Seasonal Affective Disorder: गर्मियों में लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर को भी शामिल किया जाता है। इस दौरान व्यक्ति को ज्यादातर समय चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन के लक्षण महसूस होते हैं। इसको समर डिप्रेशन (Summer Depression) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिन में कम रोशनी की वजह से ऐसा होता, लेकिन गर्मियों में कुछ लोगों को यह समस्या हो सकती है। यह ब्रेन के केमिकल्स में होने वाले बदलाव की वजह से होती है। मौसम में बदलाव की वजह से भी लोगों को इस तरह की समस्या हो सकती है। अगर आपके किसी करीबी के व्यवहार में बदलाव महसूस कर रहें हैं तो हो सकता है कि वह सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का शिकार हो। इस लेख में आपको नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनिरय कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है? - What is Seasonal Affective Disorder In Hindi
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो मौसम में होने वाले बदलावों की वजह से होता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की समस्या सामान्य रूप से हर साल एक ही समय में देखने को मिल सकती है। यह समस्या पतझड़ से सर्दियों में ज्यादा देखने को मिलती है। लेकिन, गर्मियों में भी इसके प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान व्यक्ति का एनर्जी लेवल कम हो जाता है, साथ ही तेजी से मूड स्विंग्स होते हैं। ऐसे में व्यक्ति को चिड़चिड़ापन या उदासी महसूस हो सकती है।
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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण - Symptoms of Seasonal Affective Disorder In Hindi
तापमान में परिवर्तन की वजह से व्यक्ति को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक बदलावों से गुजरना पड़ सकता है। जब पर्यावरण का तापमान अधिक हो जाता है, तो ऐसे में लोगों को शारीरिक परिवर्तनों महसूस होने लगते है, इसका असर ब्रेन की एक्टिविटी पर भी पड़ता है। आगे जानते हैं सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण क्या हो सकते हैं।
- मन में उदासी
- भूख कम लगना
- एनर्जी लेवल कम महसूस होना
- चिंता रहना
- नींद के पैर्टन में बदलाव
- किसी काम को करते समय फोकस न कर पाना
- लोगों के साथ मिलने का मन न करना
- चिड़चिड़ापन बने रहना, आदि।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Seasonal Affective Disorder In Hindi
पर्याप्त नींद लेना
नींद के पैर्टन में बदलाव की वजह से आपको यह समस्या हो सकती है। साथ ही, ब्रेन में थकान की वजह से डिप्रेशन हो रही है, तो ऐसे में पर्याप्त नींद लेने से आपको इसके लक्षणों में आराम मिलता है। साथ ही, मूड स्विंग्स में भी कमी आती है।
लोगों के साथ बातें शेयर करें
किसी विषय को लेकर आपको बार-बार चिंता सता रही है तो ऐसे में आप उस विषय पर अपने करीबियों और घर के लोगोंं के साथ बात कर सकते हैं। लोगों के साथ बात शेयर करने से आपका डिप्रेशन कम होगा और आपको आराम मिलेगा।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
गर्मियों के दिनों में शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है। पानी कम पीने और पसीना अधिक आने के कारण शरीर का एनर्जी लेवल कम हो सकता है। साथ ही, शरीर के अन्य अंगों पर भी दबाव पड़ता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
सुबह व शाम को वॉक करें
यह समस्या कम लाइट की वजह होती है। ऐसे में आप सुबह शाम वॉक करते हैं, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही, शरीर में एनर्जी का स्तर भी बढ़ता है। इसलिए सुबह व शाम के समय वॉक पर जरुर जाएं।
सूती कपड़े पहनें
गर्मियों के पसीने की वजह से कई तरह की समस्याओं का खतरा बना रहता है। ऐसे में आप सूती कपड़े पहनें। दरअसल, गर्मियों में अन्य फैब्रिक के कपड़ों में पसीना अधिक आता है। ऐसे में पसीने की वजह से लोगों को परेशानी हो सकती है।
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Seasonal Affective Disorder: मानसिक रूप से होने वाली समस्याओं जैसे एंग्जाइटी, डिप्रेशन, चिंता, अवसाद आदि होने पर आप लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इस समस्या से बचने के लिए सुबह शाम योगा करें। प्राणायाम ब्रेन को ऑक्सीजन पहुंचाने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है। यदि, डिप्रेशन की वजह से समस्या अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।