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हाथ के ऊपरी हिस्से में ही क्यों लगती है कोरोना वैक्सीन? एक्सपर्ट से जानें जवाब

कोरोना संक्रमण के खिलाफ लगने वाली वैक्सीन का डोज हाथ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में ही क्यों लगाया जाता है? एक्सपर्ट डॉक्टर से जानते हैं इसका जवाब।   
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हाथ के ऊपरी हिस्से में ही क्यों लगती है कोरोना वैक्सीन? एक्सपर्ट से जानें जवाब


दो सालों से अधिक समय से दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी की तबाही जारी है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना, हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दुनियाभर में लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। दुनियाभर में करोड़ों लोगों ने वैक्सीन का डोज लिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन ही एकमात्र बचाव है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine) की डोज हाथ के उपरी हिस्से में ही क्यों लगाई जाती है? कोरोना वैक्सीन की सभी डोज दुनियाभर में लोगों के हाथ के ऊपरी हिस्से में ही लगाई जा रही है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं। दुनिया में तमाम अलग-अलग बीमारियों से बचाव के लिए अलग-अलग टीके दिए जाते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि सभी टीके हाथ में ही लगाये जाएं। आपने बचपन में पोलियो का टीका लिया होगा और इसे इंजेक्शन नहीं बल्कि ड्राप के माध्यम से मुंह में दिया जाता है। तो ऐसा क्या कारण है कि कोरोना की वैक्सीन सिर्फ हाथ के उपरी मसल्स में ही लगाई जाती है? आइये एक्सपर्ट डॉक्टर से जानते हैं इस सवाल का जवाब।

हाथ के ऊपरी हिस्से में ही क्यों लगाई जाती है कोरोना वैक्सीन? (Why Covid Vaccines Are Injected in Your Upper Arm?)

आपमें से जितने भी लोगों ने वैक्सीन की डोज लगवाई होगी उनके बांह के ऊपरी हिस्से में ही टीका लगाया गया होगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाई जा रही वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन इंजेक्शन के रूप में लगाई जा रही है। इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन ऐसे इंजेक्शन को कहा जाता है जो मांसपेशियों में लगाये जाते हैं। अवध हॉस्पिटल के सीनियर जनरल फिजिशियन डॉ अजय के मुताबिक ज्यादातर वैक्सीन की डोज इंट्रामस्क्यूलर इंजेक्शन के जरिए ही दी जाती है। किसी भी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए लगायी जाने वाली वैक्सीन को डेल्टायड नाम की मांसपेशी पर लगाना सबसे सुरक्षित माना जाता है। इस मांसपेशी में वैक्सीन लगने से आपके शरीर में प्रतिरोध की प्रक्रिया तेजी से शुरू होती है और वैक्सीन लगने वाले स्थान पर रिएक्शन की संभावना बेहद कम हो जाती है। कंधे के आसपास की मांसपेशियां काफी मजबूत होती हैं और इसके आसपास इम्यून सेल्स मौजूद होते हैं, ये इम्यून सेल्स शरीर को एक्टिव कर वायरस के खिलाफ काम करने की क्षमता को तेजी से बढ़ाने का काम करते हैं।  

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वैक्सीन से रिएक्शन का खतरा रहता है कम (Covid Vaccine Reaction Risk)

कोरोना संक्रमण के खिलाफ काम करने वाली वैक्सीन को इंट्रामस्क्यूलर वैक्सीन के रूप में बनाया गया है जिससे कि इसे बांह के ऊपरी हिस्से में आसानी से लगाया जा सके। बांहों पर कोरोना वैक्सीन लगाने का एक कारण ये भी है कि यहां पर वैक्सीन लगाने से आपको रिएक्शन का खतरा कम होता है। बांह की मांसपेशियों में कोरोना वैक्सीन लगाने से आपको दर्द भी कम होता है। शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण के लिए मांसपेशियों का अहम योगदान होता है। बांह की ऊपरी हिस्से वाली मांसपेशियों पर वैक्सीन का डोज लगाने से यह कोशिकाएं मारक सेल्स बन जाती हैं जो कोरोना से प्रभावित कोशिकाओं को खत्म करने का काम करती हैं और शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण करने वाली कोशिकाएं बन जाती हैं। वैक्सीन की डोज अगर सही जगह पर नहीं लगाई जाती है तो इसकी वजह से कोशिकाओं में कई तरह की समस्या होने लगती है। फैट सेल्स में अगर किसी भी वैक्सीन का डोज दिया जाता है तो इसके कारण कोशिकाओं में दर्द, सूजन और अन्य समस्याओं का खतरा रहता है। इसके अलावा सही जगह पर इंजेक्शन न लगने की वजह से आपके शरीर को पूरी मात्रा में इसका फायदा भी नहीं मिल पाता है।  

कैसे काम करती है कोरोना वैक्सीन? (How Does Corona Vaccine Function?)

शरीर में कोरोना वैक्सीन के प्रवेश करने के बाद वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण शुरू होता है। जब आपके हाथ की मांसपेशियों में टीका लगता है तो यह उसके पास मौजूद लिम्फ नोड्स में जाता है। इसके बाद शरीर में मौजूद विशेष कोशिकाओं में इसका डोज पहुंचता है। कोशिकाएं सफेद रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) को वायरस के खिलाफ काम करने के लिए उत्तेजित करते हैं। इन कोशिकाओं को टी और बी कोशिका के रूप में जाना जाता है। शरीर में मौजूद विशेष कोशिकाएं जब इन कोशिकाओं को वायरस के खिलाफ काम करने के लिए प्रशिक्षित कर देती हैं तो ये कोशिकाएं शरीर में संक्रमित कोशिकाओं को खोज कर उन्हें खत्म करने का काम करती हैं।

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हमें उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको यह समझ में आ गया होगा कि कोरोना वैक्सीन की डोज हाथ के ऊपरी हिस्से में ही क्यों दी जाती है? ज्यादातर वैक्सीन को हाथ के ऊपरी हिस्से में ही लगाया जाता है। कोरोना वैक्सीन को लगवाने के बाद हो सकता है कि आपको कुछ लक्षण दिखाई दें। आमतौर पर ये लक्षण अपने आप ही खत्म हो जाते हैं लेकिन अगर आपको ये लक्षण ज्यादा दिनों तक गंभीर रूप से दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। अगर आपके पास कोरोना वैक्सीन से जुड़े कोई भी सवाल हैं तो आप उन्हें कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें भेज सकते हैं।

(All Image Source - Freepik.com)

 

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