Doctor Verified

ब्रेन और लिवर की खतरनाक बीमारी है Reye's Syndrome, जानें किन्हें होता है इसका ज्यादा खतरा और इसके लक्षण

रेये सिंड्रोम के लक्षण मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों में देखें जाते हैं। इस लेख में जानते हैं कि रेये सिंड्रोम किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
ब्रेन और लिवर की खतरनाक बीमारी है Reye's Syndrome, जानें किन्हें होता है इसका ज्यादा खतरा और इसके लक्षण


रेये सिंड्रोम (Reye Syndrome) एक गंभीर डिसऑर्डर है, जो दुर्लभ मामलों में देखने को मिलता है। इस समस्या में व्यक्ति के ब्रेन और लिवर को नुकसान हो सकता है। वैसे तो यह सिंड्रोम किसी भी उम्र के लोगों को हो सकते हैं। लेकिन, बच्चों और किशोरों में इसके अधिक मामले देखने को मिलते हैं। जिन बच्चों को वायरल होता है उनको रेये सिंड्रोम होने का जोखिम अधिक होता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। सामान्य रूप से फ्लू, चिकनपॉक्स और ऊपरी रेस्पिरेटरी सिस्टम के इंफेक्सन के बाद यह डिसऑर्डर हो सकता है। जानकारों के अनुसार रेये सिंड्रोम के कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। इस लेख में यशोदा सुपर स्पेशिलिटी के पीडियेट्रिक सीनियर कंसल्टेंट डॉ दीपिका रुस्तगी जानते हैं कि किन लोगों को रेये सिंड्रोम होने का जोखिम अधिक (who are more prone to get affected with Reye syndrome) होता है। 

किन लोगों को रेये सिंड्रोम का जोखिम अधिक होता है? - Who are more prone to get affected with Reye's syndrome in hindi

कुछ विशेष तरह की समस्याओं और बीमारियों में रेये सिंड्रोम होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसे आगे जानते हैं। 

बच्चे और किशोर

रेये सिंड्रोम मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों में पाया जाता है। खासकर 4 से 12 साल की उम्र के बच्चों में रेये सिंड्रोम के मामले देखने को मिलते हैं। छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। ऐसे में रेये सिंड्रोम का जोखिम अधिक होता है। जब बच्चे या किशोर किसी वायरल संक्रमण से गुजरते हैं और उन्हें नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (NSAID) दी जाती है, तो ऐसे में रेये सिंड्रोम विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

Who are more prone to get affected with Reye's syndrome in hindi

वायरल संक्रमण के बाद

रेये सिंड्रोम सामान्य रूप से फ्लू, चिकनपॉक्स और अन्य वायरल संक्रमण के बाद हो सकता है। जिन बच्चों को हाल ही में फ्लू या चिकनपॉक्स हुआ है, वे इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यदि, वायरल संक्रमण के दौरान या उसके बाद नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (NSAID) जैसे एस्पिरिन दी जाती है, तो इससे रेये का जोखिम बढ़ जाता है। 

जिनकी परिवार में पहले किसी को रेये सिंड्रोम हुआ हो

डॉक्टर्स की मानें तो रेये सिंड्रोम के अनुवांशिक कारक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन देखा गया है कि जिन परिवार के लोगों को पहले यह बीमारी होती है, उवके बच्चों को इसका जोखिम अधिक होता है। 

रेये सिंड्रोम के क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - Symptoms Of Reye's Syndrome In Hindi 

इसके लक्षण तेजी से विकसित हो सकते हैं, साथ ही गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं। आगे जानते हैं रेये सिंड्रोम के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में।  

  • रेये सिंड्रोम के शुरुआती लक्षणों में से एक लगातार उल्टी होना है, जो वायरल संक्रमण के बाद शुरू होती है। यह उल्टी बिना किसी स्पष्ट कारण के होती है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
  • रेये सिंड्रोम मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिसके कारण बच्चों में चक्कर आना, मानसिक भ्रम (कंफ्यूजन), और जागरूकता की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। बच्चे अचानक से प्रतिक्रिया देना बंद कर सकते हैं या बात करने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।
  • बच्चों को इस समस्या में चक्कर आने की समस्या हो सकती है। 
  • इस समस्या में बच्चों के व्यवहार में बदलाव दिखाई दे सकता है। बच्चों में चिड़चिड़ापन होने लगता है। 
  • स्थिति गंभीर होने पर बच्चों को दौरे पड़ने की समस्या हो सकती है। 
  • रेये सिंड्रोम में लिवर की कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है। 

इसे भी पढ़ें: बच्चों में फंगल इंफेक्शन के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय

रेये सिंड्रोम एक गंभीर समस्या है। लेकिन, समय रहते इसकी पहचान कर इलाज किया जा सकता है। बच्चों और किशोरों को वायरल संक्रमण से बचाकर आप इस समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही, बच्चों को खुद से किसी भी तरह की दवा न दें। रेये सिंड्रोम के लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Read Next

बच्चे के पेट में कीड़े हैं, तो अपनाएं ये 5 उपाय, हेल्दी रहेगा बच्चा

Disclaimer