कब्ज और मोटापे का कारण है खराब मेटाबोलिज्म, जानें बढ़ती हुई उम्र के साथ मेटाबोलिज्म ठीक रखने के उपाय

मेटाबोलिज्म ठीक रखने के लिए जरूरी है कि आप पहले तो अपना रूटीन सही रखें और उसके बाद इन टिप्स की मदद लें।

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Sep 07, 2020 16:51 IST
कब्ज और मोटापे का कारण है खराब मेटाबोलिज्म, जानें बढ़ती हुई उम्र के साथ मेटाबोलिज्म ठीक रखने के उपाय

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एक खराब मेटाबोलिज्म कई सारी बीमारियों का घर है। ये न सिर्फ शरीर में वेस्ट प्रोडक्ट्स की मात्रा बढ़ाते हैं, बल्कि ये अपच, सीने में जलन, गैस, कब्ज, मोटापा और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी पैदा करते हैं। साथ ही खराब मेटाबोलिज्म लिवर और किडनी के कामकाज को भी प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी ये है कि आप अपने चपाचय को ठीक रखें। एक अच्छा मेटाबोलिज्म न सिर्फ कैलोरी को तेजी से पचाने में मदद करते हैं बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है। वहीं चयापचय को बढ़ावा देने के कई तरीके हैं, जैसे ठंडा पानी पीना, अधिक प्रोटीन लेना, भारी चीजें उठाना और उच्च तीव्रता वाला वर्कआउट करना इत्यादि। पर आइए सबसे पहले जानते हैं मेटाबोलिज्म धीमे कैसे हो जाता है?

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मेटाबोलिज्म कैसे धीमा हो जाता है?

चपाचय को धीमा करने के पीछ कई कारक है। सामान्य तौर देखा जाए, तो उम्र बढ़ने के साथ मेटाबोलिज्म खराब होने लगता है और इस प्रक्रिया के कारण कैलोरी को जलाना अधिक कठिन हो जाता है। उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान, वजन को संतुलित बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। वहीं चपाचय धीमे होने के पीछे एक बड़ा कारण आपका खाना है। खाने में फाइबर का कम होना आपके मेटाबोलिज्म को और खराब कर सकता है। वहीं पानी की कमी, समय से न सोना और गलत समय पर खाना खाना भी आपके मेटाबोलिज्म को खराब कर सकता है।

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मेटाबोलिज्म कैसे तेज करें?

1. फॉलो करें पोषण का सही फॉर्मूला

प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट (PFC) पोषण के स्तंभ हैं जिन्हें हर भोजन में होना चाहिए। तो, अपने चयापचय को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका तीनों को एक सही संतुलन में लेना है। पीएफसी के सही अनुपात वाले भोजन ब्लड शुगर को विनियमित करने और चयापचय को बढ़ाने में मदद करते हैं।

2. दिन में कई बार छोटा-छोटा करके खाते रहें

अगर आप सोचते हैं कि दिन में कई बार खाना आपकी सेहत के लिए बुरा होगा, तो यह बिल्कुल विपरीत है। आपके भोजन के बीच स्नैकिंग भोजन के समय आपकी भूख को कम करने में मदद करता है। जब आपके पास अक्सर स्नैक्स होते हैं, तो यह आपके ब्लड के स्तर को नियंत्रित रखता है और चयापचय दर को बढ़ाता है। इसलिए, हर कुछ घंटों में खाएं।

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3. कैलोरी की गिनती बंद करें

अपने दैनिक कैलोरी सेवन की गिनती करना बंद करें। जब आप कैलोरी की मात्रा कम कर रहे होते हैं, तो हमारा शरीर वास्तव में वापस लड़ता है और चयापचय को धीमा करने वाली अधिक ऊर्जा का संरक्षण करता है। इसलिए, अपने कैलोरी सेवन के बारे में बहुत अधिक सोचना बंद करें।

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4. भरपेट नाश्ता करें

हमारी नींद के दौरान चयापचय क्रिया धीमी हो जाती है, इसलिए हमें भारी प्रोटीन युक्त नाश्ता खाने की आवश्यकता होती है। प्रोटीन में अमीनो एसिड होता है, जो हमारे शरीर के लिए टोड़ना बहुत मुश्किल नहीं होता है। तो, यह अधिक कैलोरी बर्न में हमारी मदद करता है। वहीं ज्यादा से ज्यादा फाइबर सें क्योंकि ये शून्य-कैलोरी वाले होते हैं। यह आपके पेट के स्वास्थ्य, पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और चयापचय को बढ़ाता है।

ध्यान रखें कि शरीर के लिए बिलकुल भी फैट न लेना बहुत नुकसानदायक हो सकता है। इस तरह फैट का सेवन करें, पर इसके लिए हेल्दी फैट का चुनाव करें। ये मोनोसैचुरेटेड कैलोरी में किसी भी कमी के बिना चयापचय दर में वृद्धि करते हैं। अपने स्नैक्स को न छोड़ें क्योंकि जब आप अपने स्नैकिंग समय में कुछ भी नहीं खाते हैं, तो शरीर भुखमरी की स्थिति पैदा करता है, जिससे चपाचय और धीमा हो जाता है।

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