Who Should Go Gluten Free In Hindi: पिछले कुछ सालों में ग्लूटेन फ्री डाइट ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। यह काफी चलन में भी है और कई लोग इसकी तरफ आर्षिक होते हैं, साथ ही, कई लोग बिना किसी मेडिकल सलाह के अपनी डाइट से ग्लूटेन फ्री डाइट को फॉलो कर रहे हैं, लेकिन क्या डाइट में ग्लूटेन को हटाना सही है? और किन लोगों के लिए डाइट ग्लूटेन युक्त फूड्स को हटाना फायदेमंद हो सकता है। आइए मेट्रो अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट और मोटापा विशेषज्ञ एमडी, डीएम (आईएलबीएस), डॉ. राकेश कुमार जगदीश (Dr Rakesh Kumar Jagdish, MD, DM(ILBS), AASLD Awardee, Gastroenterologist, Hepatologist, and Obesity Specialist) से जानें किसे ग्लूटेन फ्री फूड्स खाने चाहिए?
किसको ग्लूटेन फ्री फूड्स खाने चाहिए? - Who Should Eat Gluten Free Foods In Hindi
एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ लोग सीलिएक रोग, नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी और विट यानी गेंहू से एलर्जी की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को ग्लूटेन फ्री फूड्स को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह एक गंभीर बीमारी है। इसके अलावा, ऑटिज्म की समस्या से पीड़ित बच्चे या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी ग्लूटेन फ्री डाइट का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इन समस्याओं के अलावा, लोगों को अपनी डाइट से ग्लूटेन को हटाने की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में ग्लूटेन फ्री डाइट की तरफ जाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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किसे ग्लूटेन फ्री फूड्स खाने चाहिए? - Who Should Go Gluten Free In Hindi
एक्सपर्ट के अनुसार, ग्लूटेन एक प्रोटीन का तत्व है, जो गेंहू, जौ और राई जैसे फूड्स में पाया जाता है। इससे कुछ लोगों को एलर्जी होती है। ऐसे में इन लोगों को इससे बचने की सलाह दी जाती है।
सीलिएक बीमारी में
सीलिएक डिजीज एक ऑटोइम्यून और गंभीर बीमारी है। इसमें ग्लूटेन का सेवन करने से छोटी आंतों की परत को नुकसान होता है। ऐसे में लोगों को ग्लूटेन युक्त आहार से पूरी तरह बचने की सलाह दी जाती है, जिससे इस बीमारी के कब्ज, दस्त, थकान होने, त्वचा पर चकत्ते दिखने, एनीमिया होने वजन कम होने पेट में दर्द होने या सूजन आने जैसे लक्षणों और इसके कारण होने वाली अन्य परेशानियों से बचा जा सके।
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नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी की समस्या में
कुछ लोगों को ग्लूटेन युक्त आहार का सेवन करने के बाद पेट फूलने, पेट में दर्द होने, सिर में दर्द होने और थकान होने जैसी परेशानियां होती है, लेकिन सभी को सीलिएक डिजीज नहीं होता है। यह नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी के कारण भी हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को ग्लूटेन युक्त फूड खाने से सीलिएक रोगियों जैसे लक्षण दिखते हैं। हालांकि, इसमें सीलिएक से पीड़ित लोगों की तरह छोटी आंतों को नुकसान नहीं होता है। ऐसे में इन लोगों को भी ग्लूटेन फ्री डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
गेंहू से एलर्जी की समस्या
नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी या सीलिएक डिजीज से अलग कुछ सोदों को गेंहू से एलर्जी होती है। बता दें, गेंहू में ग्लूटेन होता है। ऐसे में इन लोगों के लिए भी ग्लूटेन-मुक्त डाइट लेना फायदेमंद होता है। इससे एलर्जिक रिएक्शन, पित्ती, त्वचा में दाने, सूजन और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
सीलिएक रोग, नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी, गेंहू से एलर्जी, ऑटिज्म की समस्या और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए डॉक्टर की सलाह के साथ ग्लूटेन फ्री डाइट लेना फायदेमंद है, लेकिन इन समस्याओं की जांच होने पर ही ग्लूटेन फ्री डाइट की तरफ जाएं। ग्लूटेन फ्री डाइट की तरफ खुद से नहीं जाना चाहिए। ध्यान रहे, ग्लूटेन फ्री डाइट की तरफ जाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
ग्लूटेन मुक्त अनाज कौन से हैं?
ग्लूटेन फ्री अनाज के लिए मक्का, क्विनोआ, जई यानी ओट्स, ब्राउन राइस, पास्ता, ज्वार और बाजरा को डाइट में शामिल किया जा सकता है। इनमें फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य में कई लाभ मिलते हैं।ग्लूटेन फ्री फूड क्या है?
ग्लूटेन फ्री फूड्स, वो खाद्य पदार्थ होते हैं, जिन फूड्स में ग्लूटेन नामक प्रोटीन नहीं होता है। ऐसे में ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील लोगों को गेंहू और जौ जैसे ग्लूटेन से युक्त फूड्स को न खाने की सलाह दी जाती है।ग्लूटेन से एलर्जी होने पर क्या होता है?
ग्लूटेन से एलर्जी होने पर लोगों को ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या होने, गैस होने, मतली होने, जी मिचलाने, डायरिया होने, थकान होने, जोड़ों में दर्द होने, स्किन में एलर्जी होने, हाथों-पैरों में सुन्नपन होने, पेट में दर्द होने और सिर में दर्द होने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।