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वज्रासन करते समय सुन्न हो जाते हैं पैर, तो जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

Causes Of Feet Numbness During Vajrasana: व्रजासन करते समय कुछ लोगों के पैरों झुनझुनी हो सकती है। आगे जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय   
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वज्रासन करते समय सुन्न हो जाते हैं पैर, तो जानें इसके कारण और बचाव के उपाय


Causes Of Feet Numbness During Vajrasana: पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए योग करने की सलाह दी जाती है। योगाचार्य पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए खाना खाने के बाद व्रजासन करना फायदेमंद बताते हैं। वज्रासन को थंडरबोल्ट पोज के रूप में भी जाना जाता है। यह बेहतर पाचन तंत्र के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को पेट की ओर लाता है। इससे पाचन क्रिया तेजी से होती है। हालांकि, कुछ लोगों को वज्रासन के दौरान पैर सुन्न होने की समस्या हो सकती है। इस लेख में, हम व्रजासन के दौरान पैर सुन्न (numbness during vajrasana) होने के कारण के बारे में जानेगें। इसको जानने के लिए हमने योग एक्सपर्ट ऋपसी अरोड़ा से बात की तो उन्होंने व्रजासन करते समय पैर सुन्न होने के कारण और उससे बचाव के उपाय बताए। 

वज्रासन के दौरान पैरों के सुन्न होने के कारण- Causes Of Feet Numbness During Vajrasana In Hindi

ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी

वज्रासन के दौरान पैरों के सुन्न होने का एक मुख्य कारण ब्लड सर्कुलेशन का खराब होना है। एड़ियों के बल बैठने से पैरों की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे पैरों में रक्त का प्रवाह (ब्लड सर्कुलेशन) बाधित होता है। ब्लड सर्कुलेशन कम होने से पैरों में झुनझुनी (Tingling in Feet) या पैर सुन्न हो सकते हैं। 

feet numbness during vajrasana

नसों में कॉन्ट्रेक्शन 

वज्रासन को लंबे समय तक करने से टांगों और पैरों की नसों में खिंचाव हो सकता है। जब नसें सिकुड़ (nerve signals) जाती हैं, तो मस्तिष्क और पैरों के बीच सिग्नल प्रभावित हो सकते हैं, जिसके चलते पैरों में सुई चुभने जैसी महसूस हो सकत है।

गलत मुद्रा

वज्रासन के दौरान गलत आसन करने से पैरों के सुन्न होने की आशंका बढ़ सकती है। यदि आसन के दौरान शरीर का वजन असमान रूप से वितरित है या यदि पैरों के विशिष्ट क्षेत्रों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है, तो यह नसों को संकुचित कर सकता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में कमी आ सकती है। 

मांसपेशियों में दबाव

वज्रासन के दौरान टांगों और पैरों की मांसपेशियां में दबाव भी पैरों के सुन्न होने का कारण बन सकता है। जब मांसपेशियां एक ही स्थिति में रहती हैं और उनकी नसों पर शरीर का भार पड़ता है, तो इससे पैर सुन्न होने लगते हैं। 

पैरों में पहले से किसी प्रकार की समस्या 

यदि किसी व्यक्ति को पैरों से जुड़ी कोई समस्या है तो उसको वज्रासन नहीं करना चाहिए। इस दौरान व्यक्ति को पैर में सुन्न होने और पैरों की पिड़लियों में दर्द महसूस हो सकता है। 

वज्रासन करते समय पैर सुन्न होने का बचाव कैसे करें - Prevention Tips Of Feet Numbness During Vajrasana In Hindi

वार्म-अप एक्सरसाइज

वज्रासन का अभ्यास करने से पहले शरीर को मुद्रा के लिए तैयार करें। इसके लिए आप हल्की जॉगिंग कर सकते हैं। लेकिन, इस बात का ध्यान दें कि आपका पेट खाली हो। 

प्रॉप्स का उपयोग करें

जोड़ों पर दबाव कम करने के लिए वज्रासन करते समय अपने घुटनों के नीचे तकिया या मुड़ा हुआ कंबल रखें। कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाने से नसों के अत्यधिक दबाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

लंबे समय तक आसन न करें 

यदि व्रजासन करते समय आपके पैर सुन्न हो जाते हैं तो ऐसे में आप आसन को सीमित समय के लिए करें। दो से पांच मिनट के लिए आसन को दो से तीन सेट में कर सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें: खाने के बाद करें वज्रासन, शरीर को मिलेंगे कई फायदे और बेहतर होगा पाचन

Causes Of Feet Numbness During Vajrasana: व्रजासन के दौरान पैरों में दर्द महसूस हो, तो आप तुरंत नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं। ज्यादा देर तक पैरों के सुन्न होने से अंगों पर दबाव बढ़ सकता है और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। 

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