भारत बायोटेक ने शुरू किया टीबी वैक्सीन MTBVAC का क्लिनिकल ट्रायल, व्यस्कों पर आजमाई गई वैक्सीन

भारत बायोटेक ने देश में व्यसकों पर टीबी की वैक्सी MTBVAC का क्लीनिकल ट्रायल शुरु कर दिया है। जल्द ही यह लोगों तक पहुंच सकेगी। 
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भारत बायोटेक ने शुरू किया टीबी वैक्सीन MTBVAC का क्लिनिकल ट्रायल, व्यस्कों पर आजमाई गई वैक्सीन


टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जिसके मामले भारत में अधिक देखे जाते हैं। आज भी भारत में टीबी के चलते मरीजों की जान तक जाती है। बच्चों को शुरुआत में ही टीबी की वैक्सीन लगा दी जाती है, लेकिन व्यसकों के लिए अबतक इसका कोई टीका नहीं बना है। भारत बायोटेक ने देश में व्यसकों पर टीबी की वैक्सी MTBVAC का क्लीनिकल ट्रायल शुरु कर दिया है। चलिए जानते हैं भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन जल्द ही कानूनी प्रक्रियाएं होने के बाद लोगों तक पहुंचाई जा सकेगी। 

हर साल 1.6 मिलियन लोगों की होती है मौत 

टीबी पर जारी हुई एक रिपोर्ट की मानें तो हर साल इस बीमारी के चलते 1.6 मिलियन लोगों की जान जाती है। बायोफैब्री के मुताबिक टीबी एक गंभीर बीमारी है, जो दुनिया में संक्रामक कारणों से होने वाली मौत की एक बड़ी वजह मानी जाती है। अन्य देशों के मुकाबले भारत में टीबी के अधिक मामले देखे जाते हैं। दुनियाभर में भारत में टीबी के 28 प्रतिशत मामले देखे जाते हैं। बायोटेक के मुताबिक टीबी से लड़ने के लिए बनाए जाने वाली यह पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे ह्यूमन सोर्स से तैयार किया जा रहा है। 

वैक्सीन बनाने का मुख्य उद्देश्य 

भारत बायोटेक द्वारा बनाई जाने वाली टीबी की वैक्सीन का मुख्य उद्देश्य व्यसकों में टीबी होने से रोकना है। इस वैक्सीन के माध्यम से टीबी की रोकथाम की जा सके। यही नहीं वैक्सीन बनाने का मकसद व्यसकों और किशोरों में टीबी के दुष्प्रभाव से बचाना भी है। भारत बायोटेक द्वारा बनाई जाने वाली वैक्सीन का मकसद इस वैक्सीन को बीसीजी से अधिक प्रभावशाली बनाना है, ताकि यह बीसीजी के मुकाबले लंबे समय तक टीबी को शरीर में घुसने से रोके। 

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टीबी से बचने के तरीके 

  • टीबी से बचने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है। 
  • इसके लिए हाथों को अच्छे से धोएं और छींकते और खांसते समय मुंह पर हाथ रखें। 
  • टीबी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। 
  • टीबी के लक्षण दिखने के बाद इसे नजरअंदाज करने के बजाय चिकित्सक से सलाह लें। 

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