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Popcorn Brain Syndrome: सोशल मीडिया के कारण युवा हो रहे हैं इस सिंड्रोम का शिकार, जानें इसके लक्षण

What is Popcorn Brain syndrome: जो लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं उनमें पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम के लक्षण ज्यादा देखें जा रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
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Popcorn Brain Syndrome: सोशल मीडिया के कारण युवा हो रहे हैं इस सिंड्रोम का शिकार, जानें इसके लक्षण


What is Popcorn Brain syndrome and its Symptoms: क्या आप टीवी देखते हुए बार-बार रिमोट दबाते हैं और चैनल बदलते रहते हैं? मोबाइल पर कभी कॉल, कभी व्हाट्सएप तो कभी इंस्टाग्राम पर स्क्रॉलिंग करते हैं? इतना कुछ करने के बाद आप लोगों से इस बात की शिकायत भी करते हैं, कि अरे मैं तो किसी एक चीज पर फोकस ही नहीं कर पा रहा हूं। समझ नहीं आ रहा है करूं भी तो आखिरकार क्या? अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है तो आपका दिमाग पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम (Popcorn Brain syndrome) का शिकार हो चुका है।

सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने वाले लोगों को यह सिंड्रोम हो रहा है और इससे पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। यह सिंड्रोम दिमाग पर असर करता है और दिमाग के सोचने व समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। इन दिनों जब रील स्क्रॉलिंग तेजी से बढ़ रही है, तब हम आपको बताने जा रहे हैं पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने मुंबई के मीरा रोड स्थित वॉकहार्ट हॉस्पिटल के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्टस डॉ. पवन पई से बात की।

क्या होता हो पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम- What is Popcorn Brain Syndrome

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डॉ. पवन पई का कहना है कि यह सिंड्रोम दिमाग की एकाग्रता को प्रभावित करता है। इसमें दिमाग एक चीज को देखने के तुरंत बाद दूसरी और फिर तीसरी चीज देखने के लिए भागता है। दिमाग को हर वक्त कुछ नया चाहिए होता है। आप यूं कह सकते हैं कि पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम में दिमाग बिल्कुल 2 साल के बच्चे की तरह काम करता है। जिस तरह से बच्चों को रोजाना नई एक्टिविटी चाहिए होती है, ठीक वैसे ही पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम से ग्रस्त इंसान को हर पल कुछ नया चाहिए होता है। ऐसे में दिमाग अस्थिर नहीं रह पाता है और व्यक्ति के अंदर फोकस की कमी हो जाती है।

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पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Popcorn Brain Syndrome

  • बार-बार सोशल मीडिया पर ध्यान जाना और स्क्रॉलिंग करना
  • किसी भी एक चीज पर फोकस न कर पाना
  • सही काम को लेकर प्रेशर का अनुभव करना
  • मल्टी टास्किंग करते हुए परेशानी महसूस होना
  • सीखने, याद करने में परेशानी होना
  • नए प्लान्स बनाने और किसी की बात सुनने में परेशानी महसूस करना इस सिंड्रोम के लक्षण हैं।

पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम के नुकसान क्या है?

डॉ. पई का कहना है कि पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम में दिमाग अस्थिर रहता है, जिसकी वजह से जरूरी चीजों को फोकस नहीं कर पाता है। यह परेशानी ज्यादातर वर्किंग प्रोफेशनल और स्टूडेंट्स को होती है। ऐसे लोग जब अपने जरूरी कामों पर फोकस नहीं कर पाते हैं, तो असंतुष्टि की भावना मन में पैदा होती है। इसकी वजह से दुखी रहना, परेशान महसूस होना और कई बार व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है। इस सिंड्रोम का असर दिमाग की कार्य क्षमता पर पड़ता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को कई बार सामने रखी हुई चीजें भी नहीं मिलती है। इसके अलावा व्यक्ति याद की हुई चीजों को तुरंत ही भूल जाता है।

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पॉपकॉर्न ब्रेन सिंड्रोम से बचाव के तरीके- Prevention tips of Popcorn Brain Syndrome

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी सिंड्रोम से बचाव तभी किया जा सकता है, जब व्यक्ति एक शेड्यूल को फॉलो करें। आइए जानते हैं इसके बारे में।

  • एक्सपर्ट के अनुसार इस सिंड्रोम से बचने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले सोशल मीडिया पर कितना वक्त बिताना है इसका समय निर्धारित करना चाहिए।
  • ऑफिस में काम के बीच ब्रेक लेते समय मोबाइल चलाने की बजाय दोस्तों से बात करनी चाहिए।
  • दिन में रूटीन बनाना चाहिए कि वह कब कौन सी एक्टिविटी को करेगा।
  • इस सिंड्रोम से बचने के लिए खाना खाते वक्त मोबाइल नहीं चलाना चाहिए।

Image Credit: Freepik.com

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