
योग करना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। योग न सिर्फ हमे शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक रहने में मदद करता है, बल्कि कई बीमारियों से बचाव करने में भी मदद करता है। इन्हीं योगासनों में एक आसान वज्रासन भी है, जिसे डायमंड पोज के रूप में भी जाना जाता है। इस आसन को खाना खाने के बाद किया जाता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और शरीर को स्थिर रखने में मदद करता है। वज्रासन में व्यक्ति अपने घुटनों को मोड़कर एड़ियों के बल बैठता है और रीढ़ को सीधा रखते हुए हाथों को घुटनों पर टिकाता है। यह आसन करना बहुत आसान होता है और उतना ही प्रभावशाली भी है। लेकिन, हर व्यक्ति के लिए यह आसन फायदेमंद नहीं होता है। इसलिए, आइए उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम (Praveen Gautam, Yoga Therapist at Yoga Junction, Uttam Nagar, New Delhi) से जानते हैं कि वज्रासन करने से किसे बचना चाहिए?
वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए?
योग एक्सपर्ट प्रवीण गौतम के अनुसार, वज्रासन एक अकेला ऐसा आसन है, जिसे खाना खाने के बाद करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, लेकिन फिर भी इस आसन को करना कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जिसमें-
1. जोड़ों में अकड़न या जकड़न होने पर
जिन लोगों के जोड़ों में अकड़न या जकड़न की समस्या होती है, उन्हें वज्रासन करने से पहले बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यह आसान घुटनों, टखनों और पैरों के जोड़ों पर दबाव डालता है, जिसके कारण पहले से जोड़ों में हो रही समस्या बढ़ सकती है, जिसके कारण दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है। ऐसे लोगों को वज्रासन करने से पहले फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें: हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए रोजाना करें व्रजासन, जानें इसके फायदे और करने का सही तरीका
2. गठिया की समस्या से पीड़ित
गठिया या आर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित लोगों को वज्रासन करने से बचना चाहिए। इस बीमारी में जोड़ों में सूजन, दर्द और जलन की समस्या होती है। वज्रासन में घुटनों और टखनों पर शरीर का पूरा भार पड़ता है, जिससे गठिया की समस्या और गंभीर हो सकती है। खासकर घुटनों में सूजन या दर्द होने पर इस आसन को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

3. टखने या घुटने में चोट लगना
अगर किसी व्यक्ति को पहले से घुटने और टखने में चोट लगी है तो भी वज्रासन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपके चोट के लिए हानिकारक हो सकता है। इस आसन को करने के दौरान शरीर के इन्हीं अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे चोट के कारण कमजोर और सूजे हुए हिस्से पर ज्यादा दबाव पड़ता है, और इस योग को करने के बाद समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए, जब तक चोट पूरी तरह ठीक न हो जाए इस आसन को करने से बचना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: वज्रासन करते समय सुन्न हो जाते हैं पैर, तो जानें इसके कारण और बचाव के उपाय
4. वैरिकोज वेन्स की समस्या
वैरिकोज वेन्स की समस्या में पैरों की नसें बहुत ज्यादा फूल जाती हैं और उनमें ब्लड फ्लो बाधित होता है। इसलिए, जिन लोगों को वैरिकोज वेन्स की समस्या होती है, उन्हें वज्रासन की मुद्रा में बैठने से बचना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक बैठने से पैरों की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे ब्लड फ्लो और बाधित हो सकता है। इसलिए, वैरिकोज वेन्स वाले लोगों को वज्रासन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
वज्रासन एक बेहतर आसन है, जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर रखने, फोकस बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालने में मदद करता है। इसे करना भी बहुत आसान है। इसके बावजूद भी वैरिकोज वेन्स, टखने और घुटने में चोट, गठिया और जोड़ों में अकड़न या जकड़न की समस्या होने पर वज्रासन नहीं करना चाहिए।
Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
- Current Version
- Oct 31, 2025 15:38 IST Published By : Katyayani Tiwari