ऑफिस में बैठ-बैठ वजन कम करना है, तो करें इन 3 तरह से स्नैकिंग

मैं अपने ऑफिस में फ्रूट्स, नट्स, हेल्दी खाने की चीजें, सभी लेकर जाती हूं, जिससे जब भी भूख लगे, तो मैं बैग से निकालकर खा लूं औऱ बाहर का खाने से बचूं।

Khushboo Vishnoi
Written by: Khushboo VishnoiUpdated at: Jun 06, 2017 11:24 IST
ऑफिस में बैठ-बैठ वजन कम करना है, तो करें इन 3 तरह से स्नैकिंग

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मैं अपने ऑफिस में फ्रूट्स, नट्स, हेल्दी खाने की चीजें, सभी लेकर जाती हूं, जिससे जब भी भूख लगे, तो मैं बैग से निकालकर खा लूं औऱ बाहर का खाने से बचूं। ऑफिस में 11 से 5 का टाइम ऐसा होता है, जिसमें 80 प्रतिशत लोगों को कुछ क्रीमी-चीजी या मंची खाने का दिल करता है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसे वक्त में क्या खाया जाए जो बैठे-बैठे वजन भी न बढ़ाए और शरीर के लिए हानिकारक भी न हो। भूख लगने पर स्नैक्स कब और कैसे खाए जाएं इसके लिए सही ढ़ग से प्लानिंग करना बहुत जरूरी है।

snacking


स्नैक्स को रोज के खाने में शामिल करने से पहले इन पांच चीजों पर खास ध्यान दें। ये हैं प्रचुरता, कैलरी कंट्रोल, वैराइटी, संतुलन और संयम। उपयुक्तता से शरीर को सही मात्रा में पोषक तत्व और शक्ति मिलेगी जो दिन के खाने की वैराइटी पर संतुलन रखेगा। स्नैक्स लेने के समय कैलरीज पर भी संतुलन रखना आवश्यक होता है। इससे शरीर के वजन के साथ चीनी, नमक और फैट की मात्रा भी कम होती है। स्नैक्स में स्प्राउट्स, फ्रूट्स, सैलेड, मुरमुरे समेत कई ऐसी वैराइटी है जिन्हें हर थोड़ी देर में खाया जा सकता है।

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कब खाएं

कभी भी कुछ भी खा लेने का मतलब है बॉडी में फैट बढ़ाना। तीन से छह घंटे के फर्क में अगर कोई व्यक्ति कुछ नहीं खाता है तो उसकी बॉडी उपवास के रूप में चली जाती है। इसके साथ शरीर का ब्लड शुगर और मैटाबॉलिज्म दोनों ही गिरने लगते हैं जिससे भूख लगती है और न्यूरोपैपटाइड वाए नाम का पदार्थ पैदा होने लगता है। जो ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाने की इच्छा को बढ़ाता है।


पूरे दिन में कम से कम दो बार स्नैक्स लेना बहुत जरूरी हैं। एक दोपहर में और एक शाम के समय। इससे कैलरी तो कंट्रोल रहती ही है। साथ ही ये बेवक्त लगने वाली भूख को भी खत्म करती है। इसके अलावा कई लोग देर रात स्नैक्स लेना पसंद करते हैं, जो स्टडीज के हिसाब से गलत है क्योंकि शरीर के अंदरूनी समय के मुताबिक उसका कैलरी खर्च हर टाइम पर अलग होता है जिस पर नियंत्रण पाना जरूरी है। इसलिए हमेशा कब, क्या खाया जाए सोचना आवश्यक है। कई बार तो सोने की कमी से घरेलिन और लेप्टिन नाम के हार्मोन लेवल पर भी असर पड़ता है जिससे कभी भूख लगती है तो कभी भरा हुआ महसूस होता है।

 

स्नैक्स में क्या खाना जरूरी है

एक हेल्दी स्नैक वही है जो व्यक्ति को संतुष्ट करे। खाना खाने के बाद पेट के नर्व रिसेप्टर दिमाग को सिग्नल भेजकर ये पता करते हैं कि क्या शरीर को और खाने की जरूरत तो नहीं है? इसलिए हमेशा वही स्नैक्स पसंद करने चाहिए जो बॉडी को ज्यादा संतुष्ट करें। ऐसे में पेट ज्यादा समय तक भरा रहता है। इसके अलावा जिन स्नैक्स में पानी, फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है वे दिमाग को स्ट्रॉन्ग सिग्नल भेजकर भूख पैदा होने की शक्ति को रोकते है। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त स्नैक्स देर रात के समय में खाने ज्यादा बेहतर है। इसके अलावा लो-फैट दही, फ्रेश फ्रूट्स, भुनें हुए चनें या ओटमील भी खाया जा सकता है।

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ऑफिस के लिए 10 हेल्दी स्नैक्स

1.    ताजे फल जैसे सेब, केला, अंगूर, संतरा, स्ट्रॉबेरी और तरबूज
2.    कच्ची सब्जियां जैसे गाजर, ब्रॉक्ली या अजवाइन के पत्ते। इन्हें लो-फैट डिप के साथ भी खाया जा सकता है
3.    ओट्स या रागी बिस्किट
4.    एनर्जी बार
5.    मुरमुरे
6.    स्प्राउट्स
7.    ड्राई फ्रूट्स (भुने हुए)
8.    बटर मिल्क
9.    नारियल पानी
10.    लो-फैट चीज, दही या घर की बनी फ्रूट स्मूदी
11.    सूखी अंजीर

स्नैक्स कैसे खाएं

एक विचार धारणा के मुताबिक बौद्ध शिक्षा का उद्देश्य खाने के अनुभव को मजेदार बनाना है। खाने में उसके स्वाद, बनावट और खुशबू पर ज्यादा फोकस होना चाहिए क्योंकि इससे सैंसिज जागरुक ही नहीं बल्कि संतुष्ट भी रहते हैं। कई स्टडी के मुताबिक खाने को अधिक चबाने से पेट काफी समय तक भरा रहता है।

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