Vitamins for Hdl cholesterol: हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, पहला गुड कोलेस्ट्रॉल जो कि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन है और यह शरीर के लिए हेल्दी तरीके से काम करते हैं और दूसरा, बैड कोलेस्ट्रॉल है जो कि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन है जो कि ब्लड वेसेल्स से चिपकर बॉकेज का कारण बन सकते हैं। सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (ldl cholesterol) से बचें और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (hdl cholesterol) का सेवन करें। दरअसल, गुड कोलेस्ट्रॉल, स्किन को हेल्दी रखने और इसकी चमक बनाए रखने में मददगार है। इसके अलावा हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन की वजह से आपकी हड्डियों में ग्रीस बनी रहती है और यही विटामिन डी को बढ़ाने में मददगार है। इसके अलावा लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (ldl cholesterol) की वजह से मोटापा और दिल की बीमारियों का शिकार होना पड़ सकता है। तो इसलिए कोशिश करें आप ज्यादा से ज्यादा गुड कोलेस्ट्रॉल का सेवन करें। ऐसे में एक विटामिन है जो कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है । क्या है जानते हैं इस बारे में Ms. Edwina Raj, Head of Services - Clinical Nutrition & Dietetics, Aster CMI Hospital, Bangalore
कौन सा विटामिन एचडीएल बढ़ा सकता है-Vitamins for hdl cholesterol in Hindi
शोध के आंकड़ों के अनुसार विटामिन बी3 (Vitamin B3) का एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर 25% तक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसे आमतौर पर नियासिन के रूप में जाना जाता है। नियासिन लिपिड मेटाबॉलिज्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने की इसकी क्षमता के लिए बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है जो कि गुड कोलेस्ट्रॉल (good cholesterol)के जरिए दिल को सुरक्षा प्रदान करता है। धमनियों से कोलेस्ट्रॉल को उत्सर्जन के लिए लिवर तक ले जाने में सुविधा प्रदान करके, नियासिन एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
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विटामिन बी3 और गुड कोलेस्ट्रॉल-Vitamin B3 and Hdl Cholesterol
विटामिन बी3 यानी कि नियासिन दिल के काम काज को हेल्दी रखने में बेहद मददगार है। नियासिन ब्लड वेसेल्स को हेल्दी रखने से लेकर फैट मेटाबॉलिज्म में मददगार है। विटामिन बी3 एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मददगार है। नियासिन की खास बात यह है कि ये धीमे-धीमे ट्राईग्लिसराइड को कम कर सकता है और खून से फैट के कणों को साफ करता जाता है। इससे धमनियों की दीवार साफ हो जाती है और बैड कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा मिलता है। इससे दिल पर प्रेशर नहीं पड़ता और हमारा दिल हेल्दी रहता है।
नियासिन के क्या लाभ हैं-Niacin benefits in hindi
नियासिन के कई फायदे हैं जिसमें से सबसे बड़ा फायदा यह है यह ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है जिससे दिल की बीमारियों से ही बचाव नहीं होता बल्कि, यह फैटी लिवर की समस्या को कम करने में मददगार है। इसके अलावा जठरांत्र संबंधी समस्याएं या ग्लूकोज असहिष्णुता को कम करने में भी नियासिन मददगार हो सकता है। इसके अलावा ये फूड को एनर्जी में बदलने, नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखने, डाइजेशन बढ़ाने और हेल्दी स्किन पाने में मददगार है। इतना ही नहीं नियासिन एक मल्टीविटामिन है जो कि आपको कई समस्याओं से बचाव में मदद कर सकता है।
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अधिक मात्रा में, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाने, कुछ प्रकार के हृदय रोग की प्रगति को धीमा करने और यहां तक कि स्मृति हानि और मनोभ्रंश को रोकने में मदद करने के लिए सप्लीमेंट के रूप में नियासिन की सिफारिश की जा सकती है। हालांकि, हम अतिरिक्त नियासिन के जोखिमों और शरीर पर इसके प्रभाव के बारे में सीखना जारी रख रहे हैं।
हमें आमतौर पर अपने द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से पर्याप्त मात्रा में नियासिन मिलता है, जिसमें लाल मांस, मुर्गी, मछली, ब्राउन राइस, नट्स, बीज, फलियां और केले शामिल हैं। कई अनाज और ब्रेड में भी नियासिन मिलाया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है कि नियासिन ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी कम कर सकता है और खून में समग्र कोलेस्ट्रॉल के बोझ को कम कर सकता है।
लेकिन, किसी भी सप्लीमेंट के रूप में इसे लेने से बचें। हमेशा एक्सपर्ट से बात करके ही नियामिन लें। क्योंकि सप्लीमेंट्स को यूं ही लेना आपको बीमार कर सकता है और आपको सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि नेचुरल फूड्स लें जैसे कि विटामिन बी 3 भरपूर खाद्य पदार्थ, हाई फाइबर फूड्स और फिर उन उपायों को आजमाएं जो कि नेचुरली कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार है।
FAQ
लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन क्या होता है?
लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, बैड कोलेस्ट्रॉल है जो कि धमनियों से चिपक जाता है और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। ये ब्लड वेलेल्स प्रभावित करता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का भी कारण बन सकता है।एचडीएल कम होने से कौन सी बीमारी होती है?
एचडीएल कम होने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा आपका मेटाबॉलिज्म खराब हो सकता है जो कि कई समस्याओं का कारण बन सकता है।कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या करें?
कोलेस्ट्ऱॉल कम करने लिए आप हाई फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करें जो कि धमनियों को साफ करने के साथ बीपी बैलेंस करने में मददगार है।