How To Reduce Worms Risk In Children: बच्चों को अक्सर कई चीजों के बारे में पता नहीं होता है। ऐसे में वह जाने-अजाने ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जो उनके लिए परेशानी का कारण बन जाती है। ठीक इसी तरह बाहर से हाथ धोए बिना खाना खाने से बच्चों के पेट में कीड़े होेने की समस्या हो सकती है। इस दौरान बच्चों का वजन तेजी से कम हो सकता है। साथ ही, कुछ बच्चों का खाने का मन नहीं करता है। इस समस्या से बच्चों को बचाने के लिए अभिभावकों का जागरूक होना बेहद आवश्यक होता है। इसके लिए माता-पिता कई तरह के उपाय अपना सकते हैं। आगे जानते हैं बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या से बचाव के लिए क्या करें।
बच्चे के पेट में कीड़े हैं, तो अपनाएं ये 5 उपाय, हेल्दी रहेगा बच्चा - Ways To Reduce Worms Risk In Children In Hindi
बच्चों को स्वच्छता के प्रति मोटिवेट करें
बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या को रोकने के लिए आप बच्चे को स्वच्छता के बारे में बताएं। बच्चों को खाना खाने व बाहर खेलने के बाद हाथ-पैरों को साबुन से धोने की बात कहें। अगर, बच्चा बाहर से आने के बाद हाथ नहीं धोता है तो इससे उसको बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है।
बच्चे को साफ पानी और खाना दें
दूषित पानी और खाना बच्चों के पेट में कीड़े की मुख्य वजह बन सकते हैं। इससे बचने के लिए आप बच्चों फिल्टर या साफ पिलाएं। वहीं, बच्चों को खराब व बासी खाना न दें। दसअसल, बच्चे के लिए बनाएं जाने वाले आहार को अच्छी तरह से धोना आवश्यक होता है।
घर को साफ-सुथरा रखें
घर को साफ-सुथरा रखने से बच्चे को कीड़े की समस्या से बचाया जा सकता है। दरअसल, जब आप घर, किचन, बाथरूम आदि को साफ रखते हैं, तो इससे बच्चे के संक्रमित होने की आंशका कम हो जाती है। इससे पेट में कीड़े होने की आंशका को कम किया जा सकता है। गंदी जगह पर कीड़े तेजी से फैलते हैं।
बाहर नंगे पैर न जानें दें
जब बच्चा बाहर गंदगी वाली जगह पर नंगे पैर चलता है, तो इससे वह कीड़ों के संपर्क में आ सकता है। इसलिए बच्चे को बाहर खेलते समय जूते अवश्य पहनाएं। इससे बच्चे का कीटाणुओं के संपर्क में आने से बचाव होता है।
हेल्दी डाइट
संतुलित और पौष्टिक आहार बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को सपोर्ट करता है। इम्यून सिस्टम मजबूत होने से बच्चे को संक्रमण होने की आंशका कम हो जाती है। इसके लिए आप बच्चे की डाइट में फल, सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट और साबुत अनाज शामिल कर सकते हैं।
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इन सक्रिय उपायों को दैनिक दिनचर्या में शामिल करके और कृमि निवारण रणनीतियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देकर, माता-पिता बच्चों में आंतों के कीड़ों के खतरे को काफी कम कर सकते हैं। हालाँकि, यह याद रखना आवश्यक है कि जहाँ रोकथाम महत्वपूर्ण है, वहीं समय पर चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना और अनुशंसित डीवर्मिंग प्रोटोकॉल का पालन करना कृमि संक्रमण के प्रबंधन और उपचार के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सतर्कता, शिक्षा और स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ, माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को आंतों के कीड़ों के खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं।
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