
उम्रदराज लोगों की तुलना में छोटे बच्चों में वॉर्म इंफेक्शन (पेट में कीड़े) की समस्या अधिक होती है। इस इंफेक्शन को सॉइल ट्रांसमिटेड हेलमिनिथ (Soil Transmitted Helminths) के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ये अक्सर मिट्टी के माध्यम से बच्चों के शरीर में पहुंचता है। ये बच्चों के पेट में राउंडवॉर्म, व्हिपवॉर्म और हुकवॉर्म जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। पेट के कीड़े बच्चों में कुपोषण और आंतों में ब्लॉकेज जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। खासकर जो बच्चे मिट्टी में अधिक खेलते हैं, उनके पेट में अधिक कीड़े हो सकते हैं। इसलिए उपचार शुरू करने से पहले इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है। आइए जानते हैं विस्तार से।
वर्म इंफेक्शन के लक्षण
मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा के सीनियर कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन एंड नियोनैटालॉजिस्ट, डॉक्टर अमित गुप्ता के मुताबिक वॉर्म इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण आमतौर पर आंत और पाचन से संबंधित हो सकते हैं। जैसे -
गंभीर पेट दर्द और भूख न लगना
वर्म इंफेक्शन होने पर बच्चे के पेट में अचानक दर्द उभर सकता है। साथ ही ये इंफेक्शन भूख न लगने की समस्या को भी बढ़ा सकता है।
अपच की समस्या
पेट में कीड़े होने पर कुछ भी खाने के बाद अपच की समस्या हो सकती है। अपच होने पर पेट में दर्द और मरोड़ हो सकता है, साथ ही दस्त की समस्या भी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें- बच्चे के पेट में हो गए हैं कीड़े तो उन्हें खिलाएं ये फूड्स, मिलेगा छुटकारा
मुंह से बदबू आना
पेट में कीड़े कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों का उत्पादन करते हैं। ये आमतौर पर मुंह में बदबू पैदा कर सकते हैं। हालांकि मुंह से आने वाली बदबू कई बार कमजोर डाइजेस्टिव सिस्टम के कारण भी हो सकती है।
मल में कीड़े
पेट में कीड़े होने पर गुदा द्वार के आसपास खुजली और संक्रमण की समस्या हो सकती है। इसके अलावा बच्चे के मल में सफेद रंग के छोटे कीड़े भी नजर आ सकते हैं।
पेट के कीड़ों का घरेलू इलाज
वर्म इंफेक्शन का इलाज संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करता है। वर्म से छुटकारा पाने के लिए एंटी-बायोटिक दवाओं का सेवन किया जा सकता है। साथ ही कुछ ऐसी होम रेमेडीज का सहारा लिया जा सकता है, जो तुरंत आराम पहुंचा सकती हैं। आइए जानते हैं उनके विषय में-
लहसुन
लहसुन का सेवन पेट के कीड़ों को मारने में मदद कर सकता है। चूंकि लहसुन से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इस उपाय का उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह लें।
पपीते की बीज
पपीते के बीज में कृमिनाशक और अमीबारोधी गुण होते हैं। सूखे पपीते के बीज और शहद के मिश्रण से पेट के कीड़े मर जाते हैं और मल के रास्ते से निकल सकते हैं।
अजवाइन
कैरम यानी अजवाइन के बीज में कृमिनाशक गुण होते हैं। बीजों में भूरे रंग का तेल होता है,जिसमें थाइमोल मुख्य रूप से होता है। ये आंत से कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
इसे भी पढ़ें- बच्चों और बड़ों के पेट में कीड़े होने के लक्षण और इसे ठीक करने के 8 आयुर्वेदिक नुस्खे
करेला
करेले के बीज, पत्तों और फल के अर्क में कृमिनाशक तत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि बच्चे को करेले का जूस पिलाने से पेट के कीड़े मारने में मदद मिल सकती है।
हल्दी
पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली के अनुसार हल्दी कृमिनाशक होती है। ऐसा माना जाता है कि आपके बच्चे के दूध में हल्दी पाउडर मिलाने से कीड़े बाहर निकलने में मदद मिल सकती है।