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सर्दियों में बढ़ जाती है स्ट्रेस और चिड़चिड़ेपन जैसी समस्याएं? जानें क्या है वजह

अक्सर लोग सर्दियों में बहुत ज्यादा चिड़चिड़ करते हैं और स्ट्रेस में रहते हैं, लेकिन क्या आप इस चिड़चिड़ेपन के पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं, तो आइए एक्सपर्ट से इस बारे में जानते हैं।
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सर्दियों में बढ़ जाती है स्ट्रेस और चिड़चिड़ेपन जैसी समस्याएं? जानें क्या है वजह


सर्दियों में लोग बहुत ज्यादा मूडी और चिड़चिड़े हो जाते हैं। उन्हें हर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। ऐसे में वह ज्यादा स्ट्रेस में रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन मूड स्विंग्स के पीछे की वजह क्या है? दरअसल, मौसम में बदलाव के साथ इंसान के मूड में भी उतार-चढ़ाव आता है। सर्दियों के आते ही लोग लो और थका हुआ महसूस करते हैं। ऐसा लगता है कि सर्द हवाएं अपने साथ आलसपन की लहर लेकर आई हैं। यहां सवाल उठता है कि सर्दियां आते ही इंसान का मूड क्यों बदलने लगता है और वह इतना थका हुआ क्यों महसूस करते हैं? आइए इस बारे में न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन रमिता कौर से जानते हैं। डाइटिशियन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने सर्दियों में लो महसूस होने के पीछे की वजह बताई है।

सर्दियों में लो क्यों महसूस करते हैं?

सर्दियों में लोग डिप्रेशन, एंग्जायटी, एनर्जी की कमी, कंसंट्रेशन में कमी, मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं होती हैं। ये सभी परेशानियां पुरुषों और महिलाओं दोनों में नजर आ सकती हैं। ऐसा एक डिसऑर्डर की वजह से होता है। इसे हम सभी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) के रूप में जानते हैं। आइए अब इस डिसऑर्डर के बारे में अच्छे से जानते हैं।

SAD क्या है?    

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर एक भावनात्मक बीमारी है। यह एक तरह का डिप्रेशन है, जो ज्यादातर सर्दियों के मौसम में ही देखने को मिलता है। इसे 'शीतकालीन अवसाद' भी कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण सर्दियों के दौरान ज्यादा स्पष्ट और गंभीर होते हैं। ऐसा सूरज की किरणों की कमी के कारण हो सकता है। दरअसल, सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और सूरज की किरणे बहुत कम ही मिलती हैं। ऐसे में वातावरण लो और डिप्रेसिंग लगता है। इसके अलावा, सर्दियों में सर्कैडियन रिदम खराब होने की वजह से भी इंसान लो महसूस कर सकता है। सर्कैडियन रिदम शरीर में मौजूद नेचुरल घड़ी है। इसी घड़ी की मदद से इंसान रात में सोता है और सुबह में काम करता है।

 

 

 

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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर बचने के लिए क्या करें

एक्टिव रहना जरूरी है

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से बचने के लिए व्यक्ति को एक्टिव रहना चाहिए। सर्दियों में बॉडी को एक्टिव रखना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे आप लो और डिप्रेसड महसूस नहीं करेंगे। इसके लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। आप चाहें, तो सुबह-शाम वॉक भी कर सकते हैं। इसके अलावा, एक्टिव रहने के लिए योग या डांसिंग का भी सहारा लिया जा सकता है। इससे फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव असर होता है।

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पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

मौसम सर्दी या गर्मी में इ कोई भी हो, आपको पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीना चाहिए। पानी पीने से बॉडी में डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। इसी वजह से एंग्जायटी, डिप्रेशन, गुस्सा, तनाव आदि मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं। ऐसे में आपको रोजाना कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।

सोशली एक्टिव रहें

अगर आप सर्दियों में डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो आपको सोशली एक्टिव रहना चाहिए। सर्दियों में अकेले रहने से आपकी उदासी कई गुना ज्यादा बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए आपको घर से बाहर निकलना चाहिए। आपको दोस्तों से मिलकर अच्छा और लाइट महसूस होगा।

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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण आपको सर्दियों में डिप्रेस्ड और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। इससे बचाव के लिए आप ऊपर बताई टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। इसके अलावा, आप डाइट और स्लीप स्केड्यूल पर ध्यान दे सकते हैं। इससे आपकी बॉडी को जरूरी आराम और न्यूट्रिएंट्स प्राप्त होंगे और आप एनर्जेटिक महसूस कर पाएंगे।   

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