिविधि और डाइट से जुड़े कई कारण होते हैं। तो, आइए जानते हैं पेट पर चर्बी बढ़ने के कारण और फिर जानेंगे कि इन कारणों से कैसे बचा जाए और इसे कम किया जाए।
पेट में चर्बी क्यों बढ़ती है-Why Does fat always accumulate around your belly?
पेट में चर्बी का जमा होना हमेशा नुकसानदेह नहीं होता। दरअसल, पेट में चर्बी जमा होना एक तरीका है जिससे आपका शरीर ऊर्जा का भंडारण करता है। यह आपकी मांसपेशियों और हड्डियों को एक आरामदेह पैडिंग देने का काम करता है। ये आपकी त्वचा और आपकी मांसपेशियों के बीच नसों और ब्लड वेसेल्स के लिए एक मार्ग के रूप में काम करता है। साथ ही यह अपने विशेष कनेक्टिंग टिश्यू के साथ डर्मिस को मांसपेशियों और हड्डियों से जोड़ता है। इसके अलावा ये आपके बॉडी टेंमप्रेचर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है क्योंकि चर्बी शरीर को इन्सुलेट करती है, तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है। पेट पर चर्बी कई कारणों से बढ़ती है। जैसे कि
1. गतिहीन जीवन शैली
गतिहीन जीवन शैली जिसमें कि आप ज्यादातर बैठे रहते हैं, उस दौरान पेट की चर्बी तेजी से बढ़ती है। गतिहीन जीवन शैली होने पर आप जो भी खाते हैं वो स्टोरेज के रूम में जमा होता जाता है। जितना अधिक आप खाते हैं उतनी ही तेजी से आपका बैली फैट बढ़ता है। लेकिन आप उसे पचाने के लिए पर्याप्त मेहनत नहीं कर रहे होते या पसीना नहीं बहा रहे होते हैं, तो ये फैट स्टोर होता जाता है और एक दिन भारी-भरकम बैली फैट का रूप ले लेता है। इससे बचाव के लिए
- -मोबाइल पर बात करते समय चलें।
- -खड़े हो कर काम करने की कोशिश करें।
- -थोड़ी एरोबिक एक्सरसाइज करें
- -चलते-फिरते रहें
- -घर का काम करें।
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2. हार्मोनल परिवर्तन के कारण
शरीर में फैट के वितरण को निर्धारित करने में हार्मोन प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हार्मोनल असंतुलन से भूख बढ़ सकती है, चयापचय धीमा हो सकता है और तनाव का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पेट की चर्बी जमा हो सकती है। साथ ही ये मेटाबोलिज्म को इतना स्लो कर देता है कि आपको फैट लूज करने में भी मुश्किल होती है। इसलिए बैली फैट घटाने के लिए आपको
- -अपने हार्मोन्स को बैलेंस रखना होगा।
- -मेटाबोलिज्म तेज करना होगा।
3. स्ट्रेस के कारण
मोटापा और स्ट्रेस के बीच हमेशा से एक संबंध रहा है। दरअसल, तनाव बढ़े हुए कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है और आप में खाने की क्रेविंग पैदा करते हैं। इससे कारण आप ज्यादा खाना खाते हैं और यही पेट की चर्बी को बढ़ाने का कारण बनता है। इसलिए पेट कम करना है तो स्ट्रेस फ्री रहें। इससे मेटाबोलिज्म तेज होगा, खाना सही से पचेगा और शरीर में फैट जमा नहीं होगा। साथ ही स्ट्रेस के कारण आप में नींद की कमी भी हो सकती है, जो कि स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाता है और बैली फैट का कारण बनता है।
4. शराब पीने से
शराब शुगर बढ़ाने का काम करती है। ऐसा इसलिए कि उसे हमारा शरीर शुगर के रूप में तोड़ता है और फिर ये अतिरिक्त फैट में परिवर्तित हो जाती है। शराब की ये अतिरिक्त चीनी भी सूजन और पेट के मोटापे का कारण बन सकती है। इसलिए ज्यादा शराब पीने से बचें।
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5. खराब डाइट के कारण
डाइट का सही होना बैली फैट कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है। इसलिए सबसे पहले तो आपको अपनी डाइट से ट्रांस फैट को निकालना चाहिए। दूसरा हाई प्रोटीन डाइट का सेवन करना चाहिए और लो फाइबर वाले फूड्स को खाने से बचना चाहिए। दरअसल, ट्रांस फैट अस्वास्थ्यकर फैट होते हैं जो प्रसंस्कृत और तले हुए खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। वे पेट क्षेत्र में फैट जमा करते हैं और फैट के चयापचय को धीमा कर देते हैं। लो फाइबर वाले डाइट मेटाबोलिज्म को स्लो कर देते हैं, जिससे कैलोरी बर्न करने में दिक्कत होती है, इसलिए हाई फाइबर वाले फूड्स का सेवन करें। साथ ही खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं, जो कि हार्मोनल हेल्थ और भूख को कंट्रोल करने में मदद करते है।
इन सबके अलावा मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को लेने से बचें। इसमें एडिटिव्स, प्रिजर्वेटिव और कृत्रिम रंग होते हैं, जो बेली फैट बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही बैली फैट को कम करने के लिए रोजाना 40 मिनट एक्सरसाइज करें और दिन भर फिजिकली एक्टिव रहने की कोशिश करें।
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