Rift Valley Fever: दुनियाभर में कोरोना वायरस की चौथी लहर धीरे-धीरे दस्तक दे रही है। भारत में भी इस समय कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। दुनिया में कोरोना का एक नया XE वैरिएंट का भी डर फैला हुआ है। कोरोना वायरस का खतरा अभी तक टला नहीं है, लेकिन इसी बीच वैज्ञानिकों ने रिफ्ट वैली फीवर (Rift Valley Fever) की खोज की है। रिफ्ट वैली फीवर जानवरों में फैलने वाली बीमारी है, लेकिन इसके कुछ मामले इंसानों में भी पाए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तो आशंका जताई है, कि यह महामारी का कारण बन सकता है। चलिए, इस लेख में रिफ्ट वैली फीवर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
रिफ्ट वैली फीवर क्या है (What is Rift Valley Fever Virus)
रिफ्ट वैली फीवर वायरस एक वायरल बीमारी है। यह बीमारी आमतौर पर पालतू जानवरों में पाई जाती है। यह वायरस भैंस, बकरी, ऊंट या फिर मवेशियों से इंसानों में फैल सकता है। रिफ्ट वैली फीवर वायरस पालूत जानवरों के बीच मच्छरों से फैलता है, इसके बाद यह इंसानों तक पहुंचता है। वैज्ञानिकों ने अब इंसानों में भी इसकी खोज की है।
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रिफ्ट वैली फीवर के लक्षण (Rift Valley Fever Symptoms)
रिफ्ट वैली फीवर वायरस (Rift Valley Fever Virus) के संपर्क में आने के 2-6 दिनों के अंदर इसके लक्षण नजर आते हैं। यह एक विषाणुजनित रोग है, जो हल्के से लेकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। CDC के अनुसार रिफ्ट वैली फीवर वायरस होने पर बुखार, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, पीठ में दर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण ( Rift Valley Fever Symptoms in Humans) महसूस हो सकते हैं। रिफ्ट वैली फीवर होने पर ये लक्षण करीब एक हफ्ते तक बने रह सकते हैं। रिफ्ट वैली फीवर से पीड़ित व्यक्ति 2 दिन से लेकर 7 दिनों तक ठीक हो सकता है।
इसके अलावा CDC के अनुसार रिफ्ट वैली फीवर वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों का एक छोटा प्रतिशत अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। इसमें शामिल हैं-
- धुंधला दिखाई देना
- कम दिखाई देना
- एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क की सूजन
- रक्तस्त्रावी बुखार- इस दौरान रोगी को खून की उल्टी, खूनी मल या भी नाक से खून बह सकता है।
रिफ्ट वैली फीवर का कारण (Rift Valley Fever Caused By)
रिफ्ट वैली फीवर वायरस RVF विषाणु से होता है, जो फ्लेबोवायरस प्रकार का होता है। रिफ्ट वैली फीवर वैसे तो पालतू जानवरों को होता है, लेकिन यह उनसे इंसानों में भी फैल सकता है। यह वायरस (What Causes Rift Valley Fever) संक्रमित पशु या जानवरों के रक्त को छूने, संक्रमित पुश का कच्चा दूध पीने से फैल सकता है। लेकिन यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है कि नहीं इस बारे में अभी रिसर्च जारी है।