समय के साथ लोगों को हाथ-पैरों की मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। इसके चलते लोग सही तरह से चल नहीं पाते हैं। साथ ही, लोगों को शरीर का बैलेंस करने में भी परेशानी होने लगती है। ऐसे में लोगों को रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत आती है और वह बाहर जाने से करताने लगते हैं। कैल्शियम हमारे शरीर में एक आवश्यक मिनरल होता है। यह मुख्य रुप से हड्डियों और दांतों की हेल्थ के लिए आवश्यक होता है। इसनमके अलावा, कैल्शियम आपकी मांसपेशियों और नसों के कार्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, कुछ स्थिति में कैल्शियम शरीर के सॉफ्ट टिश्यू में जमा होने लगता है, इससे मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों को हिलाने में परेशानी होने लगती है। नोएड़ा के वेव क्योर सेंटर के सीनियर अर्थोपेडिक अंकित पाठक से जानते हैं मांसपेशियों और जोड़ों में कैल्शियम जमा होने (calcification) के क्या कारण होते है और इस दौरान व्यक्ति को क्या लक्षण महसूस होते हैं?
कैल्सिफिकेशन के क्या कारण होते हैं?
कुछ लोगों को लगता है कि कैल्शियम से भरपूर डाइट लेने से कैल्सिफिकेशन का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन, डॉक्टर्स की मानें तो ऐसा समझना गलत है। लेकिन, कई तरह के कारक कैल्शियम (Calcification causes) जमा होने के कारण बन सकते हैं। इसमें संक्रमण, उम्र बढ़ना, पहले किसी तरह की सर्जरी होना और कैंसर आदि को शामिल किया जाता है। इसके अलावा, सूजन आपके टिश्यू को डैमेज कर सकती है। इससे आपके शरीर से प्रोटीन निकल सकता है, जो कैल्शियम को गांठों में बांधने का काम करता है। इस प्रकार के डिसऑर्डर हाइपरकैल्सीमिया की स्थिति की संभावना बढ़ा सकते हैं। यह स्थिति तब बनती है जब आपके रक्त में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है। ऑटोइम्यून रोग जो आपके स्केलेटन सिस्टम या क्नेक्टिव टिश्यू को प्रभावित करते हैं, कैल्सीफिकेशन का कारण बन सकते हैं। कैल्शियम शरीर के किसी भी हिस्से और जोड़ों में जमा हो सकता है। यह जिस हिस्से में जमा होता है, लक्षण भी उसी से संबंधित दिखाई देते हैं।
कैल्सिफिकेशन के क्या लक्षण होते हैं?
कैल्सिफेकेशन में जब किसी व्यक्ति के ब्रेन में कैल्शियम जमा होने लगता है, तो उसको कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इस प्रकार कैल्सिफिकेशन में व्यक्ति को मूवमेंट डिसऑर्डर होता है। इसमें व्यक्ति को कंपकंपी और चलने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, आपको मानसिक और व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और उसे डिमेंशिया का जोखिम बढ़ जाता है।
- स्किन पर लालिमा और खुजली की समस्या होना
- किड़नी में कैल्शियम जमा होने या अधिक होने से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- इस समस्या में कुछ लोगों को कंधे का मूवमेंट करने में पेरशानी हो सकती है।
- नसों में कैल्शियम जमा होने से हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।
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कैल्शियम की मात्रा बढ़ने या किसी एक हिस्से में कैल्शियम इकट्ठा होने से आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती है। इसमें मांसपेशियां और जोड़ों में अकड़ने होने लगती है। यदि आपको इस स्थिति में ज्यादा परेशानी हो रही है तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।